आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय

आवास और शहरी कार्य मंत्रालय ने स्‍वच्‍छ सर्वेक्षण लीग के (पहले और दूसरी तिमाही) के परिणाम जारी किए


स्‍वच्‍छ सर्वेक्षण 2020 पूरे देश में 4 जनवरी से आरंभ होगा

Posted On: 31 DEC 2019 5:20PM by PIB Delhi

आवास और शहरी मामलों के राज्य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) श्री हरदीप सिंह पुरी ने आज यहां स्वच्छ सर्वेक्षण लीग 2020 के ( पहले और दूसरी तिमाही) के परिणामों की घोषणा की। इस अवसर पर मंत्रालय द्वारा चार जनवरी से देश भर में चलाये जाने वाले वार्षिक स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 की शुरुआत की भी जानकारी दी गई।  

स्‍वच्‍छ सर्वेक्षण लीग 2020  (एसएस लीग 2020) की शुरुआत स्वच्छता के मामले में सेवा स्तर के आधार पर शहरों की निरंतर निगरानी के साथ जमीनी स्‍तर पर उनके प्रदर्शन को   बनाए रखने के उद्देश्य से की गई थी।

एसएस लीग 2020 का आयोजन 3 तिमाहियों अर्थात अप्रैल- जून, जुलाई - सितंबर और अक्टूबर-दिसंबर 2019 में किया जा रहा है और इसमें प्रत्येक तिमाही के लिए 2000 अंकों के आधार पर मूल्यांकन किया जाता है। यह मूल्‍यांकन एसबीएम-यू की ऑनलाइन मासिक नवीनतम जानकारी  तथा 12 सेवा स्‍तर प्रगति सूचकों के नागरिक सत्‍यापन के आधार पर किया जाना तय हुआ है। यह रैंकिंग दो श्रेणियों में की जाएगी। पहली श्रेणी एक लाख और उससे ऊपर की आबादी वाले शहरों की तथा दूसरी श्रेणी एक लाख से कम आबादी वाले नगरों की होगी। इसकी दो उप श्रेणियां भी होंगी जिसमें पहले में एक से दस लाख आबादी वाले शहर होंगे तथा  दूसरे मे दस लाख और उससे ज्‍यादा की आबादी वाले शहर होंगे।  रैकिंग जोन और जनसंख्‍यावार होगी। एसएस लीग 2020 में शहरों का प्रदर्शन वार्षिक स्‍वच्‍छ सर्वेक्षण में मिलने वाले स्‍थान के नजरिए से महत्‍वपूर्ण है क्‍योंकि तिमाही प्रर्दशन को 4 जनवरी से शुरु होने वाले वार्षिक सर्वेक्षण में 25 प्रतिशत का वेटेज दिया जाएगा।

इस अवसर पर , श्री पुरी ने कहा, “माननीय प्रधान मंत्री द्वारा अक्टूबर 2014 में शुरू किए गए स्वच्छ भारत मिशन-शहरी  ने अपनी यात्रा के पांच साल पूरे कर लिए हैं। आज  भारत के शहरी क्षेत्र खुले में शौच मुक्त बन गये हैं। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि देश में सार्वजनिक शौचालयों की स्थिति में एक अवधारणात्मक और वास्‍तविक परिवर्तन हुआ है। मंत्रालय का ध्यान हमेशा स्वच्छता मूल्य श्रृंखला की निरंतरता सुनिश्चित करने पर रहा है जैसा कि एसएस 2020 मापदंडों में स्पष्ट है, जहां अपशिष्ट जल उपचार और उसके पुन: उपयोग तथा मल प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया गया है। उन्‍होंने कहा कि इस संबंध में ओडीएफ प्‍लस, ओडीएफ डबल प्‍लस और जल प्‍लस प्रोटोकोल शहरों के लिए दिशानिर्देश दस्‍तावेज के रूप में काम कर रहे हैं।

 

