शिक्षा मंत्रालय

मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने उद्योग में अप्रेंटिसशिप अवसर मुहैया कराने के लिए उच्च शिक्षा प्राप्त युवाओं के लिए अप्रेंटिसशिप एवं कौशल (श्रेयस) योजना शुरू की


श्रेयस युवाओं को लाभकारी रोजगार प्राप्त करने और देश की प्रगति में योगदान करने में मदद करेगा: श्री प्रकाश जावड़ेकर

Posted On: 27 FEB 2019 6:03PM by PIB Delhi

मानव संसाधन विकास मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर ने राष्ट्रीय अप्रेंटिसशिप संवर्धन योजना (एनएपीएस) के माध्यम से अप्रैल 2019 में निकलने वाले सामान्य स्नातकों को उद्योग में अप्रेंटिसशिप का अवसर उपलब्‍ध कराने के लिए उच्च शिक्षा प्राप्‍त युवाओं के लिए अप्रेंटिसशिप एवं कौशल (श्रेयस) योजना शुरू की है। आज नई दिल्ली में शुरू किए गए इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारतीय युवाओं को 'जॉब वर्क एक्सपोजर और कमाई का अवसर उपलब्‍ध कराते हुए रोजगार क्षमता बढ़ाना है।

इस अवसर पर बोलते हुए मंत्री ने कहा कि कौशल के साथ शिक्षा समय की आवश्यकता है। उन्‍होंने कहा कि श्रेयस इस दिशा में एक बड़ा प्रयास होगा जो हमारे डिग्री छात्रों को हमारी अर्थव्यवस्था की जरूरतों के अनुरूप कहीं अधिक कुशल, समर्थ, रोजगारपरक और अनुकूल बनाएगा ताकि वे देश की प्रगति में योगदान करने के साथ-साथ लाभकारी रोजगार भी हासि कर सकें। उन्होंने बताया कि श्रेयस मुख्य तौर पर गैर-तकनीकी स्‍नातक छात्रों के लिए एक कार्यक्रम है जो उनके अधिगम में रोजगारपरक कौशल को शामिल करने के उद्देश्‍य से शिक्षा में अनिवार्य तौर पर अप्रेंटिसशिप को बढ़ावा देता है। साथ ही यह शिक्षा व्‍यवस्‍था में सरकार के प्रयासों को आसान बनाने के लिए रोजगार में भी सुधार करता है ताकि स्‍नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद छात्रों के लिए उपलब्‍ध रोजगार के अवसरों के लिए रास्‍ता साफ दिख सके।

मंत्री ने यह भी बताया कि श्रेयस एक ऐसा कार्यक्रम है जिसमें राष्‍ट्रीय अप्रेंटिसशिप संवर्धन  योजना (एनएपीएस), राष्‍ट्रीय करियर सेवा (एनसीएस) और उच्‍च शिक्षण संस्‍थानों में बीए / बीएससी / बीकॉम (व्‍यावसायिक) पाठ्यक्रमों की शुरुआत के जरिये तीन केंद्रीय मंत्रालयों- मानव संसाधन विकास मंत्रालय, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय और श्रम एवं रोजगार मंत्रालय-  की पहल शामिल हैं

