रक्षा मंत्रालय
इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल (आईआईएसएफ) 2020 का उद्घाटन
Posted On:
08 DEC 2020 8:30PM by PIB Delhi
विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने आज इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल (आईआईएसएफ) 2020 के कर्टन रेज़र कार्यक्रम की अध्यक्षता की। यह कार्यक्रम डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ हाई एल्टीट्यूड रिसर्च (डीआईएचएआर), डीआरडीओ प्रयोगशाला में लेह-लद्दाख में आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन वर्चुअली किया गया।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल (आईआईएसएफ) हर साल मनाया जाता है और यह प्रदर्शित करता है कि कैसे विज्ञान बहुत कम समय में भारत को एक विकसित राष्ट्र की ओर ले जा सकता है। विज्ञान महोत्सव का मकसद जनता को विज्ञान के साथ जोड़ना होता है। विज्ञान को खुशी की तरह जीना होता है। विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (एसटीईएम) हमें अपने जीवन को बेहतर बनाने का उपाय मुहैया कराते हैं।
डॉ. हर्षवर्धन ने ऑनलाइन मीडिया के माध्यम से अपने संबोधन में दर्शकों को इस फेस्टिवल को मनाने के महत्व और प्रासंगिकता के बारे में जानकारी दी और सभी हितधारकों से कहा कि वे विज्ञान और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा दें और देश के प्रत्येक दूर-दराज के स्थानों तक इसे पहुंचाएं। उन्होंने आगे “भारत को आत्मनिर्भर बनाने और वैश्विक कल्याण में योगदान करने” के लिए 6वें आईआईएसएफ के विषय को साकार करने में विज्ञान और प्रौद्योगिकी (एसएंडटी) के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने लद्दाख क्षेत्र के कृषि-पशु विकास में सुधार में योगदान के लिए डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ हाई एल्टीट्यूड रिसर्च (डीआईएचएआर) को भी बधाई दी।
केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के उपराज्यपाल श्री आर. के. माथुर ने अपने संबोधन में जनसंख्या के सामाजिक-आर्थिक मानक में सुधार लाने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी की भूमिका के बार में बताया। उन्होंने चुनौतीपूर्ण सीमाओं के बावजूद देश के हर कोने तक पहुंचने की इसकी अंतर्निहित क्षमता के बारे में भी बताया। उन्होंने आगे कहा कि यह लद्दाख क्षेत्र के जीवन के लिए प्रासंगिक है, जहां प्रचलित जटिल वातावरण मनुष्य और मवेशियों के निर्वाह के लिए अधिक से अधिक चुनौतीपूर्ण है। उन्होंने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी ने लद्दाख में आमजन के लिए जीवन को सुविधाजनक बनाने और स्थानीय किसानों के लिए पारिश्रमिक में मदद की है। इस क्षेत्र में डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ हाई एल्टीट्यूड रिसर्च (डीआईएचएआर) का योगदान सराहनीय है।
सांसद श्री जमयांग सेरिंग नामग्याल ने अपने संबोधन में लद्दाख में वनस्पति विविधता की उपलब्धता बढ़ाने के लिए उपयुक्त तकनीकों के विकास में डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ हाई एल्टीट्यूड रिसर्च (डीआईएचएआर) के योगदान की सराहना की और कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी की क्षमता का उपयोग करने के प्रयासों को विभिन्न अन्य डोमेन और दूर-दराज के इलाकों तक इसे प्रसारित किया जाना है।
डीआरडीओ के चेरयमैन, डीडी आरएंडडी और सचिव डॉ. सतीश रेड्डी ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के इस बड़े फेस्टिवल के लिए आयोजकों और वैज्ञानिक समुदाय को शुभकामनाएं दीं। डीआरडीओ में महानिदेशक (लाइफ साइंस) डॉ. एके सिंह ने प्रचलित स्थानीय समस्याओं के स्थानीय समाधान खोजने के लिए एसएंडटी को मजबूत करने पर जोर दिया।
इस कार्यक्रम में प्रशासन, नीति, शिक्षा, कृषि, उद्यमिता और छात्रों सहित विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिभागियों ने ऑनलाइन मीडिया के माध्यम से हिस्सा लिया।
एमजी/एएम/वीएस/डीसी
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