शिक्षा मंत्रालय

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री रमेश पोखरियाल 'निशंक’ ने पैरिस में हुए महासम्मेलन में यूनेस्को एमजीआईईपी डिजिटल लर्निंग मसौदे के दिशा निर्देशों को लॉन्च किया

Posted On: 15 NOV 2019 8:48PM by PIB Delhi

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने  यूनेस्को के 40वें महासम्मेलन के अवसर पर 'डिजिटल दुनिया में मीडिया और सूचना साक्षरता और खेल' विषय पर मंत्रियों के गोलमेज सम्मेलन में अपनी तरह के पहले 'डिजिटल लर्निंग पर उद्योग के दिशा निर्देश (चर्चा मसौदे)' को लॉन्च किया। फिनलैंड सरकार और भारत सरकार द्वारा संयुक्त रूप से यूनेस्को मुख्यालय और यूनेस्को के श्रेणी 1 के संस्थान 'शांति और सतत विकास के लिए महात्मा गांधी शिक्षा संस्थान' (एमजीआईईपी) के साथ साझेदारी में इस गोलमेज सम्मेलन का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम का संचालन यूनेस्को के संचार और सूचना के सहायक महानिदेशक श्री मोएज़ चाकचुक द्वारा किया गया और इसका शुभारंभ फिनलैंड की शिक्षा मंत्री सुश्री ली एंडरसन ने किया।

 

इन ड्राफ्ट दिशा निर्देशों को नई दिल्ली में स्थित यूनेस्को एमजीआईईपी ने विकसित किया है। ऐसा यूनेस्को एमजीआईईपी और आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा सह-आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन टेक-2018 में स्वीकार की गई डिजिटल लर्निंग पर वाइज़ैक घोषणा की प्रतिक्रिया में किया गया है। सीखने का तंत्रिका विज्ञान दर्शाता है कि मस्तिष्क के कुछ हिस्सों को बौद्धिक और साथ ही भावनात्मक बुद्धिमत्ता में 'प्रशिक्षित' किया जा सकता है या 'ढाला' जा सकता है और सीखने के इसी तंत्रिका विज्ञान को आधार बनाते हुए यह संस्थान सीखने के पूर्ण-मस्तिष्क रवैये को प्रोत्साहित करता है और अभिनव शिक्षाशास्त्र को सक्षम करने के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकियों की शक्ति का उपयोग करता है।

 

यूनेस्को महासम्मेलन के दौरान सैमसंग और अन्य भागीदारों के साथ साझेदारी में यूनेस्को और यूनेस्को एमजीआईईपी 12 नवंबर से 22 नवंबर तक यूनेस्को मुख्यालय में "गेम्स बार" की स्थापना कर रहे हैं। यह गेम्स बार महासम्मेलन के प्रतिभागियों को मीडिया और सूचना साक्षरता और एसडीजी से संबंधित खेल खेलने का स्थान प्रदान करता है ताकि वे मनोरंजन कर सकें और खेलने के साथ साथ सामाजिक और भावनात्मक कौशल और महत्वपूर्ण सोच प्राप्त कर सकें। युवाओं के नेतृत्व वाली गेम कंपनियों द्वारा विकसित खेलों का एक सेट जिसमें मुख्य रूप से मजेदार और गंभीर गेम और एसडीजी से संबंधित गेम होंगे, वे सैमसंग स्मार्टफोन, टैबलेट और डिस्प्ले पर गेम्स बार में उपलब्ध होंगे। प्रतिभागियों के लिए ये एक ऐसी जगह भी होगी जहां वो खुद को एमजीआईईपी द्वारा डिजाइन किए गए डिजिटल पाठ्यक्रम के माध्यम से उनके ऑनलाइन शिक्षण मंच फ्रेमर स्पेस में डुबो सकेंगे।

 

इस अवसर पर बोलते हुए मंत्री महोदय ने कहा कि आज के कार्यक्रम का विशेष महत्व है क्योंकि यह ऐसे समय में आयोजित किया जा रहा है जब पूरी दुनिया महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मना रही है। प्रौद्योगिकी हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गई है। प्रौद्योगिकी की शक्ति के साथ हम तत्परता से गुणवत्ता भरी, समावेशी और समग्र शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने छात्रों में सीखने को सुलभ करने में डिजिटल प्रौद्योगिकियों की शक्ति का उपयोग करने के लिए यूनेस्को के श्रेणी 1 के संस्थान 'शांति और सतत विकास के लिए महात्मा गांधी शिक्षा संस्थान' (एमजीआईईपी) की सराहना की।

