उप राष्ट्रपति सचिवालय

उपराष्ट्रपति ने आतंकवाद पर संयुक्त राष्ट्र व्यापक सम्मेलन का जल्द समापन सुनिश्चित करने के लिए विश्व समुदाय से अपील की


आतंकवाद वैश्विक प्रगति को बाधित कर रहा है: उपराष्ट्रपति

भारत कोमोरोस के आर्थिक विकास में एक महत्वपूर्ण भागीदार बनना चाहता है

विभिन्न देशों के सांसद एक-दूसरे के साथ विचार एवं दृष्टिकोण को साझा करते हुए लाभ उठा सकते हैं

मोरोनी में कोमोरोस की संसद को संबोधित किया

Posted On: 11 OCT 2019 7:58PM by PIB Delhi

उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि आतंकवाद गंभीर खतरा बन चुका है और यह वैश्विक प्रगति को बाधित कर रहा है। उन्होंने विश्व समुदाय से आग्रह किया कि वे अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर संयुक्त राष्ट्र व्यापक सम्मेलन का जल्द से जल्द समापन सुनिश्चित करने के लिए एकजुट हों।

द्वीपीय देश कोमोरोस की राजधानी मोरोनी में संसद को संबोधित करते हुए श्री नायडू ने कहा कि आतंकवादी समूह शांति एवं स्थिरता के लिए चुनौतियां पैदा करती हैं और वे सरकारी संस्थानों को संवेदनशील बनाते हैं। उन्होंने कहा, ‘पाइरेसी और समुद्री खतरों के साथ-साथ साइबर अपराध जैसे सीमापार अपराधों ने समस्या को बहुआयामी बना दिया है।’ उन्होंने कहा कि भारत इन खतरों विशेष रूप से समुद्री क्षेत्र के लोगों के लिए खतरों से निपटने के लिए कोमोरोस के साथ भागीदारी के लिए तैयार है।

श्री नायडू ने कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने हिंद महासागर में एक सहयोगात्मक सुरक्षा व्यवस्था के लिए एक उपयुक्त भारतीय दृष्टिकोण की परिकल्पना की है जिससे इस क्षेत्र के सभी देशों के लिए सुरक्षा एवं आर्थिक प्रगति सुनिश्चित होगी।

भारत दक्षिण-दक्षिण सहयोग के सिद्धांतों के अनुसार कोमोरोस के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध था और इसे देखते हुए उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंध कहीं अधिक मजबूत हो सकते हैं और दोनों देशों के बीच व्यापार की व्यापक संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत कोमोरोस के आर्थिक विकास में एक महत्वपूर्ण भागीदार बनना चाहता है।’

अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के तहत भारत और कोमोरोस के बीच साझेदारी का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इससे दूर दराज के हजारों घरों तक ऊर्जा की सतत आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकती है। दोनों देशों में युवाओं की काफी आबादी को देखते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि ‘यदि हम उन्हें प्रशिक्षित कर कौशल और रोजगार दे सकते हैं तो व्यापक जनसांख्यिकीय लाभांश का फायदा उठाया जा सकता है।’

कोमोरोस में ई-विद्या भारती और ई-आरोग्य भारती को लागू करने के लिए पूरे अफ्रीका में ई-नेटवर्क की पहल का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘इसके तहत हम विभिन्न अफ्रीकी देशों में 15,000 छात्रों को मुफ्त टेली-शिक्षा और 1,000 डॉक्टरों एवं पैरामेडिक्स को मुफ्त टेली-मेडिसिन पाठ्यक्रम प्रदान कर रहे हैं। भारत को अपने लोगों की भलाई और विशेष रूप से अपने युवाओं को सशक्त बनाने के लिए अफ्रीका के साथ अपनी डिजिटल क्रांति को साझा करते हुए खुशी है।’

श्री नायडू ने विभिन्न देशों के सामने आने वाली साझा चुनौतियों का उल्लेख करते हुए कहा कि विभिन्न देशों के सांसद एक-दूसरे के साथ विचार और दृष्टिकोण को साझा करते हुए काफी लाभ उठा सकते हैं। उन्होंने कहा,  ‘हमें दोनों देशों के कुछ क्षेत्रों साथ-साथ दुनिया के कुछ हिस्सों में गरीबी, अशिक्षा, आय असमानता, लैंगिक भेदभाव, पर्यावरणीय समस्याओं और बुनियादी सुविधाओं की कमी जैसी चुनौतियों से लगातार निपटना पड़ेगा।’

उपराष्ट्रपति ने कहा कि केवल लोक-केंद्रित शासन से ही सभी नागरिकों के लिए उच्च गुणवत्ता का जीवन सुनिश्चित होगा। उन्होंने कहा कि सतत् विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के कार्यान्वयन और समर्थन में सांसदों को अपने संवैधानिक जिम्मेदारी निभाने के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभानी पड़ेगी।

उपराष्ट्रपति के साथ पशुपालन, डेयरी एवं मत्स्य पालन राज्य मंत्री श्री संजीव कुमार बाल्यान, राज्य सभा सांसद श्री रामविचार नेताम  एवं कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

 

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आरकेमीणा/आरएनएम/एएम/एसकेसी/सीएल-3551



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