पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय

भारत और रूस के बीच 2019-24 के लिए हाइड्रोकार्बन के क्षेत्र में सहयोग पर संयुक्‍त वक्‍तव्‍य

Posted On: 04 SEP 2019 8:23PM by PIB Delhi

रूस के साथ 2019-24 के लिए हाइड्रोकार्बन के क्षेत्र में सहयोग पर संयुक्‍त वक्‍तव्‍य निम्‍नानुसार है, जिसे प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की रूस के राष्‍ट्रपति श्री व्‍लादीमीर पुतिन के साथ वार्षिक द्विपक्षीय बैठक के बाद आज रूस के व्‍लादीवोस्‍टक में जारी किया गया:

‘‘रूस के राष्‍ट्रपति श्री व्‍लादीमीर पुतिन और भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की व्‍लादीवोस्‍टक की बैठक से पहले, 29 अगस्‍त, 2019 को मास्‍को में रूस के ऊर्जा मंत्री श्री ए. नोवाक और भारत के पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस और इस्‍पात मंत्री श्री धर्मेन्‍द्र प्रधान की एक बैठक आयोजित की गई थी।

भारत और रूस के बीच हाइड्रोकार्बन के क्षेत्र में सहयोग का मुद्दा दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी का एक प्रमुख स्‍तंभ है और पिछले दो दशकों के दौरान इसमें मजबूती आई है। यह ध्‍यान देने योग्‍य बात है कि पिछले पांच वर्षों में इस क्षेत्र में सहयोग पर काफी जोर दिया गया है।

दोनों देशों का यह मानना है कि उनके लोगों तथा उनकी अर्थव्‍यवस्‍था के विकास के लिए ऊर्जा क्षेत्र काफी महत्‍वपूर्ण है। दोनों देश वैश्विक मुद्रा बाजारों को महत्‍वपूर्ण मानते हैं, जो स्थिर, भविष्‍यवाणी योग्‍य और संतुलित हैं तथा इनसे दोनों देशों के उत्‍पादकों और उपभोक्‍ताओं के हितों का सरोकार है।

दोनों देशों ने हाइड्रोकार्बन क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के प्रति अपनी दृढ़ता की पुष्टि की, जो द्विपक्षीय तौर पर और अन्‍य देशों की परियोजनाओं के लिए लागू किया जाएगा।

1.  प्राकृतिक गैस क्षेत्र

i.        दोनों पक्ष भारत के लिए रूस से द्रवीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) की आपूर्ति के महत्‍व को स्‍वीकार करते हैं और एक गैस आधारित अर्थव्‍यवस्‍था के रूप में भारत के बदलाव की दिशा में उसके प्रयासों को बढ़ावा देने के उद्देश्‍य से भारत में एलएनजी के आयात को मजबूत करने के लिए सहमत हैं।

ii.       रूस अपने सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की कंपनियों को भारत की गैस परियोजनाओं में, विशेषकर भारत में गैस पाइपलाइन नेटवर्क और सिटी गैस वितरण सुविधा के विकास में भागीदारी के लिए प्रोत्‍साहित करेगा।

iii.       भारत की निजी और सार्वजनिक कंपनियां आर्कटिक सहित एलएनजी परियोजनाओं में सहयोग की संभावना की तलाश करेंगी। आर्कटिक में सहयोग के बारे में, भारतीय कंपनियां जेएससी नोवाटेक की एलएनजी आर्कटिक परियोजनाओं सहित, रूसी कंपनियों के साथ निकट सहयोग कायम करने की संभावना का परीक्षण करेगी।

iv.       दोनों पक्ष भारत के लिए एलएनजी की आपूर्ति को बढ़ाने और भारत में गैस बाजार के संयुक्‍त विकास का स्‍वागत करते हैं।

2.  हाइड्रोकार्बन खोज क्षेत्र

i.        दोनों पक्ष रूस और भारत की अग्रणी तेल एवं गैस कंपनियों के बीच रूस, भारत और तीसरे देशों के खोज क्षेत्र में सफल सहयोग का स्‍वागत करते हैं।

ii.       दोनों पक्ष रूस में तेल एवं गैस संसाधनों में भारतीय निवेशों की अच्‍छी प्रगति पर संतोष व्‍यक्‍त करते हैं। भारत रूस में तेल एवं गैस के उत्‍पादन में और अधिक निवेश के अवसरों के प्रति आशान्वित है।

iii.       दोनों पक्ष हाइड्रोकार्बन खोज क्षेत्र में सहयोग बढ़ाएंगे और इसके बारे में अग्रणी कंपनियों के बीच वार्ता जारी रखेंगे।

3.  परिशोधन और विपणन क्षेत्र

i.        भारत के तेल परिशोधन क्षेत्र में रूस का निवेश एक स्‍वागत-योग्‍य कदम रहा है। भारत की ओर से भारत के तेल परिशोधन, पेट्रोकेमिकल और संबंधित क्षेत्रों में रूस की सार्वजनिक और निजी कंपनियों को और अधिक निवेश के लिए आमंत्रित किया जाएगा।

ii.       दोनों पक्ष इस क्षेत्र में सहयोग की नई परियोजनाओं की पहचान के लिए काम करेंगे।

        दोनों पक्ष भारतीय तेल परिशोधन इकाइयों के लिए कच्‍चे और ईंधन तेल की आपूर्ति के लिए परस्‍पर लाभदायक चैनलों की स्‍थापना के बारे में समझौते कायम करने के लिए प्रयास करेंगे।

4.  प्रशिक्षण, प्रौद्योगिकी, तीसरे देश का सहयोग

i.        दोनों पक्ष उभरती प्रौद्योगिकियों सहित ऊर्जा क्षेत्र में ज्ञान का आदान-प्रदान बढ़ाने के साथ-साथ संयुक्‍त अनुसंधान के नये तरीके विकसित करने के लिए मौजूदा प्रशिक्षण कार्यक्रम के आदान-प्रदान को सशक्‍त और विविधतापूर्ण बनाएंगे।

ii.       दोनों पक्ष ऊर्जा क्षेत्र में तीसरे देशों में संयुक्‍त परियोजनाओं को हाथ में लेने की संभावना तलाशने के लिए सहमत हैं। ’’ 

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आर.के.मीणा/आरएनएम/एएम/एसकेएस/एनआर- 2827

 



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