 

उन्होंने कहा कि आज डिजिटल लर्निंग के समाधान निर्मित करने की तत्काल आवश्यकता है। हमें इस प्रकार के समाधान खोजने की आवश्यकता है जो छात्रों को तेजी से बदलते वैश्विक परिवेश के लिए तैयार करें। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि एमजीआईईपी और सैमसंग ने एक गेमिंग बार स्थापित किया है जो शिक्षा, संचार और सूचना के क्षेत्रों में जानकारी प्रदान करेगा।

 

मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि इसका मुख्य उद्देश्य मीडिया, सूचना और साक्षरता के क्षेत्र में महत्वपूर्ण सोच के विकास को प्रोत्साहित करना है। इन उद्देश्यों में युवाओं के बीच गेमिंग आधारित शिक्षण तरीकों की अद्वितीय क्षमता का लाभ उठाकर उनमें बेहतर समझ, संवाद और शांति को बढ़ावा देना भी शामिल है। श्री पोखरियाल ने कहा कि यह संयुक्त प्रयास न केवल अपने उद्देश्य को प्राप्त करेगा बल्कि इस चयनित क्षेत्र में अपनी उत्कृष्टता के साथ एक नया अध्याय शुरू करेगा।

 

एमजीआईईपी के निदेशक डॉ. अनंत दुरैयप्पा ने इस लॉन्च पर टिप्पणी करते हुए कहा, “हमें यह कहते हुए गर्व हो रहा है कि एमजीआईईपी वैश्विक स्तर पर शैक्षिक क्षेत्रों को बदलने में भारत का योगदान है, जिसके प्रमुख कार्य क्षेत्रों में के-12 के लिए सामाजिक और भावनात्मक शिक्षण के लिए डिजिटल शिक्षाशास्त्र भी शामिल है। सैमसंग और एमजीआईईपी भारत में मिडिल स्कूल के छात्रों के लिए सीखने के परिणामों को बढ़ाने और उनके पाठ्यक्रम के तनाव को कैसे कम किया जा सकता है, इसका अध्ययन करने के लिए माई ड्रीम नामक एक शोध अध्ययन पर काम कर रहे हैं। इस महासम्मेलन में हमने सैमसंग के साथ जो गेम बार स्थापित किया है उसका उद्देश्य उन विशिष्ट संभावनाओं का दोहन करना है जो शिक्षित करने, महत्वपूर्ण सोच को उत्प्रेरित करने और सहिष्णुता, संवाद व शांति को बढ़ावा देने के लिए खेलों में मौजूद है।

 

माई ड्रीम परियोजना के तहत यूनेस्को एमजीआईईपी और सैमसंग पूरे भारत के जवाहर नवोदय विद्यालय (जेएनवी) स्कूलों में दो साल का शोध अध्ययन करवा रहे हैं। यह अध्ययन यह समझने के लिए डिज़ाइन किया गया है कि कैसे परियोजना-आधारित शिक्षण और एसईएल का उपयोग छात्रों के तनाव के स्तरों को घटाने और उनके सीखने के परिणामों को चलाने के लिए किया जा सकता है जैसा कि जवाहर नवोदय विद्यालय द्वारा आंके गए उनके गणित और विज्ञान के अंकों में परिभाषित किया जाता है।

 

यूनेस्को एमजीआईईपी 200 घंटे के पाठ्यक्रम को आपूर्ति भी करेगा जिसे यूनेस्को एमजीआईईपी की सैमसंग स्मार्ट क्लास के लिए 'प्रौद्योगिकी के लिए शिक्षकों को शिक्षित करना' पहल के अंतर्गत आंध्र प्रदेश सरकार के लिए विकसित किया जा रहा है। ये स्मार्ट क्लास पूरे आंध्र प्रदेश में शिक्षा स्नातक (बी.एड) और शिक्षा डिप्लोमा (डी.एड) पाठ्यक्रम प्रस्तुत करने वाले 14 सरकारी कॉलेजों में स्थापित की जा रही हैं। इस पाठ्यक्रम को यूनेस्को एमजीआईईपी द्वारा इसलिए विकसित किया जा रहा है ताकि डिजिटल शिक्षाशास्त्र का उपयोग करते हुए नवीनतम प्रौद्योगिकी की मदद से छात्रों को शिक्षण देने के लिए भविष्य के शिक्षकों को प्रभावी ढंग से शिक्षित किया जा सके।

