उपभोक्‍ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय

उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय उपभोक्ता मामले विभाग

Posted On: 19 MAR 2020 8:50PM by PIB Delhi

आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के तहत हैंड सैनिटाइजरों के विनिर्माण में प्रयोग किए जाने वाले अल्कोहल की कीमतों की अधिकतम सीमा का निर्धारण

कोविड-19 (कोरोना वायरस) के मौजूदा प्रकोप और कोविड-19 प्रबंधन, विशेष रूप से विगत कुछ सप्ताहों के दौरान, के लिए लॉजिस्टिक चिंता के साथ-साथ हैंड सैनिटाइजर के विनिर्माण में प्रयोग किए जाने वाले अल्कोहल की कीमतों में ऐसे अल्कोहल के उत्पादकों द्वारा अत्यधिक वृद्धि को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने 30 जून, 2019 तक उपर्युक्त अल्कोहल पर 05.03.2020 की प्रचलित कीमतों की अधिकतम सीमा घोषित करते हुए आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत एक आदेश अधिसूचित किया है। सरकार ने यह भी अधिसूचित किया है कि आवश्यक वस्तुओं के विनिर्माण में प्रयुक्त कच्चे माल भी आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत आवश्यक वस्तुएं हैं। राज्य अब इन अल्कोहलों के विनिर्माताओं से उनके उत्पादों की कीमतों में केंद्र सरकार की सहमति के बगैर वृद्धि न करने के लिए कह सकते हैं।

इन मदों के संबंध में, राज्य अब अपने-अपने शासकीय राजपत्र में केंद्रीय आदेश अधिसूचित कर सकते हैं, तथा इसके लिए आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत अपने-अपने आदेश भी जारी कर सकते हैं और संबंधित राज्य में प्रचलित स्थिति के अनुसार आवश्यक कार्रवाई कर सकते हैं। आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत, केंद्र सरकार की शक्तियां राज्यों को 1972 से 1978 के दौरान आदेशों के माध्यम से पहले ही प्रत्यायोजित कर दी गई हैं। राज्य/संघ राज्य क्षेत्र, इस प्रकार आवश्यक वस्तु अधिनियम और चोरबाजारी निवारण एवं आवश्यक वस्तु प्रदाय अधिनियम के तहत उल्लंघनकर्ताओं के विरूद्ध कार्रवाई कर सकते हैं।

यह निर्णय केंद्र सरकार और राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को कोविड-19 से होने वाले संक्रमण से बचने के लिए निवारक उपायों के रूप में हैंड सैनिटाइजर के विनिर्माण में प्रयोग किए जाने वाले अल्कोहल की कीमत, उत्पादन, गुणवत्ता, बिक्री, वितरण, परिवहन, संचलन, भंडारण, सूचना आदि को विनियमित करने तथा इन वस्तुओं की बिक्री और उपलब्धता को सहज बनाने और जमाखोरों, सट्टेबाजों, मुनाफाखोरों, कालाबाजारियों आदि तथा उपरोक्त अल्कोहलों के संबंध में केंद्र सरकार और राज्य/संघ राज्य क्षेत्रों के आदेशों का उल्लंघन करने वालों के विरूद्ध कार्रवाई करने के लिए सशक्त बनाएगा। इससे हैंड सैनिटाइजरों के विनिर्माताओं को उनके उत्पादों को उचित स्तर पर बनाए रखने और आम जनता को इनकी सहज उपलब्धता में मदद मिलेगी। 

केंद्र सरकार ने राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों से अनुरोध किया है कि वे डिओडोरेंट्स के विनिर्माताओं को उसी प्लांट में मुख्य सामग्री के रूप में इथाईल अल्कोहल के साथ अल्कोहल आधारित हैंड सैनिटाइजर स्प्रे का भारी मात्रा में विनिर्माण करने की सलाह दें, जो इस अल्कोहल आधारित सैनिटाइजर का विनिर्माण काफी कम लागत पर कर सकते हैं और बाजार में इसे यथाशीघ्र उपलब्ध करा सकते हैं। राज्य/डिओडोरेंट्स के विनिर्माता प्रौद्योगिकी से संबंधित मुद्दों के समाधान के लिए दमन एवं दीव के औषध नियंत्रक से संपर्क कर सकते हैं। राज्यों को इसके लिए उच्च प्राथमिकता के आधार पर लाईसेंस और मंजूरी सुनिश्चित करने की सलाह दी जाती है क्योंकि यह वस्तु पहले से उत्पादन की जा रही वस्तुओं के अतिरिक्त उत्पाद होगी, इन्हें ऐसे डिओडोरेंट्स विनिर्माताओं के औषधि और प्रसाधन लाइसेंसों पर पृष्ठांकित किया जा सकता है। राज्यों को यह सलाह भी दी जाती है कि इन उत्पादों के विनिर्माताओं को कच्चे माल के रूप में इथेनॉल अल्कोहल के उपयोग के लिए आबकारी परमिट भी प्रदान किए जाएं।

राज्यों को यह सलाह भी दी जाती है कि अल्कोहल आधारित सैनिटाइजर का विनिर्माण करने वाली मौजूदा यूनिटों को उनकी उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। पर्यावरण मंत्रालय ने बिना किसी अतिरिक्त पर्यावरणीय मंजूरी के लिए उत्पादन क्षमता में 50% वृद्धि करने की अनुमति दे दी है।

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APS/PK



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