वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय

भारत-केन्‍या संयुक्‍त व्‍यापार समिति का नौवां सत्र नई दिल्ली में आयोजित  

Posted On: 20 AUG 2019 5:47PM by PIB Delhi

भारत-केन्‍या संयुक्‍त व्‍यापार समिति (जेटीसी) का नौवां सत्र 19-20 अगस्‍त, 2019 को नई दिल्‍ली में आयोजित किया गया। भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई केन्‍द्रीय वाणिज्‍य एवं उद्योग और रेल मंत्री श्री पीयूष गोयल ने की, जबकि केन्‍या के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्‍व केन्‍या सरकार के उद्योग, व्‍यापार एवं सहकारी मंत्री श्री पीटर मुन्‍या ने किया।

श्री पीयूष गोयल ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत और केन्‍या के बीच घनिष्‍ठ एवं सौहार्दपूर्ण संबंध रहे हैं। उन्‍होंने दोनों देशों के बीच मित्रता व एकजुटता, रणनीतिक साझेदारी और बहुआयामी सहयोग को रेखांकित किया। श्री गोयल ने कहा कि भारत और केन्‍या के बीच लंबे समय से कायम संबंध अब एक मजबूत साझेदारी में तब्‍दील हो चुके हैं जो नियमित रूप से होने वाले उच्‍चस्‍तरीय दौरों और बढ़ते व्‍यापार एवं निवेश के साथ-साथ दोनों देशों की आम जनता के बीच व्‍यापक संपर्क के रूप में अब स्‍पष्‍ट नजर आते हैं।

श्री पीटर मुन्‍या ने भारत-केन्‍या संयुक्‍त व्‍यापार समिति के नौवें सत्र की सफल मेजबानी के साथ-साथ गर्मजोशी भरी अगवानी के लिए भारत सरकार का धन्‍यवाद किया। श्री मुन्‍या ने यह बात रेखांकित की कि भारत लंबे समय से केन्‍या का ऐतिहासिक व्‍यापार साझेदार रहा है। उन्‍होंने दोनों देशों के बीच व्‍यापार में उचित संतुलन की कामना की। इस संबंध में उन्‍होंने पारस्‍पारिकता के आधार पर लोगों, सेवाओं और वस्‍तुओं की आवाजाही को सुगम बनाने की जरूरत पर विशेष बल दिया।

दोनों पक्षों ने यह स्‍वीकार किया कि दोनों देशों के बीच व्‍यापार और आर्थिक सहयोग के विस्‍तार के लिए जेटीसी एक आदर्श व्‍यवस्‍था है। दोनों पक्षों ने व्‍यापार एवं आर्थिक संबंधों को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता फिर से जताई।

द्विपक्षीय व्‍यापार की समीक्षा

 दोनों पक्षों ने अपने द्विपक्षीय व्‍यापार की ताजा स्थिति की समीक्षा की और अगस्‍त 2018 में आयोजित भारत-केन्या जेटीसी के पिछले सत्र से लेकर अब तक के रुझान को नोट किया।

वर्ष 2018-19 के दौरान भारत से केन्‍या को निर्यात की गई प्रमुख वस्‍तुओं में पेट्रोलियम उत्‍पाद, दवा फॉर्मूलेशन, कागज, पेपर बोर्ड एवं उत्‍पाद, दुपहिया व तिपहिया वाहन, लोहा एवं इस्‍पात, किताबें, विद्युत मशीनरी एवं उपकरण इत्‍यादि शामिल हैं। वहीं, दूसरी ओर इस दौरान केन्‍या से आयात की गई प्रमुख वस्तुओं में दालें, कॉफी, तांबा एवं इससे बने उत्‍पाद, अल्‍युमिनियम, चाय, तैयार चमड़ा इत्‍यादि शामिल हैं।

निर्यात संभावनाएं

दोनों पक्षों ने विनिर्माण, कृषि, पुष्‍पकृषि, एक्‍वाकल्‍चर, कृषि प्रसंस्‍करण और सूचना व संचार प्रौद्योगिकी जैसे सेक्‍टरों में व्‍यापार अवसरों को तलाशने की इच्‍छा जताई।

द्विपक्षीय निवेश

भारतीय पक्ष ने बताया कि केन्‍या निवेश प्राधिकरण के अनुसार अमेरिका के बाद भारत ही केन्‍या में दूसर सबसे बड़ा निवेशक है। केन्‍या में भारतीय निवेश के 3.5 अरब अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान लगाया गया है। इसमें अन्‍य देशों के जरिए किया गया कुछ निवेश के साथ-साथ भारतीय कंपनियों की सहयोगी इकाइयों (यूनिट) द्वारा किया गया निवेश भी शामिल है। भारत में निवेशकों की सूची में केन्‍या 70वें स्‍थान पर है।

भारतीय पक्ष ने बताया कि इन्‍वेस्‍ट इंडिया ने जापान, दक्षिण कोरिया, कनाडा और सऊदी अरब सहित कई अन्‍य राष्‍ट्रीय निवेश संवर्धन एजेंसियों (आईपीए) के साथ सहमति पत्रों (एमओयू) पर हस्‍ताक्षर किए हैं। भारत पक्ष ने बताया कि केन्‍या सरकार की रुचि‍ को ध्‍यान में रखकर इन्‍वेस्‍ट इंडिया द्विपक्षीय निवेश बढ़ाने के उद्देश्‍य से केन्‍या निवेश प्राधिकरण के साथ भी एक सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्‍ताक्षर कर सकता है।  

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आर.के.मीणा/आरएनएम/एएम/आरआरएस/वीके–2545  

 


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