वित्‍त मंत्रालय

प्रथम ‘सुदृढ़ केरल’ कार्यक्रम के लिए भारत सरकार, केरल सरकार और विश्‍व बैंक ने ऋण समझौते पर हस्‍ताक्षर किए

Posted On: 28 JUN 2019 6:20PM by PIB Delhi

भारत सरकारकेरल सरकार और विश्‍व बैंक ने आज नई दिल्‍ली में प्रथम सुदृढ़ केरल’  कार्यक्रम के लिए 250 मिलियन अमेरिकी डॉलर के ऋण समझौते पर हस्‍ताक्षर किये। इसका उद्देश्‍य प्राकृतिक आपदाओं और जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों से निपटने में राज्‍य की सुदृढ़ क्षमता को बढ़ाना है।

वर्ष 2018 में केरल में आई भयावह बाढ़ और भूस्‍खलन के कारण सम्‍पत्तिबुनियादी ढांचागत सुविधाओं और जान-माल की व्‍यापक क्षति हुई। राज्‍य की कुल आबादी का छठवां हिस्‍सा यानी लगभग 5.4 मिलियन लोग इससे बुरी तरह प्रभावित हुएजबकि 1.4 मिलियन लोग अपने-अपने घरों से विस्‍थापित हो गये। इनमें बड़ी संख्‍या में समाज के कमजोर एवं असुरक्षित तबकों के लोग एवं निर्धन व्‍यक्ति शामिल थे। 

सुदृढ़ केरल कार्यक्रम’ के तहत समावेशी एवं सहभागिता दृष्टिकोण के जरिये निर्धन एवं कमजोर व असुरक्षित समूहों की आजीविका तथा परिसम्‍पत्तियों की रक्षा के लिए राज्‍य की संस्‍थागत एवं वित्‍तीय क्षमता को बढ़ाने पर फोकस किया जाएगा।

भारत सरकार के वित्‍त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग में अपर सचिव श्री समीर कुमार खरे ने कहा कि नया कार्यक्रम भारत सरकार की ओर से केरल का पुनर्निर्माण विकास कार्यक्रम’  को दी जाने वाली आवश्‍यक सहायता का एक हिस्‍सा है। केरल का पुनर्निर्माण विकास कार्यक्रम’   का उद्देश्‍य एक हरित एवं सुदृढ़ केरल का निर्माण करना है। उन्‍होंने कहा कि इस साझेदारी के तहत नीतिगत एवं संस्‍थागत सुदृढ़ीकरण के महत्‍वपूर्ण क्षेत्रों की पहचान की जाएगीताकि विकास संबंधी सकारात्‍मक असर को अधिकतम स्‍तर पर पहुंचाया जा सकें।

उपर्युक्‍त ऋण समझौते पर भारत सरकार की ओर से श्री समीर कुमार खरे और विश्‍व बैंक की ओर से विश्‍व बैंक के कंट्री डायरेक्‍टर (भारत) श्री जुनैद कमाल अहमद ने हस्‍ताक्षर किये।

अगस्‍त, 2018 में केरल में बाढ़ के तबाही मचाने के बाद से ही विश्‍व बैंक भारत सरकार और केरल सरकार के साथ घनिष्‍ठतापूर्वक कार्य करता रहा हैताकि बाढ़ के प्रतिकूल असर का आकलन किया जा सके और इसके साथ ही सामान्‍य स्थिति की बहाली और पुनर्निर्माण सुनिश्चित करने में आवश्‍यक सहायता दी जा सके। विश्‍व बैंक से मिली सहायता से आपदा जोखिमों एवं जलवायु परिवर्तन के असर से निपटने में आवश्‍यक नीतियोंसंस्‍थानों और प्रणालियों की पहचान करने में भी मदद मिली।

भारत में विश्‍व बैंक की प्रथम राज्‍य साझेदारी’ को दर्शाने वाला यह कार्यक्रम दो विकास नीतिगत परिचालनों में से प्रथम परिचालन है। इसका उद्देश्‍य आपदा एवं जलवायु परिवर्तन की समस्‍या से निपटने के लिए आवश्‍यक क्षमता को महत्‍वपूर्ण बुनियादी ढांचागत सुविधाओं और सेवाओं की मुख्‍यधारा में लाना है।

विश्व बैंक के भारत में कंट्री डायरेक्टर श्री जुनैद कमाल अहमद ने कहा कि राज्य के साथ यह साझेदारी भारत में बैंक की नई कंट्री भागीदारी के ढांचे का एक प्रमुख स्तंभ है। इस तरह की साझेदारियों के माध्यम से बैंक उन चुनिंदा राज्यों का समर्थन करेगा जो विकास की पहल की योजनाओं को बनाने और उन्हें क्रियान्वित करने के तरीके में प्रणालीगत सुधार लाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि केरल में हम लचीली व्यवस्था का निर्माण करने के लिए संबंधित विषयों और प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में मिलकर काम करेंगे। हम केरल के नागरिकों के जीवन और आजीविका में महत्वपूर्ण बदलाव लाने में राज्य सरकार की सहायता करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस कार्यक्रम का उद्देश्य राज्य की निम्नलिखित मुद्दों पर सहायता करना है-

 

·         बेहतर नदी बेसिन योजना और जल बुनियादी ढांचा परिचालन प्रबंधन, जल आपूर्ति और साफ-सफाई सेवाएं

·         लचीली और स्थायी कृषि और कृषि जोखिम बीमा को सुधारना

·         सड़क नेटवर्क के लचीलेपन में सुधार करना

·         अधिक जोखिम क्षेत्रों में एकीकृत और अधिक अद्यतन भूमि रिकॉर्ड

·         जोखिम आधारित शहरी नियोजन और शहरी स्थानीय निकायों द्वारा व्यय नियोजन को मजबूत बनाना

·         राज्य की राजकोषीय और सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन क्षमता को मजबूत बनाना

 

इस कार्यक्रम के विश्व बैंक इंडिया कार्य दल के नेता श्री बालकृष्ण मेनन ने कहा कि इस कार्यक्रम के तहत बैंक न केवल अतिरिक्त वित्तीय संसाधनों को जुटाने में, बल्कि अन्य विकास साझेदारों से भी लाभ उठाने में मदद करेगा। इसके अलावा वैश्विक श्रेष्ठ प्रक्रियाओं से ज्ञान प्राप्त करने में भी सहायता प्रदान करेगा।

 

विश्व बैंक द्वितीय केरल राज्य परिवहन परियोजनाबांध पुनर्वास और सुधार परियोजना, राष्ट्रीय जल विज्ञान परियोजनाराष्ट्रीय चक्रवात जोखिम शमन परियोजना चरण-2 और केरल स्थानीय सरकार तथा सेवा आपूर्ति परियोजना जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से राज्य की मदद कर रहा है।

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आर.के.मीणा/आरएनएम/एएम/आरआरएस/आईपीएस/जीआरएस/एमएस-1832  



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