श्रेयस पोर्टल शिक्षण संस्थानों और उद्योगों को लॉग इन करने की सुविधा उपलब्‍ध कराएगा ताकि वे अप्रेंटिसशिप संबंधी मांग एवं आपूर्ति करने में समर्थ हो सकें। पूर्व-निर्दिष्ट पात्रता मानदंडों के अनुसार छात्रों को विभिन्‍न अप्रेंटिसशिप की श्रेणी में रखा जाएगा। राज्य सरकारों से अपेक्षा की जाती है कि वे सेक्टर स्किल काउंसिल के अलावा अप्रेंटिसशिप के अवसरों को हासिल करने में प्रमुख भूमिका निभाएं ताकि अप्रैल 2019 में पास होने वाले सामान्य स्‍नातक छात्रों को उद्योग एवं सेवा क्षेत्र में अप्रेंटिसशिप के विकल्‍प का फायदा मिल सके। इसके अलावा एसएससी ने सूचना प्रौद्योगिकी, खुदरा, लॉजिस्टिक्स, पर्यटन, स्‍वास्‍थ्‍य सेवा, बीएफएसआई, इलेक्ट्रॉनिक्स, मीडिया, लाइफसाइंसेज और प्रबंधन के क्षेत्रों में रोजगार की भूमिकाओं / पाठ्यक्रमों के लिए 100 से अधिक एनएसक्यूएफ की पहचान की है। स्‍नातक पास होने वाले छात्र अप्रेंटिसशिप कार्यक्रम के तहत इन्‍हें ले सकते हैं। ये पाठ्यक्रम उनके लिए शैक्षणिक वर्ष अप्रैल-मई, 2019 से उपलब्ध होंगे। एम्बेडेड अप्रेंटिसशिप पाठ्यक्रम चलाने के लिए 40 से अधिक उच्च शिक्षण संस्थानों को पहले निर्देश दिए जा चुके हैं।

इस अवसर पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय ने 7 डिग्री अपरेंटिसशिप पाठ्यक्रम लॉन्‍च किए। ये मुख्‍य तौर पर बीबीए और बीवीओसी पाठ्यक्रम हैं जिन्‍हें अप्रेंटिसशिप के अनुरूप नए सिरे से तैयार किया गया है। इसमें सूचना प्रौद्योगिकी, खुदरा, लॉजिस्टिक्स, पर्यटन, बीएफएसआई और खाद्य प्रसंस्‍करण के 6 सेक्टर स्किल काउंसिल्स अग्रणी हैं। इसके अलावा स्‍वास्‍थ्‍य सेवा, इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स एवं मीडिया जैसे क्षेत्रों में कई अन्‍य पाठ्यक्रम तैयार किए जा रहे हैं।

इस कार्यक्रम के दौरान कई प्रमुख औद्योगिक संगठनों ने सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स, मीडिया और बीएफएसआई जैसे प्रमुख क्षेत्रों में कुछ स्नातक छात्रों के साथ अप्रेंटिसशिप अनुबंध भी किए।

 

श्रेयस के बारे में विस्‍तृत ब्‍योरा निम्‍न‍िलिखित हैं:

 

उद्देश्‍य

 

श्रेयस के उद्देश्‍य निम्‍नलिखित हैं:

 

  1. उच्च शिक्षा व्‍यवस्‍था की अधिगम प्रक्रिया में रोजगार प्रासंगिकता को शामिल करते हुए छात्रों की रोजगार क्षमता में सुधार करना।
  2. शिक्षा और उद्योग/ सेवा क्षेत्रों के बीच स्थायी आधार पर करीबी लिंक स्‍थापित करना।
  3. छात्रों को बाजार की मांग के अनुरूप कौशल प्रदान करना।
  4. उच्च शिक्षा में सीखने के दौरान कमाई व्‍यवस्‍था स्‍थापित करना।
  5. अच्छी गुणवत्ता की जनशक्ति हासिल करने में व्यापार/ उद्योग की मदद करना।
  6. सरकार के प्रयासों को आसान बनाने के लिए छात्र समुदाय को रोजगार से जोड़ना

योजना का संचालन

प्राथमिक योजना का संचालन राष्ट्रीय शिक्षुता संवर्धन योजना (एनएपीएस) के साथ किया जाएगा जिसके तहत प्रत्येक व्यवसाय/ उद्योग में कुल कार्यबल के 10 प्रतिशत तक अप्रेंटिस रखने का प्रावधान है। शुरू में यह योजना बीएफएसआई (बैंकिंग वित्‍त बीमा सेवा), खुदरा, स्वास्थ्य सेवा, दूरसंचार, लॉजिस्टिक्स, मीडिया, प्रबंधन सेवा, आईटीईएस और परिधान क्षेत्र के सेक्‍टर स्किल काउंसिलों (एसएससी) द्वारा लागू की जाएगी। अप्रेंटिसशिप की उभरती मांग और पाठ्यक्रम समायोजन के साथ बाद में अन्‍य क्षेत्रों को जोड़ा जाएगा।

