उप राष्ट्रपति सचिवालय
उपराष्ट्रपति ने भ्रष्टाचार उन्मूलन के लिए सरकारी अधिकारियों से आगे आने का आह्वान किया
सुशासन के माध्यम में सतत और समग्र विकास सुनिश्चित करने पर जोर दिया
गरीबी,लैंगिक भेदभाव और अन्य सामाजिक कुरीतियों को दूर करने पर ज्यादा ध्यान देने को कहा
वंचित तबकों के बारे में सोचने के लिए वक्त निकालने की बात कही
एमसीआरएचआरडी में अखिल भारतीय सेवा, प्रशासनिक सेवा तथा सैन्य और इंजीनियरिंग सेवाओं के अधिकारियों के साथ संवाद किया
Posted On:
07 FEB 2020 7:05PM by PIB Delhi
उपराष्ट्रपति श्री एम.वेंकैया नायडू ने आज सरकारी अधिकारियों से भ्रष्टाचार को खत्म करने में सबसे आगे रहने तथा सुशासन के माध्यम से सतत और समावेशी विकास सुनिश्चित करने का आह्वान किया।
उपराष्ट्रपति ने सरकारी अधिकारियों से अपने पेशे को समाज सेवा के रूप में लेने की सलाह देते हुए कहा कि वे चाहते हैं कि अधिकारी अपनी विश्वसनीयता और ईमानदारी बनाये रखें तथा अपनी ड्यूटी को नियमित रूप से करने का कर्तव्य भर न निभाएं, बल्कि अपना सर्वश्रेष्ठ देने का जुनून रखें।
आज हैदराबाद में एमसीआरएचआरडी संस्थान में अखिल भारतीय सेवाओं, केंद्रीय सिविल सेवा और सैन्य इंजीनियरिंग सेवाओं के अधिकारियों के साथ बातचीत करते हुए श्री नायडू ने कहा कि भ्रष्टाचार पूरी व्यवस्था के महत्वपूर्ण अंगों को नष्ट कर रहा है। उन्होंने अधिकारियों से भ्रष्टाचार उन्मूलन को एक मिशन के रूप में लेने का आग्रह किया।
उन्होंने अधिकारियों से ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने के अलावा, गरीबी उन्मूलन तथा लैंगिक भेदभाव और अशिक्षा को दूर करने पर ज्यादा ध्यान केन्द्रित करने को कहा।
सुशासन को भारत के लिए वांछित विकास का महत्वपूर्ण घटक बताते हुए श्री नायडू ने कहा कि वह चाहते है कि अधिकारी प्रशासनिक दक्षता में सुधार करके सार्वजनिक सेवाओं के कुशल और प्रभावी कार्यान्वयन के लिए कदम उठाएं। उन्होंने कहा कि यह प्रत्येक हितधारक का कर्तव्य है कि वह विकास में तेजी लाने के लिए न केवल अपना योगदान दे, बल्कि इसकी सततता भी सुनिश्चित करे। उन्होंने हितधारकों परिवर्तन एजेंटों के रूप में कार्य करने के लिए भी कहा। ।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि सरकार की हर नीति या योजना का अंतिम उद्देश्य आम आदमी के जीवन स्तर में सुधार लाना है। उन्होंने कहा कि नौकरशाह सरकार द्वारा लिए गए निर्णयों के सूत्रधार हैं। इन निर्णयों को कार्यान्वित करने का दारमदार इन्हीं लोगों पर है। ये लोग सरकार और इस देश की जनता के बीच सेतु का काम करते हैं। '
शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच बढ़ती खाई पर चिंता व्यक्त करते हुए, श्री नायडू ने इस अंतर को पाटने के लिए ठोस प्रयास करने का आह्वान किया और अधिकारियों से कृषि को उच्च प्राथमिकता देने के लिए कहा। उन्होंने कहा, "आप सभी को वंचित लोगों के लिए भी कुछ समय निकालना चाहिए और सरकार के प्रतिनिधि के रूप में इस दिशा में क्या किया जाना चाहिए इस पर विचार करना चाहिए।
श्री नायडू ने सभी अधिकारियों को केंद्र, राज्य और पंचायती राज के तीन स्तरों पर शासन की कार्यप्रणाली और भूमिका को समझने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि वे चाहते है कि राज्य और केंद्र ’टीम इंडिया’ की भावना के साथ मिलकर काम करें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि विकास का फायदा समाज के आखिरी छोर पर खड़े लोगों तक पहुंचे।
श्री नायडू ने कहा कि वैश्विक मंदी के बावजूद, भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक बना हुआ है। उन्होंने कहा कि विकास-उन्मुख सुधारों को जारी रखते हुए, भारत में आने वाले वर्षों में दुनिया में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की क्षमता है।
इस अवसर पर एमसीआरएचआरडी संस्थान के निदेशक बी.पी.आचार्य, पाठ्यक्रम निदेशक श्री हरप्रीत सिंह, मिलिट्री इंजीनियरिंग सेवा के अनुसंधान और विकास विभाग के ब्रिगेडियर पी.के.जी मिश्रा सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।
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एस.शुक्ला/एएम/एमएस/जीआरएस-5666
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