सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्‍वयन मंत्रालय

वित्‍त वर्ष 2019-20 के लिए राष्‍ट्रीय आय के प्रथम अग्रिम अनुमान


चालू वित्त वर्ष में स्थिर मूल्यों पर जीडीपी की वास्‍तविक वृद्धि दर 5.0 प्रतिशत रहने का अनुमान

Posted On: 07 JAN 2020 5:30PM by PIB Delhi

सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्‍वयन मंत्रालय के राष्‍ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने चालू वित्‍त वर्ष के लिए राष्‍ट्रीय आय के प्रथम अग्रिम अनुमान स्थिर मूल्यों (2011-12) और वर्तमान मूल्यों दोनों पर ही जारी किए हैं। इन अनुमानों से जुड़ी मुख्‍य बातों का उल्‍लेख नीचे किया गया है:

 

स्थिर मूल्‍यों (2011-12) पर अनुमान

सकल घरेलू उत्‍पाद (जीडीपी)

वित्‍त वर्ष 2019-20 में स्थिर मूल्‍यों (2011-12) पर वास्‍तविक जीडीपी या जीडीपी 147.79 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है, जबकि वित्‍त वर्ष 2018-19 के लिए जीडीपी का अनंतिम अनुमान 140.78 लाख करोड़ रुपये था। वित्‍त वर्ष 2019-20 में जीडीपी की वास्‍तविक वृद्धि दर 5.0 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है, जबकि वित्‍त वर्ष 2018-19 में जीडीपी वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत थी।

मूल या बुनियादी मूल्‍यों पर सकल मूल्‍य वर्धित (जीवीए)

चालू वित्‍त वर्ष में मूल अथवा बुनियादी मूल्‍यों पर वास्‍तविक जीवीए के बढ़कर 135.40  लाख करोड़ रुपये हो जाने का अनुमान लगाया गया है, जबकि वित्‍त वर्ष 2018-19 में यह 129.07 लाख करोड़ रुपये था। अत: वास्‍तविक जीवीए की वृद्धि दर पिछले वित्‍त वर्ष के 6.6 प्रतिशत की तुलना में वर्ष 2019-20 में 4.9 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है।

जिन आर्थिक गतिविधियों ने 4.9 फीसदी से ज्‍यादा की वृद्धि दर दर्ज की है, उनमें विद्युत, गैस, जलापूर्ति एवं अन्‍य उपयोगी सेवाओं’; ‘व्‍यापार, होटल, परिवहन, संचार एवं प्रसारण से जुड़ी सेवाएं’; ‘वित्‍तीय, अचल संपत्‍ति एवं प्रोफेशनल सेवाएं’ और ‘लोक प्रशासन, रक्षा एवं अन्य सेवाएं’ शामिल हैं। इन सेवाओं की वृद्धि दर क्रमश: 5.4, 5.9, 6.4 और 9.1 प्रतिशत आंकी गई है। ‘कृषि,  वानिकी एवं मत्‍स्‍य पालन’, ‘खनन एवं उत्‍खनन’, ‘विनिर्माण’ और ‘निर्माण’ की वृद्धि दर क्रमश: 2.8, 1.5, 2.0,  और 3.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है।

कृषि, वानिकी एवं मत्‍स्‍य पालन

वित्‍त वर्ष 2019-20 में मूल या बुनियादी मूल्‍यों पर इस सेक्‍टर से संबंधित जीवीए की वृद्धि दर 2.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है, जबकि यह वृद्धि दर वित्‍त वर्ष 2018-19 में 2.9 प्रतिशत थी। कृषि,  वानिकी एवं मत्‍स्‍य पालन’ सेक्‍टर के कुल जीवीए में फल-सब्जियों सहित फसलों की हिस्‍सेदारी लगभग 56 प्रतिशत, पशुधन उत्‍पादों की हिस्‍सेदारी 30 प्रतिशत और वानिकी एवं मत्‍स्‍य पालन की हिस्‍सेदारी 14 प्रतिशत आंकी गई।

खनन एवं उत्‍खनन  

वित्‍त वर्ष 2019-20 में मूल या बुनियादी मूल्‍यों पर इस सेक्‍टर से संबंधित जीवीए की वृद्धि दर 1.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है, जबकि यह वृद्धि दर वित्‍त वर्ष 2018-19 में 1.3 प्रतिशत थी। खनन सेक्‍टर के महत्‍वपूर्ण संकेतकों अर्थात कोयला, कच्‍चा तेल एवं प्राकृतिक गैस के उत्‍पादन ने वित्‍त वर्ष 2019-20 की अप्रैल-नवम्‍बर अवधि के दौरान क्रमश: (-) 5.3, (-) 5.9 और (-)2.6 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज की है, जबकि वित्‍त वर्ष 2018-19 की अप्रैल-नवम्‍बर अवधि के दौरान ये दरें क्रमश: 9.0, (-) 3.6, तथा (-) 0.7 प्रतिशत दर्ज की गई थीं। धात्विक खनिजों के औद्योगिक उत्‍पादन सूचकांक (आईआईपी) में अप्रैल-अक्‍टूबर, 2019-20 के दौरान 13.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि वर्ष 2018-10 की समान अवधि के दौरान यह वृद्धि दर 2.6 प्रतिशत थी।