तीन ट्रैक पर श्रेयस का कार्यान्वयन

इस कार्यक्रम का कार्यान्‍वयन तीन ट्रैक पर साथ-साथ किया जाएगा।

 

पहला ट्रैक: एड-ऑन अप्रेंटिसशिप (डिग्री अप्रैंटिसशिप):

जो छात्र वर्तमान में डिग्री प्रोग्राम पूरा कर रहे हैं उन्हें कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के सेक्टर स्किल काउंसिल द्वारा दी गई अप्रेंटिसशिप रोजगार भूमिका की चयनित सूची में से अपनी पसंद की भूमिका चुनने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। अप्रेंटिसशिप कार्यक्रम आमतौर पर करीब 6 महीनों का होता है और इस क्षेत्र (सिद्धांत) के बारे में बुनियादी प्रशिक्षण पर आधारित होगा। स्‍नातक की पढ़ाई पूरी होने के तुरंत बाद (प्रत्येक वर्ष मई से शुरू) यह कार्यक्रम शुरू होगा। अप्रेंटिसशिप अवधि के दौरान छात्र को उद्योग द्वारा लगभग 6,000 रुपये प्रति माह का वजीफा दिया जाएगा। अपरेंटिसशिप अवधि के अंत में संबंधित सेक्‍टर स्किल काउंसिल द्वारा एक परीक्षा आयोजित की जाएगी और सफल छात्रों को उनके डिग्री प्रमाण पत्र के अलावा कौशल प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा।

 

दूसरा ट्रैक: – एंबेडेड अप्रेंटिसशिप

इस दृष्टिकोण के तहत मौजूदा बी वीओसी कार्यक्रमों को बीए (व्यावसायिक), बीएससी (व्यावसायिक) या बीकॉम (व्यावसायिक) पाठ्यक्रमों में पुनर्गठित किया जाएगा जिसमें न केवल शैक्षिक इनपुट और व्यावसायिक इनपुट होंगे बल्कि उसमें 6 से 10 महीने की अनिवार्य अप्रेंटिसशिप भी शामिल होगी जो कौशल की आवश्यकता पर निर्भर होगी। उदाहरण के लिए, लॉजिस्टिक्स में बीबीए के पाठ्यक्रम में एम महीने का क्‍लासरूप शिक्षण और उसके बाद एक महीने की अप्रेंटिसशिप शामिल होगी। वैकल्पिक तौर पर मौजूदा डिग्री या बी वीओसी पाठ्यक्रम का एक पूरा सेमेस्टर उद्योग में अप्रेंटिसशिप के लिए समर्पित होगा।

 

अप्रेंटिसशिप अवधि के दौरान छात्र को उद्योग द्वारा लगभग 6,000 रुपये प्रति महीने का वजीफा मिलेगा। इसमें से 25 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति एनएपीएस कार्यक्रम के तहत की जाएगी। अप्रेंटिसशिप अवधि के अंत में संबंधित सेक्‍टर स्क्लि काउंसिल द्वारा परीक्षा आयोजित की जाएगी और सफल छात्रों को उनके डिग्री प्रमाण पत्र के अलावा कौशल प्रमाण पत्र भी मिलेगा।

पाठ्यक्रम में से कक्षा सामग्री को घटाने और उसमें अप्रेंटिसशिप के साथ बुनियादी कौशल प्रशिक्षण को शामिल करने के लिए मौजूदा डिग्री पाठ्यक्रमों से संशोधित करने अथवा उनमें अप्रेंटिसशिप और कौशल संबंधी सामग्रियों को शामिल करने की प्रक्रिया सेक्‍टर स्किल काउंसिलों के साथ तैयार की जा रही है। उम्‍मीद की जा रही है कि शैक्षणिक वर्ष 2018-19 से इन पाठ्यक्रमों को शुरू कर दिया जाएगा।

