वित्‍त मंत्रालय

वार्षिक रिटर्न और मिलान विवरण के बारे में स्पष्टीकरण

Posted On: 03 JUL 2019 5:03PM by PIB Delhi

 

भारत सरकार को वार्षिक रिटर्न (फॉर्म जीएसटीआर-9/ फॉर्म जीएसटीआर-9ए) और मिलान विवरण (फॉर्म जीएसटीआर-9सी) के संबंध में अनेक ज्ञापन प्राप्त होते रहे हैं। इस संबंध में सभी हितधारकों को सूचित करने के उद्देश्य से निम्नलिखित स्पष्टीकरण जारी किए गए हैं:

  • अदा न किए गए किसी टैक्स का भुगतानः सीजीएसटी अधिनियम की धारा 73 में सभी करदाताओं को स्वयं ही सुधार करने का एक अनूठा अवसर दिया गया है। उदाहरण के लिए, यदि किसी करदाता ने टैक्स अदा न किया हो या अपेक्षा से कम टैक्स अदा किया हो अथवा गलती से रिफंड पा लिया हो/ मंजूर कर दिया गया हो या गलती से इनपुट टैक्स क्रेडिट प्राप्त कर लिया हो अथवा उपयोग किया हो, तो वैसी स्थिति में किसी टैक्स प्राधिकरण द्वारा नोटिस जारी किए जाने से पहले करदाता ब्याज समेत टैक्स राशि को अदा कर सकता है। इस तरह के मामलों में इन करदाताओं पर कोई पेनाल्टी नहीं लगाई जाएगी। अतः ऐसे मामले जिनके तहत फॉर्म जीएसटीआर-1 में बाह्य आपूर्ति के विवरण अथवा फॉर्म जीएसटीआर-3बी में नियमित रिटर्न में कोई सूचना न दी गई हो तो वैसी स्थिति में इस तरह के करदाता किसी भी समय फॉर्म जीएसटी डीआरसी-03 के जरिए ब्याज सहित टैक्स अदा कर सकते हैं। दरअसल, वार्षिक रिटर्न इस तरह के करदाताओं को उन आपूर्ति का सार घोषित करने का एक अतिरिक्त अवसर प्रदान करता है, जिसके एवज में कर का भुगतान किया जाता है। 
  • वार्षिक रिटर्न में घोषणा के लिए प्राथमिक डेटा स्रोतः करदाताओं की ओर से बार-बार इस तरह का अनुरोध किया जाता रहा है कि वार्षिक रिटर्न और मिलान विवरण (रिकॉन्सिलेशन स्टेटमेंट) दाखिल करने के लिए डेटा का प्राथमिक स्रोत आखिरकार क्या होना चाहिए। अतः फॉर्म जीएसटीआर-1, फॉर्म जीएसटीआर-3बी अथवा खाता-बही का उपयोग सूचनाओं के प्राथमिक स्रोत के रूप में करने को लेकर कुछ भ्रम रहा है। यह नोट करना आवश्यक है कि फॉर्म जीएसटीआर-1 और फॉर्म जीएसटीआर-3बी दोनों ही अलग-अलग उद्देश्यों को पूरा करते हैं। जहां एक ओर फॉर्म जीएसटीआर-1 बाह्य आपूर्ति के विवरण का लेखा-जोखा है, वहीं दूसरी ओर फॉर्म जीएसटीआर-3बी पर सभी तरह के लेन-देन का सार घोषित किया जाता है और भुगतान किया जाता है। यदि आदर्श रूप में देखा जाए तो फॉर्म जीएसटीआर-1, फॉर्म जीएसटीआर-3बी और खाता-बही में दी गई सूचनाओं में सामंजस्य होना चाहिए और विभिन्न फॉर्मों अथवा खाता-बही में दर्ज किए गए मूल्यों का सही मिलान होना चाहिए। यदि मूल्यों का सही मिलान नहीं होता है, तो मोटे तौर पर दो तरह की स्थितियां हो सकती हैं- या तो सरकार को कर का भुगतान नहीं किया गया अथवा अतिरिक्त टैक्स का भुगतान किया गया। पहले मामले में सही सूचना वार्षिक रिटर्न में घोषित की जाएगी और कर की अदायगी की जानी चाहिए। दूसरे मामले में सभी सूचनाएं वार्षिक रिटर्न में घोषित की जा सकती हैं और फॉर्म जीएसटी आरएफडी-01ए के जरिए रिफंड (यदि कोई हो) के बारे में आवेदन किया जा सकता है। इसके अलावा, वार्षिक रिटर्न के जरिए किसी भी इनपुट टैक्स क्रेडिट को वापस (रिवर्स) अथवा इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। यदि करदाता किसी इनुपुट टैक्स क्रेडिट को वापस (रिवर्स) करने के लिए स्वयं को जवाबदेह मानता है तो वैसी स्थिति में वह अलग से फॉर्म जीएसटी डीआरसी-03 के जरिए ऐसा कर सकता है।
  • नियमित रिटर्न में न दी गई सूचनाओं के बारे में बताने में कठिनाईः फॉर्म जीएसटीआर-9 में वार्षिक रिटर्न की तालिका 16ए अथवा 18 में सूचनाओं की अनुपलब्धता के बारे में अनेक ज्ञापन मिलते रहे हैं। यह पाया गया है कि छोटे करदाताओं को उन सूचनाओं के बारे में बताने में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिनके बारे में उनके नियमित विवरण (स्टेटमेंट)/रिटर्न (फॉर्म जीएसटीआर-1 और फॉर्म जीएसटीआर-3बी) में स्पष्ट रूप से नहीं बताया जा रहा है। अतः करदाताओं को अपनी सर्वोत्तम जानकारी और रिकॉर्ड के अनुसार इस तरह के डेटा/विवरण (जो उनके नियमित विवरण/रिटर्न का हिस्सा नहीं है) को घोषित करने की सलाह दी जाती है। यह डेटा केवल सूचना के प्रयोजन के लिए है और इन तालिकाओं में दी गई सूचनाओं में उचित/व्याख्यात्मक भिन्नताओं को प्रतिकूल रूप से नहीं देखा जाएगा।

***

आर.के.मीणा/आरएनएम/एएम/आरआरएस/एमएस–2156  

 


(Release ID: 1580186)
Read this release in: English