वित्‍त मंत्रालय

सॉवरेन गोल्‍ड बॉण्ड योजना 2019-20

Posted On: 30 SEP 2019 7:15PM by PIB Delhi

भारत सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक के परामर्श से सॉवरेन गोल्‍ड बॉण्ड जारी करने का निर्णय लिया है। सॉवरेन गोल्‍ड बॉण्ड अक्‍टूबर 2019 से लेकर मार्च 2020 तक छह चरणों में जारी किए जाएंगे। ये बॉण्ड निम्‍नलिखित कैलेंडर के अनुसार जारी किए जाएंगे :

क्र. सं.

सीरीज

खरीदने के लिए आवेदन की अवधि

बॉण्ड जारी करने की तिथि

1

2019-20 सीरीज  V

07-11 अक्‍टूबर, 2019

15 अक्‍टूबर, 2019

2

2019-20 सीरीज VI

21-25 अक्‍टूबर, 2019

30 अक्‍टूबर, 2019

3

2019-20 सीरीज VII

02–06 दिसंबर, 2019

10 दिसंबर, 2019

4

2019-20 सीरीज VIII

13-17 जनवरी , 2020

21 जनवरी , 2020

5

2019-20 सीरीज IX

03-07 फरवरी , 2020

11 फरवरी, 2020

6

2019-20 सीरीज X

02-06 मार्च, 2020

11 मार्च, 2020

 

बॉण्डों की बिक्री अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (छोटे फाइनेंस बैंकों और पेमेंट बैंकों को छोड़कर), स्‍टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसएचसीआईएल), नामित डाकघरों और मान्‍यता प्राप्‍त स्‍टॉक एक्‍सचेंजों जैसे कि नेशनल स्‍टॉक एक्‍सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड और बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज लिमिटेड के जरिए की जाएगी।

बॉण्ड की खूबियों का उल्‍लेख नीचे किया गया है:

क्र.सं.

मद

विवरण

1

उत्‍पाद का नाम

सॉवरेन गोल्‍ड बॉण्ड 2019-20

2

जारी करना

भारत सरकार की ओर से भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी किए जाएंगे।

3

पात्रता

बॉण्डों की बिक्री निवासी व्‍यक्तियों, हिंदू अविभाजित परिवारों (एचयूएफ), ट्रस्‍टों, विश्‍वविद्यालयों और धर्मार्थ संस्‍थानों तक ही सीमित रहेगी।

4

मात्रा वर्ग

बॉण्डों को 1 ग्राम की बुनियादी इकाई के साथ सोने के ग्राम संबंधी गुणक में अंकित किया जाएगा।

5

अवधि

बॉण्ड की अवधि 8 साल होगी और पांचवें साल के बाद इससे बाहर निकलने का विकल्‍प रहेगा, जिसका इस्‍तेमाल ब्‍याज भुगतान की तिथियों पर किया जा सकता है।

6

न्‍यूनतम सीमा

न्‍यूनतम स्‍वीकार्य सीमा 1 ग्राम सोना है।

7

अधिकतम सीमा

खरीदने की अधिकतम सीमा व्‍यक्तियों के लिए 4 किलोग्राम, एचयूएफ के लिए भी 4 किलोग्राम और ट्रस्‍ट एवं इसी तरह के निकायों के लिए 20 किलोग्राम प्रति वित्त वर्ष (अप्रैल-मार्च) होगी, जिसके बारे में सरकार द्वारा समय-समय पर अधिसूचित किया जाएगा। इस आशय का एक स्‍व-घोषणा पत्र प्राप्‍त करना होगा। वार्षिक सीमा में सरकार द्वारा आरंभिक निर्गमन के दौरान विभिन्‍न सीरीज के तहत खरीदे गए बॉण्ड और द्वितीयक बाजार से खरीदे गए बॉण्ड भी शामिल होंगे।

8

संयुक्‍त धारक

संयुक्‍त रूप से धारण किए जाने की स्थिति में 4 किलोग्राम की निवेश सीमा केवल प्रथम आवेदक पर लागू होगी।

9

निर्गम मूल्‍य या इश्‍यू प्राइस

बॉण्ड का मूल्‍य भारतीय रुपये में तय किया जाएगा जो अभिदान अवधि से ठीक पिछले सप्‍ताह के अंतिम 3 कार्य दिवसों पर 999 शुद्धता वाले सोने के बंद मूल्‍य के सामान्‍य औसत पर आधारित होगा। इसका प्रकाशन इंडिया बुलियन एंड ज्‍वेलर्स एसोसिएशन लिमिटेड द्वारा किया जाएगा। गोल्‍ड बॉण्ड का निर्गम मूल्‍य उन लोगों के लिए प्रति ग्राम 50 रुपये कम होगा जो इसकी खरीदारी ऑनलाइन करेंगे और इसका भुगतान डिजिटल मोड के जरिए करेंगे।