तीसरा ट्रैक: राष्‍ट्रीय करियर सेवा को कॉलेजों से जोड़ना:

इसके तहत श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के राष्ट्रीय कैरियर सेवा (एनसीएस) पोर्टल को उच्च शिक्षा संस्थानों के साथ जोड़ा जाएगा। अब तक 9,000 से अधिक नियोक्ताओं ने 2 लाख से अधिक नियुक्तियों की आवश्‍यकता जताई है जिसके लिए इन छात्रों पर विचार किया जा सकता है। इससे उन संस्थानों के छात्रों को मदद मिलेगी जिनके पास कैंपस भर्ती की सुविधा नहीं है। इससे उरकी रोजगार की संभावनाएं बेहतर होंगी। इसके अलावा छात्रों को बाजार की आवश्‍यकता के अनुरूप कौशल में प्रशिक्षित किया जाएगा।

साधन

इस योजना का संचालन कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) और श्रम मंत्रालय के समन्वय से किया जाएगा। इसका संचालन निम्‍नलिखित तरीके से होगा:

क. सेक्टर स्किल काउंसिल (एसएससी) ने ऐसे 100 से अधिक क्षेत्रों की पहचान की है जहां उन्‍हें अप्रेंटिसशिप के अवसर दिख सकते हैं। वे संबंधित कॉलेजों (प्लेसमेंट सेल की मदद से) के साथ उन उद्योगों की पहचान करेंगे जहां अप्रेंटिसशिप उपलब्‍ध कराई जाएगी।

ख. उच्च शिक्षण संस्थान श्रेयस पोर्टल पर लॉग-इन करते हुए कौशल क्षेत्रों में अपनी रुचि व्यक्त कर सकते हैं। साथ ही इसके लिए वे छात्रों की संभावित संख्या की जानकारी भी दे सकते हैं।

ग. संबंधित एसएससी द्वारा मांग की जांच की जाएगी जो पोर्टल पर उपलब्ध पदों की पुष्टि करेगा।

घ. इस पुष्टि के आधार पर एचईआई छात्रों के नाम श्रेयस पोर्टल पर अपलोड करेगा।

. इसके बाद एनएपीएस उद्योग और छात्र के बीच अनुबंध कराएगा।

च. फिर उद्योग द्वारा मासिक वजीफे का भुगतान किया जाएगा और इसमें से 25 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति एनएपीएस पोर्टल द्वारा की जाएगी जो अधिकतम 1,500 रुपये प्रति महीना होगी।

छ. एसएससी प्रगति की निगरानी करेगा और अप्रेंटिसशिप अवधि के अंत में परीक्षा आयोजित करेगा और सफल उम्मीदवारों को प्रमाण पत्र देगा। ये प्रमाण पत्र रोजगार हासिल करने के लिए पूरे भारत में मान्य हैं।

हितधारक

संस्‍थानों की भूमिका: उच्च शिक्षा संस्थान अंतिम वर्ष में आने वाले छात्रों के लिए विभिन्न विकल्पों के साथ इस योजना की व्याख्या करेंगे और भागीदारी के लिए उनकी दिलचस्‍पी का पता लगाएंगे। विभिन्न छात्रों से दिलचस्‍पी हासिल करने के बाद संस्थान बकायदा प्रत्येक भूमिका में छात्रों की संभावित संख्या के साथ श्रेयस पोर्टल पर उनका पंजीकरण करेगा।

