फाइनेंस कमीशन

वित्त आयोग ने सरकार के ‘राजकोषीय सुदृढ़ीकरण की रूपरेखा’ की समीक्षा के लिए समिति का गठन किया

Posted On: 19 MAR 2020 5:41PM by PIB Delhi

15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष ने सामान्‍य सरकार (जनरल गवर्नमेंट) के ‘राजकोषीय सुदृढ़ीकरण की रूपरेखा’ की समीक्षा करने के लिए एक समिति का गठन किया है। समिति के विचारार्थ विषय निम्‍नलिखित हैं –

  • यह समिति केंद्र सरकार, सभी राज्यों, सामान्य सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के लिए घाटे एवं कर्ज की परिभाषा पर अपनी सिफारिशें पेश करेगी। इसके तहत संप्रभु सरकार की सभी स्पष्ट एवं आकलन की जा सकने वाली देनदारियों पर विचार कर और इसके साथ ही ऋण (स्टॉक) तथा घाटे (प्रवाह) की परिभाषा के बीच अनुरूपता सुनिश्चित कर यह कार्य पूरा किया जाएगा।  
  • इसके अलावा, यह समिति समुचित समायोजन के साथ सामान्य सरकार और समेकित सार्वजनिक क्षेत्र के ऋण भार का अंदाजा या अनुमान लगाने के लिए सिद्धांतों को निर्दिष्ट करेगी, ताकि दोहरी-गणना से बचा जा सके।
  • यह समिति आकस्मिक देनदारियों को परिभाषित करेगी। इसके अलावा समिति, जहां कहीं भी संभव हो, इस तरह की देनदारियों के मात्रात्मक आकलन के तरीके उपलब्ध कराएगी और इसके साथ ही उन शर्तों को निर्दिष्ट करेगी जिनके तहत ‘आकस्मिक’ देनदारियां सार्वजनिक क्षेत्र की ‘स्पष्ट’ देनदारियां बन जाती हैं।
  • उपर्युक्त परिभाषा के आधार पर समिति विभिन्न स्तरों पर घाटे और ऋण भार की वर्तमान स्थिति की समीक्षा करेगी।
  • उपर्युक्‍त के आधार पर यह समिति केंद्र सरकार, सभी राज्यों और सामान्य सरकार के लिए वित्‍त वर्ष 2021 से लेकर वित्‍त वर्ष 2025 तक के लिए ऋण एवं राजकोषीय सुदृढ़ीकरण की एक रूपरेखा के बारे में अपनी सिफारिश पेश करेगी और इसके साथ ही यह समिति सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के लिए समुचित परिदृश्य विकसित करने की को‍शिश करेगी।

 

15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष श्री एन. के. सिंह इस समिति की अध्यक्षता करेंगे। इस समिति के अन्य सदस्य ये होंगे: श्री ए.एन. झा और डॉ. अनूप सिंह (जो 15वें वित्त आयोग के सदस्य हैं); भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक और लेखा महानियंत्रक के कार्यालयों के एक-एक प्रतिनिधि; तथा वित्त मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग में संयुक्त सचिव (बजट)। दो बाहरी विशेषज्ञ, अर्थात डॉ. साजिद जेड. चिनॉय और डॉ. प्राची मिश्रा भी इस समिति के सदस्य होंगे। इसके अलावा, समिति में राज्य सरकारों के प्रतिनिधि भी सदस्य के रूप में शामिल होंगे। तमिलनाडु सरकार में अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री एस. कृष्णन  और पंजाब सरकार के प्रधान सचिव श्री अनिरुद्ध तिवारी इनमें शामिल हैं।

इस समिति को विश्लेषणात्मक और डेटा संबंधी सहयोग नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय लोक वित्त एवं नीति संस्थान की एक टीम द्वारा प्रदान किया जाएगा। इसी तरह वित्त आयोग सचिवालय का आर्थिक प्रभाग इस समिति के कामकाज को सुगम बनाएगा और आवश्‍यक सहयोग देगा।

 

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एएम/आरआरएस- 6358   



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