रेल मंत्रालय

देश में 'उद्योग 4.0' को प्रवेश दिलाने के लिए, मॉडर्न कोच फैक्ट्री (एमसीएफ), रायबरेली में इसके कार्यान्वयन हेतु एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है

Posted On: 28 SEP 2019 1:41PM by PIB Delhi

देश में 'उद्योग 4.0' को प्रवेश दिलाने के लिए, मॉडर्न कोच फैक्ट्री (एमसीएफ), रायबरेली में इसके कार्यान्वयन के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट को शुरू किया गया है। रेल मंत्रालय और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने 4.0 उद्योग पर एक अनूठी परियोजना के लिए आईआईटी कानपुर के साथ साझेदारी में हाथ मिलाया है और आधुनिक कोच फैक्ट्री, रायबरेली में इसके कार्यान्वयन के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट को शुरू किया है।

 

उद्घाटन समारोह में रेलवे बोर्ड (सदस्य रोलिंग स्टॉक), श्री राजेश अग्रवाल, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव श्री आशुतोष शर्मा, आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर एन.एस.व्यास, डीजी आरडीएसओ श्री वीरेंद्र कुमार, महाप्रबंधक एमसीएफ श्री वी.एम. श्रीवास्तव और रेलवे बोर्ड तथा मानव संसाधन विकास मंत्रालय के कुछ गणमान्य लोगों के बीच में विचारों का आदान-प्रदान किया गया।

 

इस अवसर पर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव श्री आशुतोष शर्मा ने कहा कि उनके विभाग ने हाल ही में अनुसंधान के इस उभरते हुए क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देने के लिए एक नया कार्यक्रम इंटरडिसिप्लिनरी साइबर फिजिकल सिस्टम्स (आईसीपीएस)” को लॉन्च किया है। उन्होंने कहा कि आनेवाले वर्षों में इस क्षेत्र में लगभग 4,000 करोड़ रूपये खर्च होने का अनुमान है। रेलवे बोर्ड (सदस्य रोलिंग स्टॉक), श्री राजेश अग्रवाल ने कहा कि आज की इस पहल से उम्मीद है कि यह भारत को उन्नत औद्योगिक अर्थव्यवस्था में तब्दील करेगा साथ ही नौकरियों में तेज गति से वृद्धि लाएगा।

 

उद्योग 4.0’, उत्पादकता बढ़ाने के लिए विनिर्माण प्रौद्योगिकियों में डेटा एक्सचेंज, स्वचालन और इंटरकनेक्टिविटी की वर्तमान प्रवृत्ति को दिया गया एक नाम है, जिसे आमतौर पर चौथी औद्योगिक क्रांति के रूप में जाना जाता है। उद्योग 4.0 एक जटिल साइबर-भौतिक प्रणाली है जो कि डिजिटल प्रौद्योगिकियों, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, बिग डाटा एंड एनालिटिक्स, मशीन लर्निंग और क्लाउड कम्प्यूटिंग के साथ उत्पादन को समन्वित करता है।

 

प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 22 सितंबर 2019 को अमेरिका के ह्यूस्टन में अपने संबोधन में वैश्विक अर्थव्यवस्था और भारत के लाभ में उद्योग 4.0 के महत्व पर प्रकाश डाला था।

 

आज शुरू की गई इस परियोजना को "भारतीय रेलवे के लिए प्रौद्योगिकी मिशन" (टीएमआईआर) के तत्वावधान में शुरू किया जाएगा। इसे रेलवे मंत्रालय, मानव संसाधन विकास मंत्रालय और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के एक संकाय द्वारा लागू किया जाएगा, जो अनुप्रयुक्त अनुसंधान के लिए पहचानी गई रेलवे परियोजनाओं को बढ़ावा देने और भारतीय रेलवे का उपयोग उन्नति और आधुनिकीकरण के लिए करने के लिए एक निवेश साझाकरण मॉडल पर आधारित है।

 