विनिर्माण

वित्‍त वर्ष 2019-20 में बुनियादी मूल्‍यों पर इस सेक्‍टर से संबंधित जीवीए की वृद्धि दर 2.0 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है, जबकि यह वृद्धि दर वित्‍त वर्ष 2018-19 में 6.9 प्रतिशत थी। आईआईपी विनिर्माण ने अप्रैल-अक्‍टूबर, 2019-20 में 0.6 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज की है।

विद्युत, गैस, जलापूर्ति एवं अन्‍य उपयोगी सेवाओं’

वित्‍त वर्ष 2019-20 में मूल या बुनियादी मूल्‍यों पर इस सेक्‍टर से संबंधित जीवीए की वृद्धि दर 5.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है, जबकि यह वृद्धि दर वित्‍त वर्ष 2018-19 में 7.0 प्रतिशत थी। इस सेक्‍टर के महत्‍वपूर्ण संकेतक अर्थात विद्युत आईआईपी ने अप्रैल-अक्‍टूबर, 2019-20 में 1.6 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज की है।

निर्माण

वित्‍त वर्ष 2019-20 में बुनियादी मूल्‍यों पर इस सेक्‍टर से संबंधित जीवीए की वृद्धि दर 3.2 प्रतिशत दर्ज की गई, जबकि यह वृद्धि दर वित्‍त वर्ष 2018-19 में 8.7 प्रतिशत थी। निर्माण क्षेत्र के महत्‍वपूर्ण संकेतकों यथा सीमेंट उत्‍पादन और तैयार इस्‍पात की खपत ने अप्रैल-नवम्‍बर 2019-20 के दौरान क्रमश: (-) 0.02 तथा 3.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है।

प्रति व्‍यक्ति आय

वित्‍त वर्ष 2019-20 के दौरान वास्‍तविक अर्थों (2011-12 के मूल्‍यों पर) में प्रति व्‍यक्ति आय के बढ़कर 96,563 रुपये हो जाने का अनुमान लगाया गया है, जबकि वित्‍त वर्ष 2018-19 में यह आंकड़ा 92,565 रुपये था। वित्‍त वर्ष 2019-20 के दौरान प्रति व्‍यक्ति आय की वृद्धि दर 4.3 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है, जबकि पिछले वर्ष यह वृद्धि दर 5.6 प्रतिशत थी। 

 

वर्तमान मूल्‍यों पर अनुमान

वित्‍त वर्ष 2019-20 में वर्तमान मूल्‍यों पर जीडीपी के बढ़कर 204.42 लाख करोड़ रुपये के स्‍तर पर पहुंच जाने का अनुमान लगाया गया है, जबकि वित्‍त वर्ष 2018-19 में यह  आंकड़ा 190.10 लाख करोड़ रुपये आंका गया था। इस तरह यह वित्‍त वर्ष 2019-20  के दौरान 7.5 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि दर को दर्शाता है।

राष्‍ट्रीय आय

वित्‍त वर्ष 2019-20 के दौरान सांकेतिक शुद्ध राष्‍ट्रीय आय (एनएनआई), जो राष्‍ट्रीय आय (वर्तमान मूल्‍यों पर) के रूप में भी जानी जाती है, के बढ़कर 181.10 लाख करोड़ रुपये हो जाने का अनुमान है, जबकि वित्‍त वर्ष 2018-19 में यह आंकड़ा 168.37 लाख करोड़ रुपये था। वित्‍त वर्ष 2019-20 में राष्‍ट्रीय आय की वृद्धि दर 7.6 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है, जबकि पिछले वर्ष यह वृद्धि दर 11.3 प्रतिशत थी।

प्रति व्‍यक्ति आय

वित्‍त वर्ष 2019-20 के दौरान प्रति व्‍यक्ति शुद्ध राष्‍ट्रीय आय 1,35,050 रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है, जो वित्‍त वर्ष 2018-19 के 1,26,406 रुपये की तुलना में 6.8 प्रतिशत अधिक है। वित्‍त वर्ष 2018-19 के दौरान प्रति व्‍यक्ति शुद्ध राष्‍ट्रीय आय की वृद्धि दर 10.0 प्रतिशत रही थी।     

 

वर्ष 2019-20 में जीवीए और व्यय से जुड़ी विस्तृत जानकारी पाने के लिए अंग्रेजी का अनुलग्नक यहां क्लिक करें

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