विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय

नैनो-विज्ञान को समाज के लिए लाभ के लिए प्रयोग में लाना चाहिए: विशेषज्ञ, आईसीओएनएसएटी

Posted On: 05 MAR 2020 6:50PM by PIB Delhi

विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के नैनो मिशन के तत्वावधान में नैनो विज्ञान और नैनो प्रौद्योगिकी (आईसीओएनएसएटीपर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ कोलकाता के बिस्वा बंगला पारंपरिक केंद्र में इस प्रमुख अनुसंधान क्षेत्र की हाल की प्रगतियो पर ध्यान केंद्रित करते हुए किया गया।

 

अपने उद्घाटन भाषण मेंडीएसटी के सचिव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने नैनो इंडिया की उत्पत्ति को रेखांकित करते हुए कहा कि पिछले 20 वर्षों में नैनो विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में बुनियादी ढाँचे और मानव संसाधन का निर्माण किया गया हैं।

प्रो शर्मा ने नैनो-विज्ञान में विशेषज्ञों का एक नेटवर्क बनाने की आवश्यकता पर जोर दियाताकि प्रत्येक व्यक्ति दूसरे से सीख सकें और ऊर्जाकृषिपरिवहनस्वास्थ्य एवं इस तरह के क्षेत्रों में ज्ञान को एकीकृत कर सकें।

प्रोफेसर शर्मा ने कहा कि पाँच एम अर्थातयांत्रिकसामग्रीमशीनेंविनिर्माण और जनशक्तिसमय की आवश्यकता है और हमें इन सभी पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए कि कैसे नैनो-विज्ञान और प्रौद्योगिकी सतत विकास और नई तकनीक (मशीन शिक्षण, कृत्रिम बुद्धि) जैसी चुनौतियों में योगदान किया जा सके।

प्रो शर्मा ने कहा कि विज्ञान को हमारे समाज के बड़े भाग से संबंधित होना चाहिए। उन्होंने युवा वैज्ञानिकों को डीएसडी की एक नई पहल एडब्ल्यूएसएआर में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया जिसके माध्यम से युवा विद्वान अपने कार्य से संबंधित लोकप्रिय विज्ञान कार्यों को सामाजिक कार्यों से जोड़ सकते हैं।

आईसीओएनएसएटी 2020 का आयोजन 5 से 7 मार्च के दौरान कोलकाता के एस.एन बोस नेशनल सेंटर फॉर बेसिक साईंसिस के द्वारा बिस्वा बांग्ला कन्वेंशन सेंटर में किया जा रहा है।

इस तीन दिवसीय आयोजन में भौतिकरासायनिक सामग्री के साथ-साथ जैविक विज्ञान के क्षेत्र में अत्याधुनिक विकास के कई विषयगत विषयों पर विचार-विमर्श किया जाएगा। नैनो-सामग्रियों पर मौजूदा शोध के अलावाकई उभरते क्षेत्रों जैसे कि क्वांटम मैटिरियलऊर्जा सामग्री और कृषि के लिए नैनो प्रौद्योगिकी को डीएसटी नैनो मिशन के चिन्हित क्षेत्रों में शामिल किया गया है।

वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अपने विशेष व्याख्यान मेंआईसीओएनएसएटी 2020 के संरक्षक और भारत रत्न प्रो. सी.आर.एन राव ने कहा कि नैनो विज्ञान का विभिन्न क्षेत्रों में शानदार अनुप्रयोग है। उन्होंने नैनो-चिकित्साकृषिपर्यावरण और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में इसकी सफलता की कहानियों पर भी प्रकाश डाला।

आईसीओएनएसएटी प्रो. राव ने कहा कि नैनो विज्ञान कार्य करने के लिए एक असाधारण क्षेत्र है और इसमें समाज को लाभान्वित करने के बहुत सारे अवसर हैं। उन्होंने युवा वैज्ञानिकों से कुछ हटकर सोचने और भारत में कुछ विशिष्ट करने के लिए प्रोत्साहित किया ताकि अगले पांच वर्षों में भारत न केवल नैनो विज्ञान ही नहीं बल्कि सभी विज्ञानों में विश्व में सर्वोपरि हो।  

आयोजन समिति के अध्यक्ष और भारतीय विज्ञान संस्थान के प्रोफेसर ए.के सूद ने सम्मेलन के बारे में गणमान्यों को जानकारी देते हुए कहा कि इस तीन दिवसीय सम्मेलन में नौ पूर्ण व्याख्यान और भारत से प्रख्यात वैज्ञानिकों द्वारा आमंत्रित 36 वार्ताएं शामिल होंगी। इसके अलावा नौ मौखिक प्रस्तुतियाँ, 350 पोस्टर प्रस्तुति होगीं। सम्मेलन में लगभग 450 प्रतिभागी शामिल हो रहे हैं।

उद्घाटन समारोह के दौरानमहात्मा गांधी विश्वविद्यालय, कोट्टायम के कुलपति प्रो. साबू थॉमस को नैनो विज्ञान के क्षेत्र में उनके असाधारण योगदान के लिए नैनो विज्ञान और प्रौद्योगिकी में राष्ट्रीय अनुसंधान पुरस्कार से सम्मानित किया गया। आईआईटी मुम्बई के डॉ. सौरभ लोढ़ा और टीआईएफआर, मुंबई के डॉ. विवेक पोलशेट्टीवार को नैनो विज्ञान और प्रौद्योगिकी में युवा अनुसंधान पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

 

***

 

एएम/एसएस-6139


(Release ID: 1605523) Visitor Counter : 438


Read this release in: English