आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय

परिवर्तन, प्रतिस्था्पन और दाखिल खारिज ऑनलाइन हुआ - हरदीप एस पुरी ने ई-धरती ऐप लॉन्च् किया


जीआईएस आधारित मानचित्र पर 35,000 से अधिक संपत्तियों की रूपरेखा - 2,500 से अधिक संपत्तियों की मैपिंग और सत्यापन

एल एंड डीओ कार्यालय अब आम लोगों के कहीं अधिक अनुकूल, जवाबदेह, कुशल और पारदर्शी

Posted On: 07 MAR 2019 5:23PM by PIB Delhi

आवास एवं शहरी गरीबी उपशमन राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) श्री हरदीप एस पुरी ने ई-धरती ऐप लॉन्च किया है। यह एक नई ऑनलाइन प्रणाली है जहां सभी तीन मुख्य मॉड्यूल यानी परिवर्तन, प्रतिस्थापन और दाखिल खारिज को ऑनलाइन किया गया है। एल एंड डीओ में भुगतान प्रणाली को भी पूरी तरह से डिजिटल कर दिया गया है। बिक्री अनुमति, गिरवी अनुमति और उपहार अनुमति जैसे अन्य तीन छोटे मॉड्यूल पर भी काम चल रहा है और वह जल्द ही पूरा हो जाएगा। जनता अब एल एंड डीओ वेबसाइट पर जाकर अपने आवेदन ऑनलाइन जमा कर सकती है। उन्हें आवेदन जमा करने और उसके बाद की प्रक्रियाओं एवं पूछताछ के लिए इस कार्यालय में आने की जरूरत नहीं होगी।

 

भूमि एवं विकास कार्यालय (एल एंड डीओ) उन सार्वजनिक आवेदनों को निपटाता है जो मुख्य तौर पर लीजहोल्ड से फ्रीहोल्ड में परिव‍र्तन, कानूनी उत्तराधिकारियों के नाम का प्रतिस्थापन और खरीदार के नाम पर दाखिल खारिज आदि से संबंधित होते हैं। कुल प्राप्‍त आवेदनों में इन तीन तीन प्रकार के आवेदनों की हिस्‍सेदारी लगभग 95 प्रतिशत होती है। इसके अलावा यह कार्यालय बिक्री अनुमति, गिरवी अनुमति और उपहार अनुमति से संबंधित आवेदनों को भी निपटाता है। व्‍यवस्‍था को कहीं अधिक पारदर्शी, जवाबदेह, कुशल और प्रभावी बनाने के लिए इस कार्यालय द्वारा तमाम पहल की गई हैं ताकि आम जनता, विशेषकर वृद्ध, गरीब, बीमार और वंचित व्यक्तियों के साथ-साथ महिलाओं और विधवाओं को भी इसका फायदा मिल सके।

 

ई-धरती जियो पोर्टल एक अन्‍य महत्वपूर्ण ऐप्लिकेशन है जिस पर एल एंड डीओ ने काम करना शुरू किया है। यह जीआईएस आधारित 65000 संपत्तियों की मैपिंग पर आधारित है। इस ऐप्लिकेशन के माध्यम से एल एंड डीओ के तहत प्रत्येक सरकारी संपत्ति, चाहे वह आवंटित हो या खाली पड़ी संपत्ति हो, को 'ई-धरती जियो पोर्टल' नामक पोर्टल पर मैप किया जाना प्रस्तावित है। इस पोर्टल के माध्यम से संपत्ति के पट्टेदार अपनी संपत्ति के मानचित्र सहित मूल विवरण देख सकेंगे। पट्टेदार को इस कार्यालय से उनकी संपत्ति के बारे में एक संपत्ति कार्ड भी जारी किया जा सकता है बशर्ते वह इसकी मांग करे।

 

पूरी दिल्ली में जीआईएस आधारित मानचित्र पर 35,000 से अधिक संपत्तियों की रूपरेखा तैयार की गई है लेकिन प्रत्येक संपत्ति का वास्‍तविक सत्यापन उसके स्‍थान और विवरण की जांच के जरिये किया जा रहा है। सभी एल एंड डीओ संपत्तियों को सत्‍यापित करने और उन्‍हें उनके विवरणों के साथ जोड़ने की पूरी कवायद में लगभग एक वर्ष का समय लग सकता है। अब तक 2,500 से अधिक संपत्तियों की मैपिंग और सत्यापन का काम पूरा हो चुका है। इस ऐप्लिकेशन से न केवल जनता को लाभ होगा बल्कि सरकार को भी खाली पड़ी संपत्तियों की जानकारी हासिल करने में मदद मिलेगी। साथ ही इसके जरिये पता लगाया जा सकता है कि खाली पड़ी सरकारी संपत्तियों पर किसी तरह का अतिक्रमण आदि तो नहीं हो रहा। इस संबंध में कार्रवाई पहले ही की जा चुकी है और इस प्रस्‍तावित पहल से इस कार्यालय में कामकाज को आम लोगों के प्रति कहीं अधिक अनुकूल, जवाबदेह, कुशल और पारदर्शी बनाया जा सकेगा।

 

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आरेके मीणा/एएम/एसकेसी


(Release ID: 1568122)
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