صحت اور خاندانی بہبود کی وزارت

राष्‍ट्रीय कैंसर संस्‍थान, झज्‍जर एम्‍स, नई दिल्‍ली के हिस्‍से के रूप में राष्‍ट्र को समर्पित


अंतरिम बजट में घोषित एम्‍स, रिवाड़ी देश का 22वां एम्‍स होगा: जे.पी. नड्डा।

Posted On: 26 FEB 2019 6:54PM by PIB Delhi

हरियाणा में झज्‍जर स्थित राष्‍ट्रीय कैंसर संस्‍थान (एनसीआई) की स्थिति के संबंध में मीडिया के कुछ हिस्‍सों में चर्चाएं हुई हैं।  केन्‍द्रीय स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण मंत्री श्री जे.पी. नड्डा ने यह स्‍पष्‍ट किया कि इस मामले में किसी भी  प्रकार की  कोई भ्रांति नहीं होनी चाहिए।  झज्‍जर, हरियाणा स्थित राष्‍ट्रीय कैंसर संस्‍थान, जिसे हाल ही में प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी द्वारा राष्‍ट्र को समर्पित किया गया है, एम्‍स, नई दिल्‍ली का अभिन्‍न भाग है तथा कैंसर परिचर्या हेतु समर्पित एक स्‍पेशियलिटी तृतीयक स्‍वास्‍थ्‍य परिचर्या संस्‍थान है। यह एम्‍स, नई दिल्‍ली का मात्र दूसरा परिसर है। उन्‍होंने यह भी स्‍पष्‍ट किया कि झज्‍जर के लिए परिकल्पित सभी सुविधाएं यहां विकसित की जाएंगी तथा उन्‍हें कहीं अन्‍यत्र स्‍थानांतरित नहीं किया जाएगा। 2035 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया यह राष्‍ट्रीय कैंसर संस्‍थान एकल अस्‍पताल परियोजना में भारत सरकार द्वारा किया गया सबसे बड़ा निवेश है तथा प्रथम बेलचा चलाने से लेकर प्रथम मरीज भर्ती करने तक 3 वर्ष के रिकार्ड समय में  पूरा किये जाने वाली विशाल स्‍वास्‍थ्‍य परिचर्या परियोजनाओं में से एक होने के कारण इसकी खास अहमियत है। 

श्री नड्डा ने यह भी कहा कि प्रत्‍येक राज्‍य में एम्‍स स्‍थापित करने के प्रधान मंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के दृष्टिकोण के हिस्‍से के रूप में, 2019-20 के अंतरित बजट भाषण में रेवाड़ी (मनेठी गांव में) में एम्‍स स्‍थापित करने की घोषणा की गई थी,  वह देश का 22वां तथा हरियाणा में पहला एम्‍स होगा।  इस एम्‍स के लिए रेवाड़ी,  हरियाणा के मनेठी में स्‍थल को पहले ही अंतिम रूप दिया जा चुका है। देश में दूसरे एम्‍स की भांति, रेवाड़ी के लिए घोषित एम्‍स भी प्रधानमंत्री  स्‍वास्‍थ्‍य सुरक्षा योजना (पीएमएसएसवाई) के तहत स्‍थापित किया जाएगा। यह एक ग्रीन फील्‍ड परियोजना होगी जिसके लिए भारत सरकार द्वारा अलग से निधियां दी गई हैं।

प्रस्‍तावित एम्‍स का निर्माण 223 एकड़ जमीन पर 1299 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा। एम्‍स नई दिल्‍ली की तर्ज पर 750 बिस्‍तरों वाला एक अस्‍पताल, अभिघात सुविधा केन्‍द्र, प्रतिवर्ष  एमबीबीएस के 100 छात्रों के प्रवेश क्षमता का मेडिकल कॉलेज, प्रतिवर्ष 60 बीएससी (नर्सिंग)  की प्रवेश क्षमता वाला नर्सिंग कॉलेज, आवासीय परिसर, 1000 सीटों वाला एक ऑ‍डिटोरियम तथा संबद्ध सुविधाएं/सेवाएं उपलब्‍ध कराई जाएगी। अस्‍पताल में ऑपरेशन थियेटरों सहित 25 स्‍पेशियलिटी/सुपर स्‍पेशियलिटी विभाग होंगे। इसमें चिकित्‍सा की परंपरागत पद्धति में बेहतर सुविधाएं उपलब्‍ध कराने के लिए  30 बिस्‍तरों का एक आयुष विभाग भी होगा।

नए एम्स की स्थापना से हरियाणा और आस-पास के क्षेत्रों के लोगों को सुपर स्पेशियलिटी स्वास्थ्य परिचर्या उपलब्ध होगी। यह संस्थान क्षेत्र के लिए डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के एक पूल का भी सृजन करेगा जिनका उपयोग राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनेचएम) के अंतर्गत सृजित की जा रही प्राथमिक एवं द्वितीयक स्तर की संस्थाओं/केन्द्रों पर किया जा सकता है। यह क्षेत्र विशिष्ट रोगों पर अनुसंधान करेगा और ऐसे रोगों के लिए बेहतर नियंत्रण तथा उपचार प्रदान करेगा।

दूसरी ओर, झज्जर में एनसीआई में कैंसर रोकथाम, उपचार, अनुसंधान तथा शिक्षा हेतु समर्पित 710 रोगी परिचर्या बिस्तर होंगे। एनसीआई नवीनतम प्रौद्योगिकी वाले उपकरणों से सम्पन्न होगा और इसमें 25 ऑपरेशन थियेटर , 5 लिनियर एक्सीलरेटर, 4 पीआईटी स्कैनर, 3 ब्राची-थैरेपी, 2 सीटी स्कैन, 2 एम.आर.आई स्कैनर और अन्य उपकरण होंगे। एनसीआई में 15 करोड़ रु. की लागत से देश का सार्वजनिक क्षेत्र का प्रथम प्रोटोन केन्द्र भी होगा, जो देश में कैंसर के रोगियों के उपचार में  एक नया प्रतिमान होगा। भारत की पहली सार्वजनिक क्षेत्र की रोबोटिक कोर क्लीनिकल प्रयोगशाला स्थापित की गई है। यह प्रयोगशाला एक दिन में 60000 से अधिक परीक्षण कर सकती है और इसमें, दो घंटों में रिपोर्ट देने की क्षमता है। एनसीआई में सार्वजनिक अस्पतालों में नए क्षेत्रों जैसे अस्पताल संवेदनशील परिचर्या प्रणाली के उन्नत डिजिटल एकीकरण तथा पीअरलैंस रोगी रिकॉर्ड जैसे क्षेत्रों में प्रवेश किया है। एनसीआई भारत विशिष्ट कैंसरों पर ट्रांसलेशनल अनुसंधान पर भी बल देगा, जिससे कैंसर की शीघ्र पहचान हो सकेगी एवं बेहतर उपचार परिणाम प्राप्त होंगे। अमेरिका, फ्रांस, यू.के. जैसे विभिन्न देशों ने एनसीआई के साथ अनुसंधान सहयोग पर हस्ताक्षर किए हैं और उक्त सहयोग के अंतर्गत संबंधित क्षेत्रों में अनुसंधान परियोजनाएं प्रारंभ की जा चुकी हैं। कैंसर की रोकथाम तथा उपचार में भारतीय औषधि प्रणालियों की भूमिका पर अनुसंधान करने हेतु आयुष विभाग से भी सहयोग किया है।

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MV/SK


(Release ID: 1566424)
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