10

भुगतान का विकल्‍प

बॉण्ड का भुगतान या तो नकद अदायगी (अधिकतम 20,000 रुपये तक) अथवा डिमांड ड्राफ्ट या चेक अथवा इलेक्‍ट्रॉनिक बैंकिंग के जरिए किया जा सकेगा।

11

निर्गमन फॉर्म

गोल्‍ड बॉण्डों को जीएस अधिनियम, 2006 के तहत भारत सरकार के स्‍टॉक के रूप में जारी किया जाएगा। निवेशकों को इसके लिए एक धारण (होल्डिंग) प्रमाण-पत्र जारी किया जाएगा। बॉण्डों को डिमैट स्‍वरूप में बदला जा सकेगा।

12

विमोचन मूल्‍य

विमोचन मूल्‍य भारतीय रुपये में होगा जो पिछले 3 कार्य दिवसों में 999 शुद्धता वाले सोने के बंद मूल्‍य के सामान्‍य औसत पर आधारित होगा। इसका प्रकाशन इंडिया बुलियन एंड ज्‍वेलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) द्वारा किया जाएगा।

13

बिक्री का माध्यम

बॉण्डों की बिक्री वाणिज्यिक बैंकों, स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसएचसीआईएल), नामित डाकघरों (जिन्‍हें अधिसूचित किया जा सकता है) और मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों जैसे कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड और बॉम्बे स्टॉ‍क एक्सचेंज के जरिए या तो सीधे अथवा एजेंटों के जरिए की जाएगी।

14

ब्‍याज दर

निवेशकों को प्रति वर्ष 2.50 प्रतिशत की निश्चित दर से मुआवजा दिया जाएगा, जो अंकित मूल्‍य पर हर छह महीने में देय होगा।

15

जमानत या गारंटी के रूप में

बॉण्डों का उपयोग ऋणों के लिए जमानत या गारंटी के रूप में किया जा सकता है। ऋण-मूल्‍य (एलटीवी) अनुपात को साधारण स्‍वर्ण ऋण के बराबर तय किया जाएगा जिसके बारे में रिजर्व बैंक द्वारा समय-समय पर अधिदेश जारी किया जाएगा।

16

केवाईसी दस्‍तावेज

‘अपने ग्राहक को जानो (केवाईसी)’ से जुड़े मानक वही होंगे जो भौतिक या ठोस रूप में सोने की खरीदारी के लिए तय किए गए हैं। केवाईसी दस्‍तावेज जैसे कि वोटर आईडी, आधार कार्ड/पैन अथवा टैन/ पासपोर्ट की आवश्‍यकता होगी। प्रत्‍येक आवेदन के साथ आयकर विभाग द्वारा निवेशकों और अन्‍य निकायों को जारी स्‍थायी खाता संख्‍या (पैन) की प्रति भी अवश्‍य संलग्‍न की जानी चाहिए।

17

टैक्‍स देनदारी

आयकर अधिनियम, 1961 (43, 1961) के प्रावधान के अनुसार, गोल्‍ड बॉण्डों पर प्राप्‍त होने वाले ब्‍याज पर टैक्‍स अदा करना होगा। किसी भी व्‍यक्ति को सॉवरेन गोल्‍ड बॉण्‍ड (एसजीबी) के विमोचन पर होने वाले पूंजीगत लाभ को कर मुक्‍त कर दिया गया है। बॉण्‍ड के हस्‍तांतरण पर किसी भी व्‍यक्ति को प्राप्‍त होने वाले दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर इंडेक्सेशन या मूल्‍य सूचकांक से जोड़ने के कारण टैक्‍स भार कम करने संबंधी फायदे भी मिलेंगे।

18

ट्रेडिंग पात्रता

आरबीआई द्वारा अधिसूचित तिथि पर बॉण्ड जारी होने के एक पखवाड़े के भीतर बॉण्डों की ट्रेडिंग स्‍टॉक एक्‍सचेंजों पर हो सकेगी।

19

एसएलआर संबंधी पात्रता

स्‍वत्व अथवा वैध अधिकार/ बंधक/गिरवी का उपयोग करने की प्रक्रिया के जरिए बैंकों द्वारा हासिल किए गए बॉण्डों की गिनती वैधानिक तरलता अनुपात (एसएलआर) के संदर्भ में की जाएगी।

20

कमीशन

बॉण्डों के वितरण पर कमीशन का भुगतान प्राप्‍तकर्ता कार्यालयों को हासिल कुल अभिदान के 1 प्रतिशत की दर से किया जाएगा और प्राप्‍तकर्ता कार्यालय इस तरह से हासिल होने वाले कमीशन के  कम से कम 50 प्रतिशत को उन एजेंटों अथवा उप-एजेंटों के साथ साझा करेंगे जिनके जरिए संबंधित बिजनेस या कारोबार हासिल किया गया है।

 

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आर.के.मीणा/आरएनएम/एएम/आरआरएस/वाईबी- 3467


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