पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय

श्री धर्मेंद्र प्रधान ने रूसी नेताओं के साथ उच्च-स्तरीय बातचीत की  

Posted On: 31 AUG 2019 3:45PM by PIB Delhi

पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस और इस्पात मंत्री, श्री धर्मेंद्र प्रधान ने रूस के ऊर्जा मंत्री श्री अलेक्जेंदर नोवाक के निमंत्रण पर 29-30 अगस्त, 2019 को मास्को का दौरा किया। यात्रा के दौरान उन्होंने ऊर्जा और इस्पात क्षेत्र से जुड़ी रूसी सरकार की और निजी क्षेत्र की कम्‍पनियों के साथ अनेक उच्चस्तरीय द्विपक्षीय बैठकें की।

श्री प्रधान के साथ 25 सदस्यीय व्यापार प्रतिनिधिमंडल भी गया था, जिसमें कुछ बड़ी भारतीय तेल एवं गैस, इस्पात और इंजीनियरिंग परामर्श कंपनियों के सीईओ शामिल थे। माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी की व्लादीवोस्तोक यात्रा से एक सप्ताह पहले श्री प्रधान का रूस जाना इस बात का जबरदस्‍त संकेत है कि भारत की रूस के साथ ऊर्जा और खनिज सहयोग में रुचि है।

यात्रा के दौरान श्री प्रधान की रूस के उप प्रधान मंत्री और सुदूर पूर्वी संघीय जिले के राष्ट्रपति के प्रतिनिधि श्री यूरी त्रुतनेव, ऊर्जा मंत्री, श्री अलेक्जेंदर नोवाक, और उद्योग और व्यापार के उप मंत्री, इस्पात क्षेत्र के प्रभारी, श्री विक्टर एवतुखोव के साथ उच्‍च्‍स्‍तरीय बैठकें हुई।

उप प्रधानमंत्री श्री त्रुतनेव के साथ अपनी बातचीत में, श्री प्रधान ने बताया कि भारत रूस के सुदूर पूर्व के साथ ऊर्जा और इस्पात क्षेत्र में भागीदारी को मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने रूस के साथ ऊर्जा सहयोग बढ़ाने और रूसी कोयला क्षेत्र के दीर्घकालिक साझेदार बनने में भारत की दिलचस्‍पी दिखाई। उप प्रधान मंत्री ने कोकिंग कोल, परिवहन और लॉजिस्टिक्‍स क्षेत्र में सुदूर पूर्व में विभिन्न अवसरों पर विचार करने के लिए भारतीय पक्ष को आमंत्रित किया। श्री प्रधान ने रूस के सुदूर पूर्व और आर्कटिक क्षेत्र के साथ भारत की भागीदारी को गहरा करने के लिए प्रधान मंत्री नरेन्‍द्र मोदी की परिकल्‍पना का उल्लेख किया और इस बात पर जोर दिया कि उनका तेल, गैस तथा इस्पात मंत्रालय इस दिशा में काम करेगा। उन्होंने रूस के सुदूर पूर्व और भारतीय पूर्वी तट के बीच सीधे जहाज मार्गों की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

श्री प्रधान ने रूसी ऊर्जा मंत्री श्री अलेक्जेंदर नोवाक से मुलाकात की। दोनों पक्षों ने सहयोग की वर्तमान स्थिति की समीक्षा की और विभिन्न अवसरों की पहचान की जिसमें उनके कार्यों को बढ़ाया जा सकता है। बातचीत के दौरान एक दूसरे के देशों में आपसी निवेश, मजबूत ऊर्जा संबंधों के विकास, ऊर्जा उत्पादकों और उपभोक्ताओं दोनों की सुरक्षा आदि जैसे अनेक मुद्दों पर चर्चा हुई। दोनों मंत्रियों की बैठक के बाद दोनों देशों के सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की तेल और गैस कंपनियों के बीच चर्चा हुई। दोनों मंत्रियों ने ऊर्जा संबंधों को बढ़ाने के लिए अपना समर्थन व्‍यक्‍त किया और उन कंपनियों की पहल का स्वागत किया जिनके परिणामस्वरूप ऊर्जा क्षेत्र भारत-रूस संबंधों के महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक बन गया है।

