रेल मंत्रालय

रेलवे क्षेत्र में वेंडर बेस का विस्‍तार करने और कारोबार के अवसर बढ़ाने के बारे में जानकारी देने के लिए लखनऊ में मेगा वेंडर बैठक आयोजित

Posted On: 30 AUG 2019 8:58PM by PIB Delhi

भारतीय रेल की अनुसंधान इकाई – रिसर्च डिजाइन एंड स्‍टैंडर्ड ऑर्गनाइजेशन (आरडीएसओ) द्वारा आज लखनऊ में आयोजित वेंडर बैठक में देश भर के उद्योगों के लगभग 500 प्रतिनि‍धियों ने हिस्‍सा लिया। रेलवे क्षेत्र में वेंडर बेस का विस्‍तार करना और कारोबार के अवसर बढ़ाने के उद्देश्‍य से यह विशेष मेगा वेंडर बैठक आयोजित की गई थी।

कार्यक्रम के दौरान, आरडीएसओ की ऑनलाइन वेंडर स्‍वीकृति प्रक्रिया और कारोबारी सुगमताबढ़ाने के लिए उठाए गए कदमों पर विस्‍तृत प्रस्‍तुति की गई एवं तीन स्रोतों से कम वाले मदों का विवरण दिया गया। यह बताया गया कि आरडीएसओ ने तीन स्रोतों से कम वाले आरडीएसओ नियंत्रित मदों के लिए खुद को पंजीकृत करने हेतु वेंडर को बढ़ावा देने के कई उपाय शुरू किए हैं। उदाहरण के लिए, तीन स्रोतों से कम वाले मदों के लिए पंजीकरण शुल्‍कों को सूक्ष्‍म /लघु उद्यमों के लिए 1,50,000 रुपये से घटाकर 10,000 रुपये तथा अन्‍य उद्यमों के लिए 2,50,000 रुपये से घटाकर 50,000 रुपये कर दिया है। इसके अलावा, ऐसे मदों के लिए उत्‍पाद परीक्षण शुल्‍क भी आरडीएसओ द्वारा वहन किया जाएगा।

इस अवसर पर वेंडर स्‍वीकृति प्रणाली के बारे में अपने विचार/सुझाव देने के लिए उद्योगजगत के प्रमुख प्रतिनिधि‍यों को भी आमंत्रित किया गया था।

संभावित निविदादाताओं को इसके बारे में अच्‍छी तरह अवगत कराने के उद्देश्‍य से, इस बैठक में तीन स्रोतों से कम वाले कई मदों को भी दर्शाया गया।

उद्योग और आरडीएसओ के वरिष्‍ठ अधिकारियों के बीच अलग-अलग बातचीत भी की गई, ताकि विभिन्‍न उत्‍पादों और वेंडर स्‍वीकृति प्रक्रिया के बारे में अच्‍छी तरह अवगत कराया जा सके।

कार्यक्रम में, रेलवे बोर्ड के चेयरमैन श्री वी के यादव ने वीडियो कॉन्‍फेंसिंग के माध्‍यम से भागीदारों और प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए भारतीय रेल की प्रगति में साझेदार बनने तथा भारतीय रेल की आपूर्ति श्रृंखला को सशक्‍त बनाने के लिए उद्योगजगत का आह्वान किया। उन्‍होंने कहा कि उद्योगजगत के समर्थन के बिना भारतीय रेल का निष्‍पादन संभव नहीं है। भारतीय रेल की सफलता उद्योगजगत की सफलता से जुड़ी है। उन्‍होंने उद्योगजगत से कहा कि वे अपनी जरूरतों के बारे में बताएं। उन्‍होंने कहा‍ कि सरकार वेंडर पंजीकरण से लेकर ई-खरीद और उत्‍पाद निरीक्षण से लेकर भुगतान तक खरीद की संपूर्ण प्रक्रिया को सुसंगत बनाने की कोशिश कर रही है। उन्‍होंने कहा कि हमें गुणवत्तापूर्ण उत्‍पाद की जरूरत है और गुणवत्ता से परे उत्पादों से पंजीकरण रद्द किया जा सकता है। पंजीकरण रद्द होने के बाद फिर से पंजीकरण कराना काफी मुश्किल होगा।

बैठक के मुख्‍य अतिथि रेलवे बोर्ड के अपर सदस्‍य (भंडार) श्री ओ पी खरे ने कहा कि इस वेंडर बैठक में उद्योगजगत की अत्‍यधिक भागीदारी होना कल्‍पना से परे है। देश के आकार के बारे में राय व्‍यक्‍त करते हुए, उन्‍होंने कहा कि तीन स्‍वीकृत स्रोतों से कम वाले कई मदों का होना आश्‍चर्यजनक है, वहीं दूसरी ओर, यह उद्योगजगत के लिए एक अवसर भी है। उन्‍होंने कहा कि भारतीय रेल का तेजी से विकास हो रहा है, किंतु उद्योगजगत के सक्रिय सहयोग के बिना यह संभव नहीं है। सरकार के मेक इन इंडियाकार्यक्रम में यह काफी सहायक होगा। उन्‍होंने कहा कि आरडीएसओ के प्रयासों की सराहना होनी चाहिए और उद्योगजगत को दोनों के परस्‍पर लाभ के लिए पूरा फायदा लेना चाहिए।

आरडीएसओ के महानिदेशक श्री वीरेन्‍द्र कुमार ने आरडीएसओ द्वारा वेंडर बेस बढ़ाने की दिशा में किए गए विभिन्‍न उपायों के बारे में बताया। विशेष तौर पर उन्‍होंने भारत सरकार के मेक इन इंडिया कार्यक्रम के अनुसार तीन स्रोतों से कम वाले मदों और कारोबारी सुगमता बढ़ाने के बारे में चर्चा की। उन्‍होंने कहा कि इससे प्रतिस्‍पर्धा बढ़ेगी और खरीद की लागत तथा सेवा की लागत में कमी आएगी।

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आर.के.मीणा/आरएनएम/एएम/एसकेएस/वीके – 2758    

 



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