वित्त मंत्रालय
वित्त मंत्री ने दिल्ली में 35वीं जीएसटी परिषद की बैठक की अध्यक्षता की; जीएसटीएटी की स्थापना, राष्ट्रीय मुनाफाखोरी-रोधी प्राधिकरण के कार्यकाल के विस्तार और ई-चालान की शुरूआत के बारे में निर्णय
Posted On:
21 JUN 2019 5:56PM by PIB Delhi
केन्द्रीय वित्त और कॉर्पोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आज यहां 35 वीं जीएसटी परिषद की बैठक आयोजित की गई। नई सरकार के शपथ ग्रहण के बाद परिषद की यह पहली बैठक थी। बैठक में केन्द्रीय वित्त और कॉर्पोरेट कार्य राज्य मंत्री श्री अनुराग ठाकुर के अलावा राजस्व सचिव श्री अजय भूषण पांडे और वित्त मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। बैठक सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई।
बैठक की शुरुआत में, परिषद ने जीएसटी परिषद के पूर्व अध्यक्ष श्री अरुण जेटली की उत्कृष्ट भूमिका को स्वीकार करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया और जीएसटी परिषद को सहकारी संघवाद का एक शानदार उदाहरण बनाने में उनके द्वारा दिए गए अनुकरणीय योगदान के लिए आभार और सराहना व्यक्त की। परिषद ने निवर्तमान सदस्यों को धन्यवाद दिया और परिषद के नए सदस्यों का स्वागत किया। इसने उत्तराखंड के पूर्व वित्त मंत्री श्री प्रकाश पंत के असामयिक निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया।
परिषद की बैठक में कुल मिलाकर, 12 विषयों पर चर्चा की गई। इनमें से कुछ विषय नियमित प्रकृति के थे, जैसे 34वीं जीएसटी परिषद की बैठक के लिखित ब्यौरे की पुष्टि, 12 मार्च, 2019 और 11 जून, 2019 के बीच केन्द्र सरकार द्वारा जारी अधिसूचना, परिपत्र और आदेशों की पुष्टि पर ध्यान देना, जीएसटी कार्यान्वयन समिति के निर्णयों पर ध्यान देना आदि।
परिषद ने विभिन्न राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के लिए वस्तु और सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण (जीएसटीएटी) के लिए राज्य और क्षेत्र की पीठों के स्थान के बारे में निर्णय लिया। सिक्किम, नागालैंड, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश राज्यों के लिए एक साझा राज्य पीठ बनाने का निर्णय लिया गया है।
राष्ट्रीय मुनाफाखोरी-रोधी प्राधिकरण का कार्यकाल 2 वर्ष बढ़ाया गया है।
परिषद ने बी 2 बी लेनदेन के लिए चरणबद्ध तरीके से इलेक्ट्रॉनिक चालान प्रणाली शुरू करने का भी निर्णय लिया। ई-चालान एक तेजी से बढ़ने वाली तकनीक है जो करदाताओं को कर संबंधित प्रक्रियाओं के पिछले अनुकूलन और स्वचालन में मदद करेगी। यह कर अधिकारियों की कर चोरी के खतरे से निपटने में भी मदद करेगा। चरण 1 स्वैच्छिक होने का प्रस्ताव है और इसे जनवरी 2020 से शुरू किया जाएगा
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आर.के.मीणा/आरएनएम/एएम/केपी/आरके/एनके-1703
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