उप राष्ट्रपति सचिवालय
उपराष्ट्रपति ने खेलों के लिए अपेक्षित वातावरण को विकसित करके भारत को एक वैश्विक खेल महाशक्ति बनाने की दिशा में कदम उठाने की बात की;
उन्होंने खेल के बुनियादी ढांचे के निर्माण में कॉर्पोरेट्स, जन-हितैषी और प्रतिष्ठित खेल व्यक्तियों से सरकार का समर्थन करने के लिए कहा;
स्कूल के उम्र से ही खेल की संस्कृति को पुनर्जीवित करें और इसका सही ढ़ंग से पालन-पोषण करें: उपराष्ट्रपति
खेल, योग लोगों के दैनिक जीवन का अभिन्न अंग बनना चाहिए;
मैरी कॉम बॉक्सिंग फाउंडेशन के मुक्केबाजों के साथ उपराष्ट्रपति बातचीत की
Posted On:
30 SEP 2019 7:13PM by PIB Delhi
उपराष्ट्रपति, श्री एम. वेंकैया नायडू ने खेल के बुनियादी ढांचे के निर्माण में सरकार के प्रयासों का समर्थन करने के लिए भारत के कॉर्पोरेट, जन-हितैषी और प्रतिष्ठित खेल हस्तियों का आह्वान किया, विशेष रूप से पूर्वोत्तर क्षेत्र में। उन्होंने कहा कि खेल कौशल में सुधार लाने के सरकार के प्रयासों का प्रत्येक और सभी के द्वारा आवश्यक रूप से समर्थन किया जाना चाहिए।
मैरी कॉम रीजनल बॉक्सिंग फाउंडेशन, इम्फाल, मणिपुर के लगभग 20 युवा मुक्केबाजों के साथ बातचीत करते हुए, जो कि 15 असम राइफल्स द्वारा आयोजित किए गए एक राष्ट्रीय संवादात्मक दौरे पर हैं, आज नई दिल्ली में, श्री नायडू ने कहा कि भारत को वैश्विक खेल महाशक्ति बनाने के लिए देश में खेलों के प्रति आवश्यक वातावरण तैयार करने की तत्काल आवश्यकता है।
उपराष्ट्रपति ने देश के कोने-कोने से खेल प्रतिभाओं की पहचान करने, उन्हें प्रोत्साहित करने और उनका समर्थन करने के लिए भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए ‘खेलो इंडिया’ अभियान के लिए भारत सरकार की सराहना की, जिसमें उन्हें शीर्ष स्तर का बुनियादी ढांचा और उच्चतम स्तर का प्रशिक्षण दिया जाता है।
श्री नायडू ने मैरी कॉम, पी.वी. सिंधु, साइना नेहवाल, दीपा करमाकर और अन्य लोगों से नेतृत्व करने और युवाओं, विशेष रूप से बच्चों को खेल में हिस्सा लेने के लिए प्रेरित करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि, “इसे जमीनी स्तर पर ले जाने, देश में सभी प्रकार के खेलों के लिए एक मजबूत ढांचा तैयार करने और भारत को एक महान खेल राष्ट्र बनाने की तत्काल आवश्यकता है।“
खेल संस्कृति को पुनर्जीवित करने और इसे स्कूल के स्तर से लागु करने की आवश्यकता पर बल देते हुए, उपराष्ट्रपति ने कहा कि खेल-कुद और क्रीड़ा या योग या किसी भी प्रकार की शारीरिक गतिविधियां लोगों के दैनिक जीवन का अभिन्न अंग बनना चाहिए।
इस बात को रेखांकित करते हुए कि तन्दुरुस्त और स्वस्थ रहने से किसी भी व्यक्ति, परिवार और समाज की भलाई पर बड़े पैमाने पर असर पड़ेगा, उन्होंने कहा कि: "हमारे जैसे एक युवा देश में जहां की 65 फीसदी से अधिक आबादी 30 वर्ष से कम आयु की है वहां के बच्चों, युवाओं और बड़ों को किसी भी प्रकार की शारीरिक गतिविधियां करके तन्दुरुस्त रहने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।"
प्रधानमंत्री श्री मोदी के व्क्तव्यों को उद्धृत करते हुए जिसमें उन्होंने घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए देश के युवाओं को 2022 तक कम से कम 15 पर्यटन स्थलों का दौरा करने की बात की थी, श्री नायडू ने कहा कि इस प्रकार के दौरे से देश की अनूठी सांस्कृतिक के बारे में उनकी समझ को बढ़ावा मिलेगा।
यह कहते हुए कि यात्रा जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा है और यह हमें कई चीजें सिखाता है जो कक्षा में नहीं सिखाई जा सकती हैं, उपराष्ट्रपति ने देश के युवाओं, विशेष रूप से छात्रों को भारत की संस्कृति, विरासत, भाषाओं और व्यंजनों के विभिन्न पहलुओं के बारे में जानने के लिए “भारत दर्शन” को अपनाने के लिए कहा।
उपराष्ट्रपति ने श्रीमती मैरीकॉम और उनके पति श्री के. ओनलर कॉम द्वारा मणिपुर और अन्य पूर्वोत्तर क्षेत्रों के दूरदराज और सुदूरवर्ती इलाकों के बच्चों और युवाओं को प्रशिक्षित करने के लिए क्षेत्रीय मुक्केबाजी फाउंडेशन की स्थापना करने के लिए विशेष प्रशंसा की। उन्होंने इन मुक्केबाजों के लिए राष्ट्रीय संवादात्मक दौरे का आयोजन करने के लिए 15 असम राइफल्स की भी सराहना की।
इस अवसर पर उपराष्ट्रपति की पत्नी, श्रीमती उषा नायडू, 15 असम राइफल्स के प्रतिनिधि और अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।
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आर.के.मीणा/आरएनएम/एएम/एजी/एके–3359
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