पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय

भविष्य में नई तकनीक और कारोबारी मॉडलों के सहारे बढ़ेगा भारत का ऊर्जा क्षेत्रः श्री धर्मेंद्र प्रधान


केंद्रीय मंत्री ने एलएनजी की कीमत के निर्धारण को कच्चे तेल की कीमत से अलग किए जाने की वकालत की

Posted On: 15 FEB 2020 4:15PM by PIB Delhi

केन्‍द्रीय पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस और इस्‍पात मंत्री श्री धर्मेन्‍द्र प्रधान ने कहा कि भारत के ऊर्जा क्षेत्र का भविष्‍य मौजूदा अवतार से अलग होगा। भविष्‍य में यह नई तकनीक और नए कारोबारी मॉडल के दम पर आगे बढ़ता नजर आएगा। 10वीं विश्‍व पेट्रोकोल कांग्रेस के उद्घाटन भाषण के अवसर पर आज उन्‍होंने कहा, ‘‘हम उत्‍कृष्‍ट भारतीय प्रौद्योगिकी पर शोध संस्‍थानों के साथ व्‍यापक और गुणात्‍मक भागीदारी विकसित करने के लिए घरेलू तेल और गैस कंपनियों को प्रोत्‍साहन दे रहे हैं। मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि सात भारतीय तेल और गैस पीएसयू तेल, गैस और ऊर्जा क्षेत्र से संबंधित उत्‍कृष्‍टता केन्‍द्र स्‍थापित करने के लिए बीते साल आईआईटी बम्‍बई के साथ जुड़ चुके हैं। मौजूदा वक्‍त में ऊर्जा क्षेत्र में जारी बदलावों को तभी ज्‍यादा आसान बनाया जा सकता है, जब इस दिशा में जरूरी कदम उठाए जाएं। ऊर्जा क्षेत्र में डिजिटल तकनीक में व्‍यापक रूप से बदलाव हो रहा है। वास्‍तव में औद्योगिक क्रांति 4.0 का आगाज जल्‍द होने जा रहा है। भारतीय ऊर्जा कंपनियों को नई तकनीकों को तेजी से अपनाना और लागू करना होगा। हमें ऊर्जा क्षेत्र में अग्रणी वैश्विक प्रौद्योगिकी कंपनियों को लुभाने के लिए भारत में नए मंच तैयार करने की जरूरत है।’’

श्री प्रधान ने किफायती दरों और व्‍यावसायिक रूप से व्‍यवहार्य ऊर्जा स्रोतों के मिश्रण से कम कार्बन युक्‍त ज्‍यादा ऊर्जा की उपलब्‍धता के दोहरे उद्देश्‍यों को हासिल करने की जरूरत पर जोर दिया। उन्‍होंने कहा कि हमारा लक्ष्‍य 2024 तक भारत को पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्‍यवस्‍था में तब्‍दील करना है, जिसके लिए धीरे-धीरे ऊर्जा के सभी स्रोतों को अपनाने की जरूरत होगी।

श्री प्रधान ने कहा कि वैश्विक चुनौतियों और अवसरों के मद्देनजर भारत के ऊर्जा क्षेत्र के स्‍वरूप में भी तेजी से बदलाव हो रहा है। उन्‍होंने कहा, ‘‘वैश्विक ऊर्जा क्षेत्र में बदलाव स्‍पष्‍ट नजर आ रहा है। ऊर्जा स्रोतों, ऊर्जा आपूर्ति और ऊर्जा खपत के तरीकों में तेजी से बदलाव हो रहा है। ऊर्जा क्षेत्र में बदलाव के लक्ष्‍य के मद्देनजर यह स्‍वभाविक है कि हम देश के भीतर मौजूद संभावनाओं का लाभ उठाएं। इसके साथ ही हम संयुक्‍त राष्‍ट्र के टिकाऊ विकास के लक्ष्‍य (एसडीजी), 2030 या पेरिस जलवायु सम्‍मेलन के अंतर्गत अपनी वैश्विक प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की दिशा में प्रयास करेंगे।’’ सरकार की ऊर्जा नीति ऊर्जा उपलब्‍धता, सतत ऊर्जा, किफायती ऊर्जा, ऊर्जा कुशलता और ऊर्जा सुरक्षा पर आधारित है। इन पांच तत्‍वों के सहारे ऊर्जा के लिहाज से हमारे लोगों के साथ न्‍याय होगा।