उद्योग 4.0 एक जटिल साइबर/ भौतिक डिजिटल प्रणाली है। इसलिए, एमसीएफ में शुरूआती दौर में अवधारणा और प्रतिपादित की जाने वाली संरचाना को धीरे-धीरे चरणबद्ध तरीके से विस्तारित किया जाएगा जिससे कि सभी जटिलताओं को इसमें शामिल किया जा सके, जो कि देश के सभी विनिर्माण क्षेत्रों में उद्योग 4.0 की स्थापना करेगा।

                                                                 

डिजिटल कारखाने में पूर्ण परिवर्तन लाते हुए डिज़ाइन से लेकर उत्पादन तक की संपूर्ण श्रृंखला में 'उद्योग 4.0' का उपयोग करके,  उत्पादन प्रक्रिया में सही समय पर निर्णय लेने के लिए अंतर्दृष्टि प्रदान करके उत्पादकता को बढ़ाने में मदद मिलेगा, प्रभावी निगरानी द्वारा मानव त्रुटियों को कम किया जा सकेगा जिससे कि यह सुनिश्चित किया जा सके कि संसाधनों को सबसे अच्छे उपयोग के लिए रखा गया है, जिसे ओवरऑल इक्विपमेंट इफेक्टिवनेस (ओईई) कहा जाता है।

 

उन्नत विनिर्माण के लिए इस प्रकार की राष्ट्रीय नीति की परिकल्पना है कि जीडीपी में विनिर्माण क्षेत्र का योगदान कम से कम 25% होना चाहिए। पूरी दुनिया में, वे देश जो अभूतपूर्व विकास हासिल करने में सक्षम हैं, विनिर्माण क्षेत्र में तेज गति की प्रगति के साथ ऐसा कर सकते हैं। रेलवे की इस पहल से रक्षा उत्पाद में वृद्धि के साथ-साथ निजी विनिर्माण क्षेत्र में भी व्यापक प्रभाव पड़ सकता है।

 

आधुनिक कोच फैक्ट्री (एमसीएफ), रायबरेली को कला कोच निर्माण इकाई के रूप में स्थापित किया गया था, जिसमें प्रतिवर्ष 1,000 यात्री कोचों के निर्माण करने की क्षमता थी और इसमें आधुनिक स्वचालित मशीनें और रोबोटिक संरचना वाली लाइनें लगी हुई है। पिछले एक साल के दौरान, एमसीएफ ने अपने उत्पादन को 2017-18 में 710 LHB कोच से बढ़ाकर 2018-19 में 1425 LHB कोच कर दिया है। जटिल मशीनों पर उद्योग 4.0 के तत्वों को अपनाने के बाद यह काफी सक्षम हो गया है। दिसंबर 2018 में प्रधान मंत्री द्वारा एमसीएफ का निरीक्षण, इस पहल का विस्तार करने के लिए एक प्रेरणा स्रोत रहा है।

 

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आरामदायक होने के साथ उच्च गति वाले कोचों की निरंतर मांग को देखते हुए और निरंतर बढ़ती अर्थव्यवस्था की मांग को पूरा करने के लिए, ऐसे उपकरणों का उपयोग करने की आवश्यकता है जो कि उत्पाद में अधिक लचीलेपन के साथ ही उत्पादकता में सुधार लाकर उसे अगले उच्च स्तर पर पहुंचाए।

 

उद्योग 4.0 साइबर/ फिजिकल डिजिटल सिस्टम पर आधारित होगा और डिजाइन/ योजना, नेटवर्किंग और उत्पादन के लिए इसमें विभिन्न पैकेज, सिस्टम, एप्लिकेशन और हार्डवेयर को शामिल किया जाएगा, जिन्हें एमसीएफ में मॉड्यूलर और वृद्धि संबंधी तरीकों से जोड़ा जाएगा।

 

उद्योग 4.0 के दायरे में विभिन्न कारोबार आते हैं, जैसे कि निरीक्षण, मशीनिंग, वेल्डिंग, मापन आदि और इन्हें प्रारंभिक और बिगडाटा एनालिटिक्स, आर्टिफिशियल-इंटेलिजेंस आदि साथ में भी प्रदान किया जाएगा।

 

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आर.के.मीणा/आरएनएम/एएम/एके– 3303

 



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