सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्‍वयन मंत्रालय

2018-19 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसम्बर) के लिए जीडीपी के अनुमान


चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में स्थिर मूल्यों पर जीडीपी वृद्धि दर 6.6 प्रतिशत आंकी गई

Posted On: 28 FEB 2019 5:30PM by PIB Delhi

सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्‍वयन मंत्रालय के केन्‍द्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने चालू वित्‍त वर्ष यानी 2018-19 की तीसरी तिमाही (अक्‍टूबर-दिसम्‍बर) के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अनुमान स्थिर मूल्यों (2011-12) और वर्तमान मूल्यों दोनों पर ही जारी कर दिए हैं। इसके साथ ही सीएसओ ने वित्‍त वर्ष 2018-19 के लिए स्थिर मूल्‍यों (2011-12) और वर्तमान मूल्यों पर राष्‍ट्रीय आय के दूसरे अग्रिम अनुमान भी जारी कर दिये हैं। इन अनुमानों से जुड़ी मुख्‍य बातों का उल्‍लेख नीचे किया गया है:

वित्‍त वर्ष 2018-19 की तीसरी तिमाही में स्थिर मूल्‍यों (2011-12) पर जीडीपी यानी सकल घरेलू उत्‍पाद 35.00 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है, जबकि वित्‍त वर्ष 2017-18 की तीसरी तिमाही में यह 32.85 लाख करोड़ रुपये आंका गया था। इस तरह यह वित्‍त वर्ष 2018-19 की तीसरी तिमाही के दौरान 6.6 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि दर को दर्शाता है। वित्‍त वर्ष 2018-19 की पहली और दूसरी तिमाहियों के दौरान जीडीपी वृद्धि दर क्रमश: 8.0 और 7.0 प्रतिशत आंकी गई थी।

स्थिर मूल्यों (2011-12) और वर्तमान मूल्यों दोनों पर ही वित्‍त वर्ष 2018-19 और इसकी पहली, दूसरी और तीसरी तिमाहियों की वृद्धि दर का उल्‍लेख नीचे किया गया है: 

 

जीडीपी वृद्धि दरें (प्रतिशत में)

 

स्थिर मूल्‍य (2011-12)

वर्तमान मूल्‍य

वार्षिक  2018-19 (दूसरे अग्रिम अनुमान)

7.0

11.5

पहली तिमाही 2018-19 (अप्रैल-जून)

8.0

12.6

दूसरी तिमाही 2018-19 (जुलाई-सितम्‍बर)

7.0

11.9

तीसरी तिमाही  2018-19 (अक्‍टूबर-दिसम्‍बर)

6.6

11.0

 

 

राष्‍ट्रीय आय, 2018-19 के दूसरे अग्रिम अनुमान

स्थिर मूल्‍यों (2011-12) पर अनुमान

जीडीपी

वर्ष 2018-19 में स्थिर (2011-12) मूल्‍यों पर सकल घरेलू उत्‍पाद (जीडीपी) के बढ़कर 141.00 लाख करोड़ रुपये हो जाने का अनुमान लगाया गया है, जबकि वर्ष 2017-18 के प्रथम संशोधित अनुमान में यह 131.80 लाख करोड़ रुपये आंका गया था। वित्‍त वर्ष 2018-19 में जीडीपी वृद्धि दर 7.0 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है, जबकि वित्‍त वर्ष 2017-18 में यह वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत आंकी गई थी।

मूल स्थिर मूल्‍यों (2011-12) पर वास्‍तविक जीवीए (सकल मूल्‍य वर्द्धित) के बढ़कर वित्‍त वर्ष 2018-19 में 129.26 लाख करोड़ रुपये हो जाने का आकलन किया गया है, जबकि वित्‍त वर्ष 2017-18 में इसे 121.04 लाख करोड़ रुपये आंका गया था। वित्‍त वर्ष 2018-19 में मूल या बुनियादी मूल्‍यों पर वास्‍तविक जीवीए वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है, जबकि वित्‍त वर्ष 2017-18 में यह 6.9 प्रतिशत दर्ज की गई थी।

जिन क्षेत्रों या सेक्‍टरों द्वारा 7.0 फीसदी से ज्‍यादा की वृद्धि दर दर्ज किये जाने का अनुमान लगाया गया है उनमें निर्माण’, ‘लोक प्रशासन, रक्षा एवं अन्य सेवाएं’, विनिर्माण, विद्युत, गैस, जलापूर्ति एवं अन्‍य उपयोगी सेवाएं’ और वित्‍तीय,अचल संपत्‍ति एवं प्रोफेशनल सेवाएंशामिल हैं। कृषि, वानिकी एवं मत्‍स्‍य पालन’, ‘खनन एवं उत्‍खनन’, ‘व्‍यापार, होटल, परिवहन, संचार एवं प्रसारण से जुड़ी सेवाओं’ की वृद्धि दर क्रमश: 2.7, 1.2 और 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है।

 

वर्ष 2018-19 की तीसरी तिमाही में जीवीए और व्‍यय से जुड़ी विस्‍तृत जानकारी पाने के लिए अंग्रेजी का अनुलग्‍नक यहां क्लिक करें

 

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आर.के.मीणा/एएम/आरआरएस/एस-816  



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