श्रम और रोजगार मंत्रालय

श्री संतोष गंगवार ने 3 ऐप का लोकार्पण किया: यूएएन पंजीकरण, ई-निरीक्षण और डीजी लॉकर,  ईपीएफ के ग्राहकों और हितधारकों को लाभान्वित करने के लिए ईपीएफओ का 67 वां स्थापना दिवस मनाया गया



Posted On: 01 NOV 2019 8:12PM by PIB Delhi

श्री संतोष कुमार गंगवार, श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने 3 ऐप का लोकार्पण किया: यूएएन पंजीकरण, ई-निरीक्षण और डीजी लॉकर, जिसे कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) द्वारा आज अपने 67 वें स्थापना दिवस के अवसर पर विकसित किया गया है। इस अवसर पर बोलते हुए, श्री गंगवार ने कहा कि इन एप से ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में अत्यधिक वृद्धि होगी और इनके माध्यम से ईपीएफओ के काम में पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा।

 

उन्होंने आगे कहा कि हमने सदस्यों को बेहतर सेवा प्रदान करने के लिए बड़े पैमाने पर सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग किया है और प्रोविडेंट फंड का ऑनलाइन हस्तांतरण, ऑनलाइन क्लेम सेटलमेंट, दस्तावेजों को डिजिटल रूप में रखने के लिए डिजिटल लॉकर उपलब्ध करवा रहे हैं। अब, अगर आपका ईपीएफ खाता आधार से जुड़ा हुआ है तो धन की निकासी करना बहुत आसान है। दावे का निपटारा करने के लिए 10 दिनों की समय सीमा तय की गई है।

 

ईपीएफओ की तीन महत्वपूर्ण डिजिटल पहलों का विवरण निम्नानुसार है:

 

कर्मचारियों द्वारा ऑनलाइन यूएएन बनाने की सुविधा: अब कोई भी कर्मचारी ईपीएफओ की वेबसाइट पर जाकर सीधे यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) प्राप्त कर सकता है जो कि उन्हें पीएफ, पेंशन और जीवन बीमा लाभ के लिए नामांकित करता है और अब एक कर्मचारी को यूएएन के लिए सिर्फ अपने नियोक्ता पर निर्भर रहने की आवश्यकता नहीं है। यह ईज ऑफ लिविंग और सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

ईपीएस पेंशनरों का पीपीओ, डिजीलॉकर वेबसाइट/ एप्लिकेशन (एपीपी) के रूप में: इलेक्ट्रॉनिक पीपीओ का डिपॉजिटरी बनाने के लिए ईपीएफओ को एनईजीडी के डिजीलॉकर के साथ जोड़ा गया है जो व्यक्तिगत पेंशनरों के लिए आसानी से उपलब्ध है। यह पेपरलेस प्रणाली और पेंशनभोगियों के लिए ईज ऑफ लिविंग की दिशा में एक बढ़ता हुआ कदम है।

ई-निरीक्षण: नियोक्ताओं के साथ ईपीएफओ ​​का डिजिटल इंटरफ़ेस: ई-निरीक्षण फॉर्म ईसीआर दाखिल नहीं करने वाले नियोक्ताओं के यूजर लॉगिन पर उपलब्ध होगा जो नियोक्ता को व्यापार बंद करने की सूचना देने या बकाया राशि के साथ भुगतान का प्रस्ताव देने में सक्षम बनाता है। यह नियोक्ताओं को नमनशील व्यवहार करने के लिए प्रेरित करेगा और गैर-इरादतन बकाएदारों के अनुचित उत्पीड़न को रोकेगा और इंस्पेक्टर राज को खत्म करेगा।

भारी मात्रा में ईपीएफओ के संचालन की सराहना करते हुए, उन्होंने कहा कि ईपीएफओ दुनिया का सबसे बड़ा सामाजिक सुरक्षा संगठन है, जिसमें लगभग 6 करोड़ सक्रिय सदस्यों और 65 लाख पेंशनभोगियों को कवर किया जाता है और लगभग 13 लाख करोड़ रूपये के फंड के साथ लगभग 22 करोड़ कर्मचारियों के खातों को चालू रखा जाता है। ईपीएफओ द्वारा अपने ग्राहकों को अच्छा ब्याज दर दिया जा रहा है जिसे हाल ही में 8.65% तक बढ़ाया गया है।

श्री हीरालाल सामरिया, सचिव, श्रम एवं रोजगार और गेस्ट ऑफ ऑनर ने ईपीएफओ द्वारा अपने सेवा वितरण तंत्र को बेहतर बनाने ​​के प्रयासों की सराहना की, जिसके कारण उसके हितधारकों के बीच एक विश्वास उत्पन्न हुआ है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियो को विश्वास है कि उनका पैसा ईपीएफ में सुरक्षित है और यह जमा पर उच्च आय भी अर्जित करता है। उन्होंने कहा कि एक मजबूत निवेश तंत्र और सीबीटी द्वारा गहन निगरानी ने सुरक्षित निवेश और उच्च रिटर्न की प्राप्ति को भी सुनिश्चित किया है। कर्मचारियों को उनके मासिक योगदान और ऑनलाइन दावों की प्राप्ति के बारे में एसएमएस से जानकारी दिए जाने से उनका विश्वास ईपीएफओ के प्रति और मजबूत हुआ है।

केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त, श्री सुनील बर्थवाल ने 1952 से ईपीएफओ यात्रा पर एक संक्षिप्त प्रस्तुति दिया और पिछले एक वर्ष के दौरान ईपीएफओ के प्रदर्शन पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि ईपीएफओ अपनी नीतियों और सेवाओं को सरकार की तीन प्रमुखों सिद्धांतों के साथ जोड़कर रखता है, जो है, ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस (ईओडीबी), नियोक्ता और ईपीएफओ के बीच एक दोस्ताना और ईमानदार संबंध को सुनिश्चित करने के लिए; डिजिटलीकरण और ऑनलाइन सेवाओं को प्रदान कर कर्मचारियों का ईज ऑफ लिविंग और एक गुड गवर्नेंस मॉडल जो पारदर्शी, परामर्शक और सहभागी है। उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया अभियान को ईपीएफओ के संदेशपत्रों और भावनाओं में लागू किया जा रहा है। ईपीएफओ उमंग ऐप का सबसे बड़ा उपयोगकर्ता है यानी कि उमंग ऐप के 87% ग्राहक ईपीएफ के ही ग्राहक हैं। सितंबर, 2019 में 93% दावों को ऑनलाइन प्राप्त किया गया जबकि अक्टूबर 2017 में यह मात्र 5% ही था। ईपीएफआईजीएमएस का पुनर्निर्माण करके त्वरित शिकायत निवारण को सुनिश्चित किया गया है और अब 92% शिकायतों का समाधान 20 दिनों में कर लिया जाता है और यहां तक ​​कि ईपीएफओ से संबंधित सीपीजीआरएएम पर 98% शिकायतों का समाधान 9 दिनों में ही कर लिया जाता है। विभिन्न स्तरों पर सार्वजनिक रूप से पहुंच और प्रत्येक महीने निधि आपके निकटने शिकायतों के प्रति हितधारकों के लिए एक अनुकूल और संवेदनशील दृष्टिकोण को सुनिश्चित किया है। ईपीएफओ द्वारा आधार के माध्यम से केवाईसी प्राप्त करके डिजिटलीकरण करने का लगातार प्रयास किया जा रहा है। यूआईडीएआई के बाद, ईपीएफओ ही ​​देश में सबसे ज्यादा आधार से अपडेट कराने वाला संगठन है। अक्टूबर 2017 से लेकर सितंबर 2019 की अवधि तक आधार से जुड़ने वाले मोबाइल नंबरों में 70% की वृद्धि दर्ज की गई है। उन्होंने ईपीएफओ कार्यालय के एक औसत दिन के गतिविधियों की भी जानकारी प्रदान की। योगदान के माध्यम से लगभग 614 करोड़ रूपये प्राप्त हुए, जिसमें से 329 करोड़ रूपयों का उपयोग लाभार्थियों को भुगतान करने में किया गया। पिछले वर्ष, प्रति दिन 302 करोड़ रुपये का निवेश किया गया था। प्रत्येक दिन 416 प्रतिष्ठानों को पंजीकृत किया गया और 74,423 सदस्यों को प्रतिदिन नामांकित किया गया जबकि 2,604 शिकायतों का प्रतिदिन निवारण किया गया।

इस विशेष दिन के अवसर पर, ईपीएफओ की 1952 से लेकर 2019 तक ​​की ऐतिहासिक यात्रा की याद में एक पुस्तिका को भी जारी किया गया।

इस समारोह में ईपीएफओ कार्यालयों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों के बीच पुरस्कारों का भी वितरण किया गया, जिसमें जोनल कार्यालय हरियाणा, आरओ, देहरादून, आरओ, आगरा, डीओ, त्रिशूर, आरओ, आर के पुरम ऑनलाइन दावा निपटाने वाले सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शनकारी थे, आरओ, दिल्ली (पूर्व) को यूएएन में केवाईसी करने में सर्वश्रेष्ठ घोषित किया गया। दो नई श्रेणियों में पुरस्कार- स्वछता के लिए आरओ, देहरादून और समयनिष्ठा के लिए आरओ, कन्नूर को दिया गया। सर्वश्रेष्ठ आईटी प्रदर्शन करने वाली टीम का पुरस्कार कर्मचारियों के लिए यूएएन की सुविधा को विकसित करने वाली टीम को दिया गया। पीएफ छुट प्राप्त सर्वश्रेष्ठ ट्रस्ट का पुरस्कार भेल हैदराबाद प्रोविडेंट फंड ट्रस्ट को दिया गया।

 

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