रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय

ओडिशा राज्य के अंगुल में एफसीआईएल की पूर्ववर्ती तालचेर इकाई की यूरिया परियोजना के लिए कोयला, गैसीकरण संयंत्र के लिए आज अनुबंध दिया गया

Posted On: 17 SEP 2019 6:29PM by PIB Delhi

एफसीआईएल की पूर्ववर्ती तालचेर इकाई की यूरिया परियोजना के लिए कोयला, गैसीकरण संयंत्र के लिए आज अनुबंध दिया गया। रसायन और उर्वरक मंत्री श्री सदानंद गौड़ा और पेट्रोलियम मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने आज नई दिल्ली में आयोजित अनुबंध समारोह की अध्यक्षता की। दोनों नेताओं ने उठाए जा रहे इस कदम के बारे में प्रसन्नता व्यक्त की और इस परियोजना की अच्छी प्रगति होने की उम्मीद जाहिर की।

इस अवसर पर श्री गौड़ा ने कहा कि यह बड़ी खुशी की बात है कि यह अनुबंध विश्वकर्मा जयंती के शुभ अवसर पर प्रदान किया जा रहा है। यह अनुबंध न्यू इंडिया का निर्माण करने में महत्वपूर्ण योगदान देगा। उन्होंने कहा कि भारत कृषि आधारित अर्थव्यवस्था है और इसकी जनसंख्या 1.3 बिलियन के स्तर पर पहुंच चुकी है। देश की अपनी उपयुक्तता और अपनी मजबूती है। अपनी इस बड़ी आबादी को भोजन उपलब्ध कराना बहुत बड़ा काम है जिसे हमारे किसान विगत 70 वर्षों से सफलतापूर्वक कर रहे हैं। देश की खाद्य जरूरतों को पूरा करने में उर्वरकों, विशेष रूप से यूरिया का महत्वपूर्ण योगदान है। वर्तमान में देश यूरिया की जरूरत पूरा करने के लिए हर साल 50 से 70 लाख टन यूरिया का आयात करता है। सरकार घरेलू स्तर पर उत्पादित यूरिया की उपलब्धता बढ़ाने के लिए पुरजोर प्रयास कर रही है। इस दिशा में एफसीआईएल और एचएफसीएल की सिंदरी, बरौनी, रामागुंडम, गोरखपुर और तालचेर में बंद इकाइयों के पुनरुद्धार के प्रयास शुरू हो गए हैं।

वर्तमान में देश में यूरिया का उत्पादन मिश्रित प्राकृतिक गैस का उपयोग करके किया जाता है। यह गैस घरेलू एनजी और आयातित एलएनजी का मिश्रण होती है। एलएनजी का आयात एक महंगा सौदा है, जिसमें कीमती विदेशी मुद्रा खर्च होती है। इसलिए देश में यूरिया और अन्‍य उर्वरकों के उत्‍पादन के लिए देसी कच्‍चे माल का उपयोग किया जाता है। उन्‍होंने कहा कि तालचेर उर्वरक परियोजना इस दिशा में बढ़ाया गया एक कदम है। इसमें यूरिया के उत्‍पादन के लिए घरेलू कोयला और पेटकोक के मिश्रण का उपयोग किया जाएगा।

तालचेर उर्वरक संयंत्र (टीएफएल) भारतीय उर्वरक निगम की बंद पड़ी उर्वरक इकाईयों के पुनरुद्धार के लिए सरकार के प्रमुख कार्यक्रम के तहत कोयला गैसीकरण आधारित अमोनिया / यूरिया परियोजना लागू कर रहा है। यह परियोजना ओडिशा में पहली परिचालित यूरिया उत्पादन इकाई होगी। इस संयंत्र में 13000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 1.27 एमएमटीपीए यूरिया का उत्पादन होगा। टीएफएल यूनिट में उपयोग की जाने वाली कोयला गैसीकरण प्रौद्योगिकी मैसर्स एयर प्रोड्क्ट्स अमेरिका की अति आधुनिक प्रौद्योगिकी है। इस परियोजना में उर्वरक उत्‍पादन के लिए फीडस्‍टॉक के रूप में कोयले और पेटकोक का मिश्रण उपयोग किया जाएगा। इस परियोजना के लिए कोयला तालचेर क्षेत्र में टीएफएल को आवंटित उत्‍तरी अर्कपाल खान के कैप्टिव उत्‍तरी भाग से प्राप्‍त किया जाएगा। कैप्टिव खान का विकास कार्य प्रगति पर है। इस परियोजना के लिए पेटकोक पारद्वीप रिफाइनरी से प्राप्‍त किया जाएगा। इस परियोजना से पर्यावरण अनुकूल तरीके से स्‍थानीय रूप से पर्याप्‍त मात्रा में उपलब्‍ध कोयले के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा। इस प्रौद्योगिकी की सफलता से अन्‍य उत्‍पादों जैसे सिगना, डीजल, मेथनॉल, पेट्रोकेमिकल्स आदि के उत्‍पादन के लिए कोयले के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा।

इस परियोजना से भारत की यूरिया में आत्म निर्भरता सुधरेगी और ओडिशा के साथ-साथ पूरे देश में किसानों के लिए यूरिया की उपलब्धता के बारे में विश्वसनीयता को बढ़ावा मिलेगा। इस पहल से “मेक इन इंडिया” के तहत किए गए प्रयासों से यूरिया क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी। 

बाकी दुनिया में कोयले गैसीकरण में 200 से अधिक कोल गैसीफायर परिचालित हैं जो सिगना, अमोनिया / यूरिया, मैंथोल और विभिन्न पेट्रोकेमिकल्स का उत्पादन कर रहे हैं। यह परियोजना पर्यावरण अनुकूल हैं जिससे भारत द्वारा सीओपी-21 पेरिस अनुबंध के दौरान भारत द्वारा की गई प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में मदद मिलेगी। इस परियोजना से विद्युत के अलावा अन्‍य क्षेत्रों में स्‍वच्‍छ प्रौद्योगिकियों के माध्‍यम से कोयले के दोहन के कारण भारतीय संदर्भ में महत्‍वपूर्ण परिवर्तन लाने की क्षमता है। इससे 2.38 एमएमएससीएमडी प्राकृतिक गैस के समतुल्‍य सिगना का उत्‍पादन होगा, जिससे एलएनजी आयात में कमी आएगी।

इस परियोजना के 2023 तक पूरा होने की संभावना है। इससे प्रत्‍यक्ष और अप्रत्‍यक्ष रूप से लगभग 4,500 रोजगार पैदा होंगे। यह परियोजना राष्ट्रीय महत्व की है। यह परियोजना 2022 तक प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नए भारत की शुरुआत करने के विज़न को पूरा करने में सहायक होगी।

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आर.के.मीणा/आरएनएम/एएम/आईपीएस/डीए – 3086



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