जल शक्ति मंत्रालय

राष्ट्रीय जल मिशन पुरस्कार - 2019 प्रदान किये गये


श्री शेखावत ने कहा कि जल सुरक्षा के साथ-साथ जल संरक्षण और उसका विवेकपूर्ण और बहुविध उपयोग देश में जल चुनौती से निपटने के लिए महत्वपूर्ण हैं

Posted On: 25 SEP 2019 5:49PM by PIB Delhi

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र शेखावत ने कहा कि जल सुरक्षा के साथ-साथ जल संरक्षण और जल का विवेकपूर्ण और बहुविध उपयोग देश में जल चुनौती से निपटने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। राष्ट्रीय जल मिशन पुरस्कार, 2019 प्रदान करने के अवसर पर श्री शेखावत ने बताया कि प्रधानमंत्री का कहना है कि देश में जल संकट से निपटने के लिए जल आंदोलन को वास्तव में जन आंदोलन बनाने की जरूरत है। उन्होंने इस बात पर अफसोस जाहिर किया कि सीएसआर दायित्व का केवल चार प्रतिशत भी जल पर खर्च किया जाता है जबकि जल-गहन उद्योगों के लिए यह लगभग 11 प्रतिशत है। उन्होंने इस मुद्दे पर पुनर्विचार करने की मांग की। श्री शेखावत ने नीति नियोजकों से अनुरोध किया कि कृषि और उद्योग द्वारा जल के बहुविध उपयोगों और जल संसाधनों के उचित उपयोग को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए।

 

जल शक्ति राज्य मंत्री श्री रतन लाल कटारिया ने अपने संबोधन में कहा कि स्थायी कल के लिए सहयोग बहुत आवश्यक है और जल शक्ति मंत्रालय इस तरह के सहयोग का स्वयं एक उदाहरण है। उन्होंने कहा कि एकीकृत जल प्रबंधन गरीबी कम करने और सतत आर्थिक विकास का एक महत्वपूर्ण उपकरण है।

राष्ट्रीय जल मिशन पुरस्कार, 2019

      जल शक्ति मंत्रालय के जल संसाधन, नदी विकास तथा गंगा संरक्षण विभाग के राष्ट्रीय जल मिशन (एनडब्ल्यूएम) ने जल संरक्षण, सक्षम जल उपयोग तथा सतत जल प्रबंधन व्यवहारों में उत्कृष्टता को मान्यता देने के लिए राष्ट्रीय जल मिशन पुरस्कार प्रारंभ किया है।

      मिशन दस्तावेज में राष्ट्रीय जल मिशन (एनडब्ल्यूएम) ने 5 लक्ष्य और 39 रणनीतियां निर्धारित की है। लक्ष्य 4 में राष्ट्रीय जल मिशन की एक रणनीति में जल संरक्षण तथा जल के उचित उपयोग के लिए पुरस्कारों के माध्यम से संगठन/कम्पनियों को प्रोत्साहित करने का प्रावधान है। इसलिए एनडब्ल्यूएम ने जल संरक्षण, उचित जल उपयोग तथा सतत जल प्रबंधन व्यवहारों में उत्कृष्टता को मान्यता देने के लिए राष्ट्रीय जल मिशन पुरस्कार प्रारंभ किया है। राष्ट्रीय जल मिशन के 5 लक्ष्यों के अंतर्गत 10 श्रेणियों में पुरस्कार दिए जाते हैं। ये श्रेणी निम्नलिखित हैं-

  1. सार्वजनिक दायरे में व्यापक जल डाटा बेस को लाना।
  2. जल संसाधनों पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का मूल्यांकन।
  3. जल संरक्षण और सुदृढ़ीकरण के लिए नागरिकों और राज्य के कार्य को प्रोत्साहित करना।
  4. अत्यधिक दोहन वाले क्षेत्र सहित कमजोर क्षेत्रों पर फोकस करना।
  5. जल उपयोग दक्षता 20 प्रतिशत तक बढ़ाना। (स्थानीय व्यक्ति/किसान/नागरिक)
  6. जल उपयोग दक्षता 20 प्रतिशत तक बढ़ाना। (जल उपयोग करने वाले संघ/स्वयं सहायता समूह/निवासी कल्याण संघ)
  7. जल उपयोग दक्षता 20 प्रतिशत तक बढ़ाना। (सार्वजनिक एजेंसियां-शहरी स्थानीय निकाय/शहर, सरकारी संगठन)

 

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आर.के.मीणा/आरएनएम/एएम/आईपीएस//एजी/डीके/डीए – 3238

 


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