श्री प्रधान की यात्रा के दौरान, भारतीय कंपनियों के तात्‍कालिक हित की विशिष्ट परियोजनाओं पर चर्चा करने के उद्देश्‍य से भारतीय प्रतिनिधिमंडल के लिए एक विशेष सत्र आयोजित किया गया। सत्र रूस के सुदूर पूर्व निवेश और निर्यात एजेंसी के सहयोग से आयोजित किया गया जिसमें शीर्ष रूसी कंपनियों के लगभग 40 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस मंच ने भारतीय और रूसी कंपनियों को उच्च-स्तरीय बातचीत का अवसर प्रदान किया। इस दौरान ग्रीनफील्ड और ब्राउनफील्ड निवेशों में तेल, गैस और कोकिंग कोल और इस्‍पात क्षेत्र में भारतीय कंपनियों के लिए विशिष्ट अवसरों के बारे में प्रस्तुतियाँ दी गईं। दोनों पक्षों की कंपनियों ने विस्तारित सत्र में चर्चा किए गए विचारों पर आगे की कार्यवाही करने के लिए अलग-अलग बी2बी बैठकों का आयोजन किया।

सुदूर पूर्व एजेंसी के सीईओ, श्री लियोनिद पेतुखोव ने भाग ले रही भारतीय कम्‍पनियों को दोनों पक्षों के बीच संपर्क स्‍थापित करने और भारतीय परियोजनाओं को सरकारी समर्थन देने का आश्वासन दिया। श्री प्रधान ने दोनों पक्षों के प्रतिभागियों से आग्रह किया कि वे इस यात्रा के दौरान उनकी बातचीत के परिणामस्वरूप प्राप्‍त ठोस नतीजों के साथ आएं जिससे भारत-रूस साझेदारी को और अधिक बढ़ावा मिल सके। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दोनों देशों के नेताओं ने बातचीत के दौरान द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को मजबूत बनाने पर जोर दिया।

इसके अलावा, प्रतिनिधिमंडल ने कुछ सबसे बड़ी तेल, गैस, कोयला और इस्पात कंपनियों के वरिष्ठ नेतृत्व के साथ मुलाकात की और निकट भविष्य में सहयोग को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की। इनमें रोसनेफ्ट, नोवाटेक, एवराज, कोलमर, वोस्तोऊगोल, डोलग्यूचन, टाइगर रिएल्‍म आदि कंपनियों के सीईओ और वरिष्ठ नेतृत्व शामिल थे।

श्री प्रधान और प्रतिनिधिमंडल ने स्कोलकोवो में इनोवेशन सेंटर और मॉस्को बिजनेस स्कूल का भी दौरा किया। स्कोलकोवो फाउंडेशन के प्रमुख अरकदी दोवोरकोविच ने भारतीय कंपनियों को प्रदान किए गए अवसरों की जानकारी दी और स्कोलकोवो मंच में उनकी भागीदारी का स्वागत किया। स्कोलकोवो इनोवेशन सेंटर में 2000 से अधिक स्टार्ट अप हैं जो भारतीय और रूसी उत्पादों को वैश्विक मूल्य श्रृंखला में एकीकृत करने की क्षमता रखते हैं। भारतीय कंपनियों के साथ सहयोग में रुचि रखने वाली विभिन्न रूसी कंपनियों ने तेल और गैस से लेकर डिजिटल अर्थव्यवस्था तक रोबोटिक्स आदि क्षेत्रों में सहयोग के लिए विभिन्न अवसर प्रस्तुत किए।

यह यात्रा माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की आगामी व्लादीवोस्तोक यात्रा की तैयारी में हुई है। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी रूसी राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन के निमंत्रण पर मुख्य अतिथि के रूप में 5 वें पूर्वी आर्थिक मंच में भाग लेंगे।

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आर.के.मीणा/आरएनएम/एएम/केपी/एनके – 2735   


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