संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय

इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक ने अपने कारोबार संचालन की पहली वर्षगांठ पर आधार सक्षम भुगतान सेवाएं शुरू करने की घोषणा की


1 करोड़ ग्राहकों की उपलब्धि हासिल की

Posted On: 09 SEP 2019 3:04PM by PIB Delhi

संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी और विधि एवं न्याय मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद ने आज इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) द्वारा आधार सक्षम भुगतान सेवाएं (एईपीएस) शुरू करने की घोषणा की जिससे इसके द्वारा वित्तीय सेवाओं की पहुंच उन लाखों ग्राहकों तक फैलाने के प्रयासों को मजबूत बढ़ावा मिलेगा जो बैंकिंग सेवाओं के बजाय नकद का इस्तेमाल अधिकतर करते हैं और जो बैंकिंग सेवाओं का उपयोग ही नहीं करते। यहां पर इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक की पहली वर्षगांठ के जलसे के मौके पर बोलते हुए मंत्री महोदय ने आईपीपीबी को 1 करोड़ ग्राहकों की उपलब्धि हासिल करने के लिए बधाई दी और उन्हें अगले एक वर्ष में 5 करोड़ ग्राहकों का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए भी प्रोत्साहित किया। प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) मंच पर लाई गई 440 केंद्रीय योजनाओं का संदर्भ देते हुए श्री प्रसाद ने कहा कि ये सब योजनाएं आईपीपीबी के मंच पर भी आनी ही चाहिए। उन्होंने कहा 'समावेशी' होना ही इस सरकार का केंद्रीय मंत्र है और डाक विभाग को बिना बैंक सेवा वालों को बैंक सेवाएं देने, वित्तहीन को वित्त मुहैया करवाने और असुरक्षित को सुरक्षित करने का प्रयास करना चाहिए।

आधार सक्षम भुगतान सेवाओं (एईपीएस) की शुरुआत के साथ आईपीपीबी अपने पोस्टल नेटवर्क की अभूतपूर्व पहुंच के आखिरी मील तक का लाभ लेते हुए, किसी भी बैंक के ग्राहकों को अंतर-संचालित बैंकिंग सेवाएं मुहैया करवाने के लिहाज़ से देश में ऐसा अकेला सबसे बड़ा मंच बन गया है।

भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) द्वारा स्थापित मजबूत अंतर-संचालित प्रौद्योगिकी मंच के साथ वाला इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) का अद्वितीय नेटवर्क देश के सबसे दूर-दराज़ के हिस्सों में भी हर घर में बैंकिंग को ले जाने के लिए तैयार है। एईपीएस सेवाओं के कारण आधार से जुड़े बैंक खाते वाला कोई भी आम इंसान नकद निकासी और शेष राशि की जांच जैसी बुनियादी बैंकिंग सेवाओं का फायदा ले सकता है, भले ही उसका खाता किसी भी बैंक में हो। इन सेवाओं का फायदा लेने के लिए आधार से जुड़े खाते वाला कोई ग्राहक अपने भुगतान को पूरा करने के लिए बस फिंगरप्रिंट स्कैन और आधार प्रमाणन के साथ अपनी पहचान को पुष्ट कर सकता है। एईपीएस सेवाएं बहुत सरल हैं और एक ऐसे मितव्ययी बुनियादी ढांचे द्वारा संचालित होती हैं जिससे बिना किसी भेदभाव के समाज के हर वर्ग के दरवाजे तक कम लागत में बैंकिंग सेवाओं की पूर्ति संभव होती है और इससे 'सच्चे अर्थों में एक समावेशी वित्तीय व्यवस्था' की भोर आती है।

एईपीएस सेवाओं की शुरुआत के बारे में बात करते हुए श्री प्रसाद ने कहा, “विश्व की सबसे बड़ी वित्तीय समावेशन पहल के रूप में प्रधान मंत्री जन धन योजना लाखों लोगों को आर्थिक मुख्यधारा में लेकर आई है। जन धन योजना के 34 करोड़ से भी ज्यादा खाते हैं और इनमें से 22 करोड़ खाताधारक ग्रामीण भारत में हैं। आईपीपीबी की एईपीएस सेवाओं के साथ अब हमारे पास आईपीपीबी की अभूतपूर्व पहुंच वाले आखिरी मील का लाभ लेते हुए 34 करोड़ जन धन खाताधारकों समेत किसी भी बैंक के ग्राहकों के द्वार तक अंतर-संचालित बैंकिंग सेवाएं मुहैया करवाने की योग्यता है। इससे हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का वो विज़न पूरा होता है जो उन्होंने पिछले साल आईपीपीबी की शुरुआत के वक्त सामने रखा था कि बैंकों को ग्रामीणों और गरीबों के द्वार तक ले जाने का आर्थिक परिवर्तन लाया जाए। आईपीपीबी और इसके प्रबंधन को मैं उनकी भविष्य की विकास यात्रा में सफलता के लिए शुभकामनाएं देता हूं।”