मंत्री ने मिशन के अन्य महत्वपूर्ण घटक, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (एसडब्ल्यूएम)  के बारे में  भी विस्तार से बताया। उन्‍होंने कहा कि हालांकि दो चुनौतियों में से बड़ी चुनौती एसडब्‍ल्‍यूएम में शुरुआत में धीमी प्रगति देखी, हालांकि, शहरी भारत में कचरे को एकत्र करने, अलग करने और उसे निबटाने के तरीके में जबरदस्त सुधार हुआ है।

श्री पुरी ने कहा कि स्‍वच्‍छ सर्वेक्षण के अलावा कचरा मुक्‍त शहरों के लिए स्‍टार रेटिंग व्‍यवस्‍था ने शहरों मे कचरा प्रबंधन के बेहतर तौर तरीके अपनाने को प्रोत्‍साहित किया है। इसमें कचरे को अलग अलग करने, कचरों के निबटान के लिए वैज्ञानिक तरीके अपनाना, कचरा जमा करने वाले स्‍थानों में बेहतर प्रबंधन,कचरा इधर उधर फेंकने पर जुर्माना लगाने तथा कचरे को निबटाने के लिए बड़े बड़े जेनरेटर लगाने को अनिवार्य बनाया जाना आदि शामिल है। उन्‍होंने कहा कि मंत्रालय प्रधानमंत्री के 2022 तक देश को एक बार इस्‍तेमाल होने वाले प्‍लास्टिक से मुक्‍त बनाने के विजन को साकार करने के लिए भी प्रतिबद्ध है। ऐसे प्‍लास्टिक के दोबारा इस्‍तेमाल को प्रोत्‍साहित करने के लिए सिमेंट उत्‍पादक संघ तथा राष्‍ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के साथ तालमेल किया गया है। इसके अतिरिक्‍त शहर प्‍लास्टिक कचरों के निस्‍तारण के लिए अभिनव तरीके लेकर आ रहे हैं जिसमें प्‍लास्टिक कचरे के बदले में एक बार का भोजन दिए जाने जैसी व्‍यवस्‍था है।श्री पुरी ने कहा कि एसबीएमयू के तहत उनका मंत्रालय ठोस कचरे के और मल के निस्‍तारण के लिए सौ प्रतिशत सुरक्षित तरीके अपनाने पर ध्‍यान केन्द्रित कर रहा है।

   इस अवसर पर मंत्रालय के सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र ने कहा कि मिशन की सफलता इस बात से साबित होती है कि आज के समय में देश के 937 शहर ओडीएफ प्‍लस, 328 शहर ओडीएफ डबल प्‍लस घोषित किए जा चुके हैं। उन्‍होंने स्‍वच्‍छ सर्वेक्षण में जनभागीदारी का उल्‍लेख करते हुए कहा कि इसमें शहरों का प्रदर्शन काफी हद तक वहां रहने वाले लोगों की राय पर तय किया जाता है।

  शहरी स्वच्छता में सुधार के लिए शहरों को प्रोत्साहित करने के लिए, आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने जनवरी 2016 में 73 शहरों की रेटिंग के लिए 'स्वच्छ सर्वेक्षण -2016' करवाया था।  इसके बाद 'स्वच्छ सर्वेक्षण -2017  आयोजित किया गया। जनवरी-फरवरी ेमं आयोजित इस सर्वेक्षण में 434 शहरों को रैंकिंग दी गई। 2018 में कराए गए स्वच्छ सर्वेक्षण के तीसरे दौर का दायरा काफी बड़ा रहा जो 66 दिनों में 4,203 शहरों में आयोजित किया गया था, और दुनिया में सबसे बड़ा पैन इंडिया स्वच्छता सर्वेक्षण बन गया, जिसने लगभग 40 करोड़ लोगों को प्रभावित किया।

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विस्‍तृत जानकारी के लिए यहां क्लिक करें www.swachhsurvekshan2020.org

 

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आरके मीणा/आरएन मीणा/एएम/एमएस/5075



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