विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय
वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद् के स्थापना दिवस पर पहली स्वदेशी ईंधन सेल प्रणालीकी शुरुआत
Posted On:
26 SEP 2019 8:10PM by PIB Delhi
राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद ने वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद् (सीएसआईआर) के स्थापना दिवस के अवसर पर आज नई दिल्ली के विज्ञान भवन में पहली स्वदेशी उच्च तापमान ईंधन सेल प्रणाली का अनावरण किया जिसे भारत के प्रमुख कार्यक्रम “न्यू मिलेनियम इंडियन टेक्नोलॉजी लीडरशिप इनिशिएटिव (एनएमआईटीएलआई)” के अंतर्गत सीएसआईआर द्वारा भारतीय उद्योगों के साथ भागीदारी में विकसित किया गया है।
वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद् (सीएसआईआर) की प्रयोगशालाओं में विज्ञान के विकास के पदार्थों को उद्योग द्वारा व्यवहार में लाने के विषय में सीएसआईआर की तीन प्रयोगशालाओं [सीएसआईआर - एनसीएल, पुणे; सीएसआईआर - एनपीएल, नई दिल्ली और सीएसआईआर - सीईसीआरआई, कराईकुड़ी (चेन्नई केंद्र)] और भारत के दो उद्योगों (मैसर्स थर्मेक्स लिमिटेड, पुणे और मैसर्स रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, मुंबई) के बीच सार्वजनिक - निजी भागीदारी (पीपीपी) का एक अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया गया है। ये 5.0 किलोवाट की ईंधन सेल प्रणाली हरित तरीके से मेथनॉल / जैव-मीथेन का उपयोग करके बिजली पैदा करती है जिसमें आगे के उपयोग के लिए बाई-प्रोडक्ट के रूप में गर्मी और पानी होते हैं, जिसकी कुशलता 70 प्रतिशत से भी अधिक होती है जो कि अन्य ऊर्जा स्त्रोतों के साथ शायद संभव नहीं हो सकती है।
विकसित किए गए ये ईंधन सेल उच्च तापमान प्रोटॉन एक्सचेंज मेम्ब्रेन (एचटीपीईएम) प्रौद्योगिकी पर आधारित हैं। ये प्रणाली छोटे कार्यालयों, वाणिज्यिक इकाइयों, डेटा केंद्रों जैसी स्थिर बिजली एप्लीकेशनों के लिए सबसे उपयुक्त है; जहां एयर-कंडीशनिंग की समानांतर ज़रूरत के साथ ज्यादा भरोसेमंद बिजली एकदम आवश्यक है। यह प्रणाली टेलीकॉम टावरों, दूरस्थ स्थानों और रणनीतिक एप्लीकेशनों के लिए कुशल, स्वच्छ और विश्वसनीय बैकअप पावर जनरेटर की आवश्यकता को भी पूरा करेगी। यह प्रणाली डीजल जनरेटिंग (डीजी) सेटों की जगह लेगी और कच्चे तेल पर भारत की निर्भरता को कम करने में मदद करेगी।
ये विकसित प्रौद्योगिकी विश्व स्तर की है और इसके विकास ने भारत को उन विकसित राष्ट्रों की पंक्ति में ला खड़ा किया है जिनके कब्ज़े में इस तरह का ज्ञान आधार है। सीएसआईआर के पास इस तरह की विकसित प्रौद्योगिकियों पर वैश्विक पेटेंटों का एक प्रभावशाली समूह है। स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में, ईंधन सेल से वितरित बिजली उत्पादन प्रणालियां दरअसल ग्रिड पावर के होनहार विकल्प के रूप में उभर रही हैं। ये ईंधन सेल डीजल को हरित और वैकल्पिक ईंधन से बदलने के भारत के मिशन में अच्छी तरह से फिट होते हैं। इस ईंधन सेल प्रौद्योगिकी का विकास स्वदेशी है और गैर-ग्रिड ऊर्जा सुरक्षा के मामले में ये बहुत भारी राष्ट्रीय महत्व रखता है।
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आर.के.मीणा/आरएनएम/एएम/जीएसबी-
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