पंचायती राज मंत्रालय

पंचायती राज मंत्रालय की वर्षान्त समीक्षा


राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के तहत राज्यों /केंद्र शासित प्रदेशों और कार्यान्वयन एजेंसियों को 406.22 करोड़ रुपये जारी किए गए

1.1 लाख रुपये से अधिक ग्राम पंचायतों में पीआरआईएसॉफ्ट-पीएफएमएस

6 राज्यों को ई-पंचायत पुरस्कार सहित 230 से अधिक पंचायतों को राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार 2019 से सम्मानित किया गया

पंचायत एंटरप्राइज सूट (पीईएस) एप्लीकेशन नामक कोर कॉमन एप्लीकेशन विकसित किए गए हैं; स्थानिक योजना एप्लीकेशन 'ग्राम मानचित्र' का शुभारंभ किया गया

Posted On: 31 DEC 2019 4:24PM by PIB Delhi

पंचायती राज मंत्रालय (एमओपीआर) संविधान 73 वें संशोधन की वकालत, निगरानी और कार्यान्वयन के प्रति उत्तरदायी है। पंचायती राज मंत्रालय की भूमिका ग्रामीण स्थानीय निकाय (आरएलबी) के पदाधिकारियों की प्रौद्योगिकी और क्षमता निर्माण का लाभ उठाकर प्रशासनिक आधारभूत संरचना और बुनियादी सेवाओं आदि को मजबूत करना है। उपरोक्त उद्देश्य को मंत्रालय के रोडमैप के तीन स्तंभों द्वारा समझा जा सकता है:

 

·         वित्त आयोग के माध्यम से बुनियादी सेवाओं का प्रावधान,

·         राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए) के माध्यम से आरएलबी की क्षमता निर्माण और

·         ग्राम पंचायत विकास योजना (जीडीजीपी) और हिमायती कार्य के माध्यम से समावेशी और भागीदारी प्रक्रिया द्वारा समग्र समग्र योजना

चौदहवाँ वित्त आयोग (एफएफसी) अनुदान

चालू वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान, 18.12.2019 तक 26 राज्यों की ग्राम पंचायतों के लिए 48,497.57 करोड़ रुपये (पिछले वर्षों की रिलीज सहित) का एफएफसी अनुदान जारी किया गया। वर्ष 2015-16 से 2019-20 के लिए वित्त आयोग अनुदानों का वर्ष-वार आवंटन और जारी की गई राशि का विवरण (16-12-2019 को)  इस प्रकार है:

(करोड़ रुपये में)

क्र. सं.

वर्ष

मूल अनुदान

प्रदर्शन अनुदान

आवंटन

जारी राशि

आवंटन

जारी राशि

1.

2015-16

21624.46

21510.46

--

--

2.

2016-17

29942.87

29718.76

3927.65

3499.45

3.

2017-18

34596.26

33575.12

4444.71

1943.55

4.

2018-19

40021.63

37897.41

5047.53

--

5.

2019-20

54077.80

43736.08

6609.33

--

 

कुल

180263.02

166437.83

20029.22

5443.00

      मंत्रालय सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) के माध्यम से जीपीए द्वारा एफएफसी अनुदान के प्रभावी उपयोग की निगरानी करता है। डिजिटल निगरानी प्रणाली पर जोर देने के लिए ग्राम पंचायतों में एफएफसी अनुदान का उपयोग कर बनाई गई लगभग 5.5 लाख की संपत्ति अभी तक भू-टैग (जियो-टैग) की गई है।

पीआरआईएसॉफ्ट- पीएफएमएस में लगभग 1,10,102 ग्राम पंचायतें ऑन-बोर्ड हैं और 68,014 ग्राम पंचायते पहले से ही पीआरआईएसॉफ्ट- पीएफएमएस के माध्यम से डिजिटल भुगतान कर रहे हैं। पंचायतों के लिए पीआरआईएसॉफ्ट दोहरी प्रविष्टि नकद आधारित अकाउंटिंग एप्लिकेशन में ग्राम पंचायतों की संख्या 2,00,850 हैं।

राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए)

राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए) की पुनर्गठित केंद्र प्रायोजित योजना (सीएसएस) को 2018-19 में लागू किया गया। मिशन अंत्योदय के साथ 117 आकांक्षी जिलों में पंचायती राज संस्थाओं (पीआरआई) को मजबूत करने और सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए पंचायतों को मजबूत बनना इसका प्राथमिक उद्देश्य है।

वर्ष 2018-19 के दौरान, मंत्रालय ने 32 राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों की वार्षिक कार्य योजनाओं (एएपीजी) को मंजूरी दी है और 31 मार्च, 2019 तक राज्यों और कार्यान्वयन एजेंसियों आदि को 598.25 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। चालू वर्ष के दौरान, मंत्रालय ने 33 राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों की वार्षिक कार्य योजनाओं (एएपी) को मंजूरी दे दी है और 18. 12. 2019 तक राज्यों / संघ शासित प्रदेशों और कार्यान्वयन एजेंसियों को 406.22 करोड़ रुपये जारी किए हैं। राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों में 2019-20 के दौरान अनुमोदित कुछ प्रमुख गतिविधियाँ इस प्रकार हैं:

   I.     जीपीडीपी प्रशिक्षण के लिए 38.22 लाख प्रतिभागी और जीपीडीपी प्रशिक्षण के अलावा अन्य के लिए 36.94 लाख प्रतिभागी।

  II.     3108 ग्राम पंचायत भवनों का निर्माण और 2384 ग्राम पंचायत भवनों की मरम्मत

 III.     3404 ग्राम पंचायतों में कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) का सह-स्थान

 IV.     04 राज्य पंचायत संसाधन केंद्रों (एसपीआरसीए) और 09 जिला पंचायत संसाधन केंद्रों (डीपीआरसीए) का निर्माण

  V.     ग्राम पंचायतों में 10292 कंप्यूटरों की खरीद

 VI.     47 पंचायत अध्ययन केंद्र (पीएलसी)

VII.     पीईएएस क्षेत्र: 19512 ग्राम सभा मोबिलाइजर्स, 85 जिला समन्वयक, 411 ब्लॉक समन्वयक और 14382 ग्राम सभा ओरियंटेशन

जन योजना अभियान (पीपीसी) - सबकी योजना सबका विकास

2 अक्टूबर, 2018 से 31 दिसंबर, 2018 के दौरान पीपीसी में शामिल ग्राम पंचायतों, ग्राम सभाओं और अन्य हितधारकों के प्रत्यक्ष और काफी संतोषजनक प्रदर्शन से प्रेरित होकर और जीपीडीपी निर्माण प्रक्रिया में पारदर्शिता प्रदान करने के लिए इसे वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए 2 अक्टूबर, 2019 से फिर से अभियान मोड में शुरु किया गया है। 16 दिसंबर, 2019 को पीपीसी की स्थिति निम्नानुसार है:

   I.     210432 ग्राम सभाएं (78.2%) आय़ोजन किया गया।

  II.     221378 ग्राम सभाओं (82.3%) सूचीबद्ध हैं।

 III.     103607 समन्यवकों (38.5%)  से फीडबैक प्राप्त किया।

 IV.     जीपीडीपी की 97315 संख्या (36.2%) समन्यवकों की प्रतिक्रिया के अनुसार स्वीकृत।

  V.     42113 की जीपीडीपी संख्या (15.6%) प्लानप्लस पर अपलोड किए गए

 VI.     जीपीडीपी के 5805 संख्याएं पाइपलाइन में

पंचायतों का प्रोत्साहन:

मंत्रालय द्वारा पंचायतों / राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों को पंचायतों के प्रोत्साहन की योजना के तहत प्रोत्साहित किया जा रहा है। यह आरजीएसए की पुनर्गठित योजना के केंद्रीय घटकों में से एक है, जो सेवाओं और सार्वजनिक वस्तुओं के वितरण में सुधार और अच्छे काम की मान्यता के रूप में प्रोत्साहित करता है।

सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली पंचायतों / राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों को वार्षिक आधार पर 05 लाख से लेकर 50 लाख तक की वित्तीय प्रोत्साहन राशि से लेकर विभिन्न श्रेणियों के अंतर्गत, जैसे- (i) ग्राम / ब्लॉक / जिला पंचायतों के लिए दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण पुरस्कार (डीडीयूपीएसपी) (ii) ग्राम पंचायतों के लिए नानाजी देशमुख गौरव ग्राम सभा पुरस्कार (एनडीआरजीजीएसपी); (iii) ग्राम पंचायतों के लिए ग्राम पंचायत विकास योजना (जीपीडीपी) पुरस्कार; (iv) ग्राम पंचायतों के लिए बाल अनुकूल ग्राम पंचायत (सीएफजीपीए) पुरस्कार (और राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों के लिए ई-पंचायत पुरस्कार दिए जाते हैं हैं।

   I.     2019 के दौरान निम्नलिखित राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार प्रदान किए गए:

  II.     24 राज्यों में 195 पंचायतों (जिला / ब्लॉक / ग्राम) को डीडीयूपीएसपी।

 III.     20 राज्यों में 20 ग्राम पंचायतों को एनडीआरजीजीएसपी।

 IV.     देश भर में 3 ग्राम पंचायतों को जीपीडीप पुरस्कार।

  V.     22 राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों में 22 ग्राम पंचाय / ग्राम परिषद को सीफजीपीए।

 VI.     6 राज्यों को ई-पंचायत पुरस्कार

ई-पंचायत पर मिशन मोड परियोजना:

ई-पंचायत एमएमपी के तहत, कोर कॉमन एप्लीकेशन के एक सुइट को सामूहिक रूप से पंचायत एंटरप्राइज सूट (पीईएस) एप्लीकेशन के रूप में विकसित किया गया है। वर्ष के दौरान ई-पंचायत एमएमपी के तहत की गई कुछ प्रमुख गतिविधियाँ निम्नलिखित हैं:

कार्य आधारित लेखांकन पर ध्यान केंद्रित एकीकृत पोर्टल: एकीकृत पोर्टल मंत्रालय की एक नई पहल है, जो जीपीपी को अपने जीपीडीपी तैयार करने और कार्यान्वित करने के लिए एकल इंटरफ़ेस प्रदान करेगा। एकीकृत पोर्टल ग्राम पंचायत उपयोगकर्ता द्वारा की जाने वाली डेटा प्रविष्टियों की संख्या को कम करेगा। यह नेविगेशन की आसानी के साथ अधिक उपयोगकर्ता के अनुकूल इंटरफेस में लाएगा जिससे ग्राम पंचायतों को सहूलियत होगी।

ग्राम पंचायतों द्वारा वास्तविक समय के भुगतान के लिए पीआरआईएसॉफ्ट-पीएफएमस एकीकरण पर योजनाओं को लागू करना: मंत्रालय द्वारा चालू वर्ष में, विभिन्न चरणों की निगरानी के लिए नियोजन के चरण एक मजबूत तंत्र बना रखा है जो पूरा विवरण रखेगा। लगभग एक लाख ग्राम पंचायतों ने इस इंटरफ़ेस को लागू किया है।

ग्राम मानचित्र: माननीय पंचायती राज मंत्री द्वारा राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार, 2019 के अवसर पर स्थानिक योजना एप्लीकेशन 'ग्राम मानचित्र' का शुभारंभ 23 अक्टूबर, 2019 को किया गया। पंचायतों के लिए एक भू स्थानिक निर्णय समर्थन प्रणाली है। पंचायतें इस एप का उपयोग वास्तविक समय के आधार पर विकासात्मक गतिविधियों की योजना बनाने, इसके विकास और निगरानी के लिए कर सकती हैं। यह जीपीडीपी के लिए एक निर्णय समर्थन प्रणाली प्रदान करता है।

 

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आर.के.मीणा/आरएनएम/एएम/केजे– 5067



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