 

प्रौद्योगिकी तेजी से हमारे रोजमर्रा के जीवन में प्रवेश कर रही है। प्रौद्योगिकी की शक्ति का लाभ उठाना ही उच्च गुणवत्ता वाली, समावेशी और न्यायसंगत शिक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। केपीएमजी और गूगल की रिपोर्ट के अनुसार भारत में शिक्षा प्रौद्योगिकी (एडटैक) बाजार 2021 तक लगभग 96 लाख उपयोगकर्ताओं के साथ 1.96 बिलियन डॉलर तक बढ़ने जा रहा है जो 2016 में 16 लाख उपयोगकर्ताओं के साथ 247 मिलियन डॉलर पर था। डिजिटल शिक्षा संसाधनों के बड़े पैमाने पर प्रवाह ने शिक्षकों, अभिभावकों और स्कूली नेताओं के लिए उचित डिजिटल लर्निंग गेम, एप्लीकेशन या उपकरणों के चयन के काम को मुश्किल बना दिया है।

 

ये चुनौतियां शैक्षिक प्रौद्योगिकी विकसित करने वालों के लिए दिशा निर्देशों का एक समूह बनाने के महत्व को रेखांकित करती हैं ताकि ऐसे शिक्षाशास्त्रों के साथ अच्छी लर्निंग के सिद्धांतों को एकीकृत किया जा सके जो सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) में निहित शांति, गैर-भेदभाव और सतत विकास के मूल्यों के साथ क्रमबद्ध हैं। ये ड्राफ्ट दिशा निर्देश उन डिजिटल शिक्षण समाधानों को बनाने में मदद करने के लिए विकसित किए गए थे जो सक्रिय सीखने को बढ़ावा देते हैं और सामाजिक और भावनात्मक कौशल सहित 21वीं सदी के कौशल का निर्माण करते हैं। तेजी से बदलती सामाजिक और आर्थिक जरूरतों के साथ तालमेल रखने के लिए ड्राफ्ट दिशा निर्देश एक कार्यशील दस्तावेज के रूप में काम करते हैं और संबंधित हितधारकों से उनकी प्रतिक्रियाएं आमंत्रित करते हैं।

 

यूनेस्को महासम्मेलन के दौरान सैमसंग और अन्य भागीदारों के साथ साझेदारी में यूनेस्को और यूनेस्को एमजीआईईपी 12 नवंबर से 22 नवंबर तक यूनेस्को मुख्यालय में "गेम्स बार" की स्थापना कर रहे हैं। यह गेम्स बार महासम्मेलन के प्रतिभागियों को मीडिया और सूचना साक्षरता और एसडीजी से संबंधित खेल खेलने का स्थान प्रदान करता है ताकि वे मनोरंजन कर सकें और खेलने के साथ साथ सामाजिक और भावनात्मक कौशल और महत्वपूर्ण सोच प्राप्त कर सकें। युवाओं के नेतृत्व वाली गेम कंपनियों द्वारा विकसित खेलों का एक सेट जिसमें मुख्य रूप से मजेदार और गंभीर गेम और एसडीजी से संबंधित गेम होंगे, वे सैमसंग स्मार्टफोन, टैबलेट और डिस्प्ले पर गेम्स बार में उपलब्ध होंगे। प्रतिभागियों के लिए ये एक ऐसी जगह भी होगी जहां वो खुद को एमजीआईईपी द्वारा डिजाइन किए गए डिजिटल पाठ्यक्रम के माध्यम से उनके ऑनलाइन शिक्षण मंच फ्रेमर स्पेस में डुबो सकेंगे।

 

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आर.के.मीणा/एएम/जीएसबी


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