एसएससी की भूमिका: एसएससी अप्रेंटिसशिप के लिए उद्योगों की पहचान करेगा और वह प्रमाणीकरण के लिए मूल्यांकन का संचालन भी करेगा। उन्‍हें एचईआई द्वारा पंजीकृत छात्रों की रुचि के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। इसके आधार पर वे अप्रेंटिसशिप उपलब्‍ध कराने वाले संस्‍थानों की व्‍यवस्था और पुष्टि करेंगे। एसएससी उन्‍हें अप्रेंटिस के तौर पर नामांकित करेगा और कारोबारी संस्‍थान एवं छात्र के बीच अनुबंध तैयार करेगा। अप्रेंटिसशिप की अवधि पूरी होने पर वे छात्रों के मूल्‍यांकन के बाद प्रमाण पत्र जारी करेंगे। हालांकि यह प्रमाण पत्र रोजगार की गारंटी नहीं देता लेकिन यह उसी उद्यम अथवा उस क्षेत्र के अन्‍य उद्यमों में रोजगार हासिल करने में काफी हद तक मदद कर सकता है।

एमएसडीई (एनएसडीसी) की भूमिका: एमएसडीई, एनएसडीसी के माध्यम से एनएपीएस कार्यक्रम का संचालन करता है। वे न केवल कार्यक्रम और अप्रेंटिस की प्रगति की निगरानी करेंगेल्कि एनएपीएस के अनुसार वजीफे की प्रतिपूर्ति के लिए व्यावसायिक उद्यमों से प्राप्‍त दावों को निपटाते हुए इस कार्यक्रम के लिए रकम भी उपलब्‍ध कराएंगे। एसएससी के तहत चल रहे प्रयासों की निगरानी कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय द्वारा की जाएगी जो समय-समय पर श्रेयस में नए एसएससी को भी शामिल करेगा। यह पूरा कार्यक्रम मानव संसाधन विकास मंत्रालय और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के बीच डायनेमिक इंटरफेस और सूचनाओं की साझेदारी के साथ आगे बढ़ेगा।

वित्‍तपोषण

एनएपीएस योजना के तहत केंद्र सरकार अप्रेंटिसशिप अवधि के दौरान प्रति महीने 25 प्रतिशत वजीफे का वहन करेगी जो अधिकतम 1,500 रुपये प्रति महीना होगा। इसके अलावा जरूरत पड़ने पर 7,500 रुपये मूल प्रशिक्षण लागत के तौर पर दिए जाएंगे।

लक्ष्‍य

सभी ट्रैक के तहत 2022 तक कुल करीब 5,022 छात्रों को लाने का प्रस्ताव है।

घटनाक्रम

प्रस्‍तावित घटनाक्रम इस प्रकार है:

  • संस्थानों के पंजीकरण के लिए पोर्टल 15.12.2018 को खोला गया।
  • भाग लेने के इच्छुक संस्थानों को 22.12.2018 से पहले पोर्टल पर पंजीकरण कराना था।
  • कॉलेजों के प्लेसमेंट सेल के साथ मिलकर एसएससी मांग की जांच और संभावित संख्या की पुष्टि 15.01.2019 तक करना था।
  • एसएससी द्वारा पुष्टि के बाद एचईआई को छात्रों के विवरण 05.02.2019 से पहले अपलोड करना था।
  • व्यवसाय/ उद्योग के आवंटन के साथ अप्रेंटिसशिप की पुष्टि 28.2.2019 तक पूरी की जानी थी।
  • छात्रों और नियोक्ताओं के बीच अनुबंध मार्च 2019 के महीने में होना है।
  • डिग्री अप्रेंटिसशिप कार्यक्रम मई 2019 से शुरू होगा।
  • चुनिंदा क्षेत्रों के एंबेडेड अप्रेंटिसशिप प्रोग्राम अगले शैक्षणिक सत्र में जुलाई-अगस्त 2019 से शुरू होंगे।
  • एनसीएस के साथ एआईएसएचई डेटाबेस को संबद्ध करना और छात्र फायदे के लिए लिंकेज का परिचालन 07.12.2018 से शुरू होगा।

 

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आरके मीणा/एएम/एसकेसी



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