केन्‍द्रीय मंत्री ने एलएनजी की कीमतों का निर्धारण कच्‍चे तेल की कीमतों से अलग किए जाने की वकालत की। उन्‍होंने कहा, ‘‘बीते कुछ साल के दौरान वैश्विक गैस उत्‍पादन और बाजारों में खासा बदलाव देखने को मिला है। एलएनजी की वैश्विक आपूर्ति तेजी से बढ़ रही है और इसकी वैश्विक कीमतों में भी नर्मी आई है। हमारी कंपनियों के लिए बड़े एलएनजी आपूर्तिकर्ताओं के साथ अपने अनुबंधों पर पुनर्विचार करने का यह सही वक्‍त है। मैं यह भी मानता हूं कि भारत द्वारा एलएनजी के खरीद मूल्‍य के निर्धारण के फार्मूले में बदलाव का वक्‍त आ गया है।’’   

श्री प्रधान ने टिकाऊ ऊर्जा बुनियादी ढांचे के निर्माण पर जोर देते हुए कहा कि इसके सहारे हम अपने नागरिकों की ऊर्जा जरूरतों को पूरा कर सकते हैं। उन्‍होंने कहा कि भारत के अगले दशक में अमेरिका और चीन को पीछे छोड़कर सबसे बड़ा ऊर्जा उपभोक्‍ता बनने का अनुमान है।

भारत को गैस आधारित अर्थव्‍यवस्‍था में तब्‍दील करने की दिशा में की गई पहलों पर बात करते हुए श्री प्रधान ने कहा, ‘‘प्राकृतिक गैस के व्‍यापक इस्‍तेमाल के सहारे भारत के ऊर्जा क्षेत्र में पर्यावरण स्थिरता और लचीलापन लाया जा सकता है। हमारी सरकार वर्ष 2030 तक ऊर्जा के इस्‍तेमाल में गैस की हिस्‍सेदारी 6.2 फीसदी से बढ़ाकर 15 फीसदी करने की दिशा में काम कर रही है।’’ श्री प्रधान ने इस क्षेत्र में होने वाले अनुमानित 60 अरब डॉलर के निवेश, ‘एक देश एक गैस ग्रिड’ के विकास, कई देशों से गुजरने वाली पाइपलाइन के विकास, देश में एलएनजी बुनियादी ढांचे के विस्‍तार, शहरी गैस वितरण (सीडीजी) नेटवर्क के 28 राज्‍यों और संघ शासित क्षेत्रों के 407 जिलों में देश की 70 प्रतिशत से ज्‍यादा आबादी तक विस्‍तार आदि पर भी बात की। उन्‍होंने कहा, ‘‘हम एक्‍सप्रेस-वे पर लंबे ट्रकों, औद्योगिक गलियारों और खनन क्षेत्रों के भीतर सामु्द्रिक उपयोग आदि के लिए सक्रिय रूप से एलएनजी को प्रोत्‍साहन दे रहे हैं। हम त्‍वरित वितरण के माध्‍यम से घरों तक प्रा‍कृतिक गैस की उपलब्‍धता को भी आसान बना रहे हैं।’’

केन्‍द्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘हमारी सरकार सक्रिय और दूरगामी नीति के माध्‍यम से क्षेत्र में ‘सुधार, प्रदर्शन और बदलाव’ की दिशा में प्रयास जारी रखे हुए है। इसके अलावा उत्‍खनन और उत्‍पादन, रिफाइनरी, विपणन, प्राकृतिक गैस और वैश्विक सहयोग के क्षेत्र में सुधार भी किए गए हैं। बीते पांच साल में उत्‍खनन क्षेत्र 2014 के 90,000 वर्ग किलोमीटर से बढ़कर 2019 के अंत तक बढ़कर 2,27,000 वर्ग किलोमीटर के स्‍तर पर पहुंच गया। हमारी सरकार ने संभावना विश्‍लेषण के लिए 48,000 लाइन किलोमीटर क्षेत्र का 2 डी भूकंपीय सर्वेक्षण भी कराया है।   

*****

एस.शुक्‍ला/एएम/एमपी/एमबी5767

 



(Release ID: 1603320) Visitor Counter : 379


Read this release in: English