विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय

सीएसआईआर-सीएमईआरआई ने अपने आवासीय परिसर में आउटडोर वायु शोधक यंत्र का अनावरण किया


इन वायु शोधक यंत्रों को परिसर की संकरी गलियों पर केंद्रित स्ट्रीट लाइट के खम्भे पर स्थापित किया गया है और यह मशीन सौर ऊर्जा से भी कार्य करती है

Posted On: 22 FEB 2021 4:48PM by PIB Delhi

वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद-सीएसआईआर-केंद्रीय मैकेनिकल इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान, दुर्गापुर ने आज सीएसआईआर-सीएमईआरआई द्वारा विकसित बाहरी वायु शोधक यंत्र का अनावरण किया जिसे दुर्गापुर (पश्चिम बंगाल) में सीएसआईआर-सीएमईआरआई  ने अपने आवासीय परिसर में स्थापित किया है। प्रो सीएसआईआर-सीएमईआरआई के ​​निदेशक, डॉ. हरीश हिरानी ने कहा कि इन दिनों उद्योगों और ऑटोमोबाइल के कारण वायु प्रदूषण चिंता का प्रमुख कारण है। विशेष रूप से कोविड महामारी की अवधि के दौरान यह ध्यान देने योग्य था जब वातावरण में वायु प्रदूषण में कमी आई थी और इसके साथ-साथ सूक्ष्म जीवों, बैक्टीरिया और वायरस आदि में भी कमी आई थी। प्रो. हिरानी ने इस उत्पाद की तकनीक के बारे में संक्षेप में बताते हुए कहा कि इंडोर एयर क्लीनर और प्यूरीफायर बाजार में उपलब्ध हैं, लेकिन यह एक आउटडोर है जिसकी रेडियल रेंज 5 मीटर है। इसकी मदद से पर्यावरण और प्रदूषण के स्तर के आधार पर वायु प्रदूषण को 50 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है। इस मशीन में मौजूद एक अनुकूलित समायोज्य टाइमर को सबसे अधिक प्रदूषण की अवधि के लिए सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक लगाया जा सकता है। मशीन की लागत बहुत कम है और इसके रखरखाव की लागत भी काफी कम है। हम इसे वैक्यूम क्लीनर से भी साफ कर सकते हैं। ये एयर प्यूरीफायर परिसर की तंग गलियों को ध्यान में रखते हुए स्ट्रीट लाइट के खम्भे पर लगाए गए हैं और यह मशीन सौर ऊर्जा से भी चलती है। व्यापक सुविधाओं, प्रयुक्त घटकों और सामग्रियों को ध्यान में रखते हुए, एक इकाई की मौजूदा लागत 25 हजार रुपये आती है, जो कि करों को मिलाकर 30 हजार रुपये तक जा सकती है। मशीन में लगी स्टील की सतह वाली बॉडी को प्लास्टिक से बदलने और पराबैंगनी लैम्प को हटा देने या आवश्यकता के अनुसार अनुकूलित करने पर इसकी लागत काफी कम हो सकती है।

एमएसएमई-डीआई, दुर्गापुर, सरकार के संयुक्त निदेशक श्री प्रदीप कुमार दास ने इस अवसर पर आत्मनिर्भरता, आयात प्रतिस्थापन की दिशा में निरंतर अनुसंधान और विकास नवाचारों और आत्मनिर्भर भारत के लिए सीएसआईआर-सीएमईआरआई की भूमिका की सराहना की। उन्होंने इस मशीन को बहुत नवीन बताया और संस्थान के तकनीकी विकास और नवाचार के साथ आपसी लाभ के लिए एमएसएमई से आगे आने का अनुरोध किया। श्री दास ने कहा कि इस आभासी वैश्विक परिवेश में एमएसएमई की सरकार के ई-मार्केट प्लेस (जीईएम) पर उपलब्धता बहुत कम है जिसे इस क्षेत्र के युवाओं को भी कौशल और रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए बेहतर बनाने की आवश्यकता है।

पश्चिम बंगाल राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, भारत सरकार के दुर्गापुर क्षेत्रीय कार्यालय के  प्रभारी अधिकारी, श्री अरूप कुमार डे ने बताया कि सीएसआईआर-सीएमईआरआई द्वारा विकसित बाहरी वायु शोधक यंत्र नवीन और कम लागत वला है। उन्होंने कहा कि सतत विकास में, इस तरह के अभिनव उत्पाद हमारे जैसे विकासशील समाज में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। श्री डे ने संस्थान द्वारा विकसित धुआं रहित चूल्हे के बारे में भी जानकारी प्रदान की और कहा कि यह हमारे देश में विशेष रूप से ग्रामीण आबादी में प्रदूषण के स्तर को नीचे लाने में भी एक महत्वपूर्ण उत्पाद साबित होगा।

मीडिया के साथ बातचीत के दौरान प्रो. हिरानी ने वायु शोधक यंत्र के विकास को विस्तार से बताया और कहा कि यह उत्पाद पश्चिम बंगाल राज्य में कई मापदंडों पर अपनी तरह का पहला उत्पाद है। इसकी लागत के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह बड़े पैमाने पर उत्पादन और आवश्यकता के अनुसार आगे अनुकूलन पर कम किया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि उत्पाद कुछ महीने पहले ही विकसित किया गया था और इसका परीक्षण किया जा रहा था।

   

 

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