सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय
दिव्यां गजन सशक्तिकरण विभाग के सचिव ने जिनेवा में आयोजित सीआरपीडी पर संयुक्त राष्ट्र समिति के 22वें सत्र में भाग लिया
Posted On:
09 SEP 2019 6:18PM by PIB Delhi
भारत दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (यूएनसीआरपीडी) का एक हस्ताक्षरकर्ता देश है। इसने घोषणा पत्र की धारा 35 के तहत 01-10-2007 को इस सम्मेलन की पुष्टि की है। भारत ने देश में विकलांगता की स्थिति पर अपनी पहली रिपोर्ट नवंबर 2015 में भारत में प्रस्तुत की थी।
सीआरपीडी पर संयुक्त राष्ट्र की समिति ने अपने 22वें सत्र में जिनेवा के यूएनएचआरसी में 2 और 3 सितंबर 2019 के दौरान भारत की पहली कंट्री रिपोर्ट पर विचार किया था। दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग में सचिव श्रीमती शकुंतला डी. गैमलिन की अध्यक्षता में एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल इस रिपोर्ट पर विचार करने की प्रक्रिया के दौरान संयुक्त राष्ट्र समिति के समक्ष मौजूद था।
दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के सचिव ने यूएनसीआरपीडी के दायित्वों के अनुरूप दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग को शामिल करने और उसे सशक्त बनाने के लिए हाल में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों को उजागर किया। उन्होंने विशेष तौर पर कंप्रिहेंसिव आरपीडब्ल्यूडी ऐक्ट 2016 को लागू करने, ऐक्सेसेबल इंडिया अभियान शुरू करने, मानसिक-सामाजिक विकलांगता से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास संस्थान (एनआईएमएचआर) की स्थापना, दिव्यांगजनों के खेल के लिए केंद्र की स्थापना, सहायता एवं सहायक उपकरणों के वितरण में उपलब्धियां आदि का उल्लेख किया।
संयुक्त राष्ट्र की समिति ने आरपीडब्ल्यूडी अधिनियम, 2016 के प्रावधानों और भारत सरकार की विभिन्न पहलों की सराहना करते हुए इस कानून के प्रावधानों को लागू करने से संबंधित मुद्दों पर पूछताछ की। उन्होंने आंकड़ों में सुधार, भेदभाव को दूर करने विशेष तौर पर जातीय/धार्मिक अल्पसंख्यक समूहों के बीच, आंतरिक विस्थापित समूहों के पुनर्वास, शोषण से सुरक्षा, प्रजनन अधिकारों का संरक्षण आदि मुद्दों पर सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में भी पूछताछ की। दिव्यांगजन सशक्तिकरण की कानूनी क्षमता और आरपीडब्ल्यूडी अधिनियम 2016 के तहत किसी भी उल्लंघन के निवारण व्यवस्था के संबंध में विभिन्न मुद्दों पर भी चर्चा की गई।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने संवैधानिक प्रावधानों, आरपीडब्ल्यूडी अधिनियम के तहत प्रावधानों, अन्य प्रासंगिक कानूनों और इस संबंध में अब तक उठाए गए सकारात्मक कार्यों के आधार पर संयुक्त राष्ट्र समिति द्वारा उठाए गए प्रश्नों का जवाब दिया। जम्मू-कश्मीर से संबंधित एक प्रश्न के संदर्भ में दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के सचिव ने स्पष्ट तौर पर कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और जम्मू-कश्मीर के सभी नागरिकों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने पर्याप्त कदम उठाए हैं। उन्होंने दिव्यांग महिलाओं सहित अपने सभी नागरिकों के प्रजनन अधिकारों की रक्षा के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर भी प्रकाश डाला।
संयुक्त राष्ट्र समिति ने भारत सरकार के प्रयासों की सराहना की और भारतीय प्रतिनिधिमंडल के जवाब का उल्लेख किया। समिति इस रिपोर्ट पर जल्द ही अपनी अंतिम सिफारिश जारी करेगी।
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आरके मीणा/एएम/एसकेसी- 2923
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