रक्षा मंत्रालय

भारत-प्रशांत क्षेत्रीय संवाद- 2019 (5 एवं 6 मार्च 2019)

Posted On: 02 MAR 2019 11:29AM by PIB Delhi

भारत प्रशांत क्षेत्र में भारत के अवसरों एवं चुनौतियों की वार्षिक समीक्षा से वैश्विक रणनीतिक समुदाय को जोड़ने की प्रक्रिया की निरंतरता में भारत-प्रशांत क्षेत्रीय संवाद (आईपीआरडी)- 2019 का दूसरा संस्करण दिनांक 5 एवं 6 मार्च को नयी दिल्ली के मानेकशॉ केंद्र में आयोजित किया जाएगा । यह संवाद उद्घाटन संस्करण द्वारा रखी गई आधारशिला पर निर्मित किया जाएगा एवं पांच ताज़ा विषयों का परीक्षण करेगाः (i) क्षेत्र में जुड़ाव की प्राप्ति के लिये सामुद्रिक सम्पर्क के माध्यम से व्यवहारिक समाधान; (ii) एक स्वतंत्र एवं खुले भारत-प्रशांत क्षेत्र की प्राप्ति एवं रखरखाव के लिये कदम; (iii) ‘ब्राउन’ से एक ‘ब्लू’ अर्थव्यवस्था में क्षेत्र के रूपांतरण के लिये एक क्षेत्रीय रवैया अपनाया जाना; (iv) ‘इण्डस्ट्री-4.0’ के सामुद्रिक प्रभाव से उपजे अवसर एवं चुनौतियां; एवं (v) ‘सागर’ एवं ‘सागरमाला’ की दो अवधारणाएं किस प्रकार क्षेत्रीय स्तर पर साझा रूप से सर्वश्रेष्ठ ढंग से लागू की जा सकती हैं । दो दिन तक पांच सत्रों में इन सारे विषयों का समाधान किया जाएगा, जिनमें से तीन सत्र पैनल-परिचर्चा के रूप में संचालित किये जाएंगे, जिससे युक्तियों और विचारों के निर्बाध आदान-प्रदान को प्रोत्साहन मिलेगा एवं आमजन से अधिक संवाद सुनिश्चित हो पाएगा ।       

इस वर्ष होने वाले संवाद का परिणाम बेहद उत्साहजनक रहा एवं यह संभावना है कि भारत-प्रशांत क्षेत्रीय संवाद (आईपीआरडी)- 2019 भारत-प्रशांत क्षेत्र के तेरह देशों- ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, कनाडा, चीन, इंडोनेशिया, इज़राइल, जापान, सेशेल्स, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, श्रीलंका, युनाइटेड किंग्डम एवं संयुक्त राज्य अमेरिका के विश्व स्तर पर प्रतिष्ठित प्रक्षेत्र विशेषज्ञों एवं नीति निर्माताओं की सक्रिय भागीदारी का साक्षी बने । सम्माननीय रक्षा मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण, सम्माननीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग; जहाजरानी एवं जल संसाधन; नदी विकास; एवं गंगा कायाकल्प मंत्री श्री नितिन जयराम गडकरी, सम्माननीय वाणिज्य एवं उद्योग; एवं नागरिक उड्डयन मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु को पेशेवर सत्रों की शुरुआत से पहले दर्शकों को संबोधित करना है ।   

वार्षिक संवाद के माध्यम से भारतीय नौसेना एवं राष्ट्रीय सामुद्रिक संस्थान का उद्देश्य भारत-प्रशांत क्षेत्र में समुद्र संबंधी विषयों को प्रभावित करने वाली भूराजनीतिक घटनाओं से संबंधित महत्वपूर्ण एवं गहराई वाले विमर्श का मंच मुहैया कराना एवं नीति निर्माताओं तथा जनता को नीति संबंधी प्रासंगिक सूचनाएं उपलब्ध कराना है ।  

भारत-प्रशांत क्षेत्रीय संवाद (आईपीआरडी) के विचार की अवधारणा भारतीय नौसेना के एक शीर्ष स्तरीय सम्मेलन के रूप में प्रथम बार वर्ष 2018 में रखी गई थी, तथा इसका आयोजन भारतीय नौसेना के ज्ञान-साझीदार के रूप में राष्ट्रीय सामुद्रिक संस्थान ने किया था । इस वार्षिक संवाद का स्थायी विषय भारत-प्रशांत क्षेत्र में भारत के अवसरों एवं चुनौतियों की समीक्षा करना था । इसका उद्देश्य एक सामुद्रिक भौगोलिक सत्ता के रूप में भारत-प्रशांत क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करने के साथ साथ क्षेत्रीय भूराजनीति के आयामों की अहम प्रासंगिकता पर चर्चा करना था । भारत-प्रशांत क्षेत्रीय संवाद (आईपीआरडी) के 2018 के संस्करण का उद्देश्य भारत के सामुद्रिक नीति निर्धारकों एवं देश की समुद्र संबंधी नीतियों के वृत्तिकों के समक्ष उपस्थित अवसरों को चिह्नांकित करना था । पहले संस्करण में चार आधारभूत विषयों पर चर्चा की गई: (i) बंदरगाहों एवं मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी जैसी संबंधित ढांचागत व्यवस्था समेत सामुद्रिक व्यापार का विकास, अवसर एवं कमज़ोरियां; (ii) क्षेत्रीय कनेक्टिविटी मॉडल; (iii) क्षेत्र में फैली चुनौतियां जैसे समुद्र में सतत निगरानी, सामुद्रिक क्षेत्र में बढ़ता डिजिटलकरण, साइबर द्वेष के ख़तरे जो पहले से ही सामुद्रिक क्षेत्र में तकलीफदेह हैं इत्यादि; (iv) सामुद्रिक सुरक्षा की संर्वागीण बेहतरी में निजी एवं सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों में भारतीय उद्योग की भूमिका । विश्व भर से आए प्रतिष्ठित रणनीतिकारों एवं विश्लेषकों द्वारा दो दिन तक पांच सत्रों में प्रस्तुत 15 विश्लेषणपरक पत्रों समेत वर्ष 2018 में हुआ संवाद एक शानदार सफलता था ।

 

आर.के.मीणा/एएम/एबी-


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