डाक विभाग के सचिव श्री ए. एन. नंदा ने कहा, “ये हमारा यकीन रहा है कि वित्तीय और बैंकिंग सेवाओं का लोगों और समुदायों की जिंदगियों पर परिवर्तनकारी असर होता है। इनमें से बड़ी संख्या में लोगों के लिए पोस्टमैन और ग्रामीण डाक सेवक आखिरी मील तक उन्हें विभिन्न वित्तीय सेवाओं की आपूर्ति करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण ज़रिया होते हैं जो इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक को सबसे सुलभ, सस्ता और विश्वसनीय बैंक बनाते हैं। इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक द्वारा एईपीएस की शुरुआत अंतिम मील तक के अंतर-संचालित बैंकिंग ढांचे को ढाई गुना तक बढ़ा देता है। ये नेटवर्क बैंक के बजाय नकद व्यवहार करने वाले लाखों लोगों के दरवाजे तक बैंक की सुविधा लाता है और पारंपरिक बैंकिंग पारिस्थितिकी तंत्र में पहुंच से जुड़ी चुनौतियों का सामना करने वाले ग्राहकों के समावेशन को ताज़ा बल देता है।”

इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के प्रबंध निदेशक और सीईओ श्री सुरेश सेठी ने कहा, “एईपीएस सेवाओं की शुरुआत के साथ अब आईपीपीबी देश में एकमात्र सबसे बड़ा अंतर-संचालित बैंकिंग मंच बन गया है। एईपीएस का लाभ लेते हुए ग्राहक, डाकियों और ग्रामीण डाक सेवकों के माध्यम से अपने दरवाजे पर नकद निकासी और शेष राशि जांच के लिए सिर्फ अपने फिंगरप्रिंट का इस्तेमाल करते हुए किसी भी बैंक वाले अपने खातों तक पहुंच सकते हैं। आईपीपीबी की सेवाएं अब 136,000 से ज्यादा डाक घरों में उपलब्ध है और इनकी आपूर्ति 195,000 से ज्यादा डाकियों और ग्रामीण डाक सेवकों द्वारा की जाती है। डाकियों और ग्रामीण डाक सेवकों की तकरीबन रोज़ाना हर गांव तक पहुंचने की योग्यता से बैंकिंग सेवाओँ तक पहुंच की दूरी घटकर '0 किलोमीटर' तक रह गई है जिससे 'आपका बैंक आपके द्वार' की भावना सच में साकार होती है।”

इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के बारे में

इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) की स्थापना संचार मंत्रालय में डाक विभाग के अंतर्गत की गई है जिसकी 100 फीसदी हिस्सेदारी पर भारत सरकार का स्वामित्व है। आईपीपीबी की शुरुआत माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा 1 सितंबर 2018 को की गई थी। इस बैंक की स्थापना भारत के आम इंसान के लिए सबसे सुलभ, सस्ते और भरोसेमंद बैंक का निर्माण करने के दृष्टिकोण के साथ की गई है। इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक का मूल जनादेश यह है कि अधिकतर नकद का इस्तेमाल करने वाले और बैंकिंग सेवाओं का उपयोग करने वाले लोगों के लिए बैंकिंग सेवाओं से जुड़ी बाधाओं को दूर किया जाए और 155,000 डाकघरों (ग्रामीण क्षेत्रों में 135,000) और 300,000 डाक कर्मचारियों से युक्त डाक नेटवर्क का लाभ उठाते हुए अंतिम मील तक पहुंचा जाए।

आईपीपीबी की पहुंच और इसका संचालन मॉडल भारत स्टैक के प्रमुख स्तंभों पर बनाया गया है जो है - सीबीएस एकीकृत स्मार्टफोन और बायोमीट्रिक उपकरण के माध्यम से पेपरलेस, कैशलेस और उपस्थिति-हीन बैंकिंग को ग्राहकों के दरवाजे पर सरल और सुरक्षित तरीके से मुहैया कराना। मितव्ययी नवाचारों का लाभ उठाते हुए और जनता के लिए बैंकिंग में आसानी पर ख़ूब जोर देते हुए आईपीपीबी 13 भाषाओं में उपलब्ध सहज ज्ञान युक्त इंटरफेसों के माध्यम से सरल और सस्ते बैंकिंग समाधान प्रदान करता है।

आईपीपीबी लेस कैश वाली अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन मुहैया करवाने और डिजिटल इंडिया के दृष्टिकोण में योगदान देने को लेकर प्रतिबद्ध है। भारत तभी फलेगा-फूलेगा जब हर नागरिक के पास वित्तीय रूप से सुरक्षित और सशक्त होने को लेकर समान अवसर होंगे। हमारा मूल-वाक्य सत्य है कि - हर ग्राहक महत्वपूर्ण है, हर लेनदेन महत्वपूर्ण है और हर जमा मूल्यवान है।

 

*****



(Release ID: 1584614) Visitor Counter : 385


Read this release in: English