उप राष्ट्रपति सचिवालय

उपराष्‍ट्रपति ने आम जनता और उद्योग जगत से कुपोषण को खत्‍म करने में सरकार की मदद करने का आह्वान किया


युवाओं को शारीरिक रूप से स्‍वस्‍थ्‍य रहने और जंक फूड से परहेज करने के प्रति जागरुक बनाने की आवश्‍यकता पर बल दिया

बेंगलुरू में अदम्‍य चेतना में खान पान सुविधा का मुआयना किया

प्रति दिन करीब डेढ़ लाख बच्‍चों को पोषक आहार उपलब्‍ध कराने के लिए संस्‍था की सराहना की

Posted On: 07 JAN 2020 3:16PM by PIB Delhi

उप-राष्ट्रपति श्री एम. वेकैंया नायडु ने आम जनता, गैर-सरकारी संगठनों और उद्योग जगत से देश में कुपोषण को खत्म करने के प्रयासों में सरकार की मदद करने का आह्वान किया है।

आज बेंगलुरु में अदम्य चेतना संस्था में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उप-राष्ट्रपति ने कहा कि पिछले सात दशकों में विभिन्न क्षेत्रों में हुई प्रगति के बावजूद कुपोषण एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। यह बहुत दुख की बात है कि देश में 35.7 प्रतिशत बच्चों का वजन सामान्य से कम है और 38.4 प्रतिशत का शारीरिक विकास पूरी तरह नहीं हो पाया है।

उप-राष्ट्रपति ने कहा कि विभिन्न अध्ययनों के माध्यम से यह पता चला है कि बच्चों में पोषण की स्थिति का सीधा प्रभाव शिक्षा के क्षेत्र में उनके प्रदर्शन पर पड़ता है। पोषणयुक्त भोजन न मिलने के कारण दिमाग का समुचित विकास नहीं हो पाता है, जिससे सीखने की क्षमता कमजोर पड़ जाती है। इसके अलावा शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता घट जाती है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

श्री नायडु ने कहा कि कुपोषण गरीबी का एक कुचक्र बनाता है और आर्थिक प्रगति को प्रभावित करता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि बच्चों और किशोरों के स्वस्थ मानसिक और शारीरिक विकास के लिए कुपोषण की समस्या से निपटने के तत्काल उपाय किए जाने चाहिए। 

आराम पसंद जीवन शैली और खराब खान-पान की आदतों को गैर-संचारी रोगों के बढ़ते मामलों की मुख्य वजह बताते हुए श्री नायडु ने कहा कि इस बारे में युवाओं को जागरुक बनाने की आवश्यकता है। उन्हें खराब खान-पान की आदतों को छोड़ने तथा शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने के तौर-तरीकों के बारे में बताया जाना चाहिए।

उप-राष्ट्रपति ने स्वर्गीय श्री अनंत कुमार और उनकी पत्नी श्रीमती तेजस्विनी अनंत कुमार द्वारा स्थापित अदम्य चेतना संस्था की ओर से करीब डेढ़ लाख बच्चों को रोजाना पोषणयुक्त आहार दिए जाने की सराहना की। ये भोजन अदम्य चेतना संस्था के बेंगलुरु, हुबली, कलबुर्गी और जोधपुर स्थित चार बड़े रसोई घरों में बनाया जाता है।    

श्री नायडु ने मिल बांट कर रहने और एक-दूसरे की देखभाल करने की प्राचीन भारतीय परंपरा को संजोये रखने के लिए अदम्य चेतना संस्था की सराहना की। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा चलाया गया पोषण अभियान - राष्ट्रीय पोषण मिशन – देश भर में पोषणयुक्त आहार उपलब्ध कराने में बड़ी भूमिका निभा रहा है।

इससे पहले, उप-राष्ट्रपति अदम्य चेतना संस्था परिसर में भोजन तैयार करने की विभिन्न सुविधाओं को देखने गए। उन्होंने अन्नपूर्णा किचन में साफ-सफाई रखने तथा खाना पकाने के लिए जीवाश्म ईंधन का इस्तेमाल नहीं करने के लिए संस्था के प्रबंधन, कर्मचारियों और वालेंटियरों की तारीफ की।

श्री नायडु ने कहा कि संस्था अपनी ईंधन जरूरतों के लिए बायोमास और सौर ऊर्जा का इस्तेमाल कर रही है, जो दूसरों के लिए अनुकरणीय है। उप-राष्ट्रपति ने विभिन्न क्षेत्रों में नेतृत्व क्षमता वाले नेता तैयार करने में संस्था के कार्यों का स्वागत करते हुए कहा कि वह स्वास्थ्य सेवाओं और पर्यावरण अनुकूल जीवनशैली को बढ़ावा देने का काम करती रहेगी। ये वे क्षेत्र हैं, जिन पर श्री अनंत कुमार पूरी तरह यकीन रखते थे।

इस अवसर पर, श्री नायडु ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री रहे स्वर्गीय श्री अनंत कुमार के साथ अपने घनिष्ट संबंधों को याद करते हुए कहा, श्री अनंत कुमार के जाने से मैंने अपना एक प्रिय मित्र ही नहीं खोया है, बल्कि हमारे देश ने एक सच्चा नेता भी खो दिया है।  

कार्यक्रम में कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री श्री सी.एन. अश्वथ नारायण, बेंगलुरु दक्षिण से सांसद श्री तेजस्वी सूर्या, अदम्य चेतना संस्था के प्रबंधन न्यासी तथा अध्यक्ष डॉ. तेजस्विनी अनंत कुमार और संस्था से जुड़े कई अन्य लोग उपस्थित थे।

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आरकेमीणा/आरएनएम/एएम/एमएस/डीएस-5155


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