वित्‍त मंत्रालय

जीएसटी परिषद की 33वीं बैठक की सिफारिशें

Posted On: 24 FEB 2019 5:51PM by PIB Delhi

रियल एस्‍टेट देश के सकल घरेलू उत्‍पाद-जीडीपी के विशालतम योगदानकर्ताओं में से एक है और यह बड़ी संख्‍या में लोगों को रोजगार के अवसर मुहैया कराता है। ‘2022 तक सबके लिए आवासमें परिकल्‍पना की गई है कि प्रत्‍येक नागरिक के पास अपना मकान हो तथा शहरी क्षेत्र मलिन बस्तियों से मुक्‍त हों। इस क्षेत्र में मंदी तथा निर्माणाधीन मकानों की कम खरीद की खबरों को देखते हुए इनका समाधान किये जाने की जरूरत है। रियल एस्‍टेट क्षेत्र के आवासीय खण्‍ड को प्रोत्‍साहन देने के लिए जीएसटी परिषद ने आज आयोजित अपनी 33वीं बैठक में निम्‍नलिखित सिफारिशें की हैं : 

  1. जीएसटी दर:
    1. किफायती खण्‍ड के दायरे से बाहर वाली रिहायशी संपत्तियों पर आईटीसी के बगैर प्रभावी 5 प्रतिशत जीएसटी दर पर जीएसटी लगाया जाएगा;   
    2. किफायती खण्‍ड की रिहायशी संपत्तियों पर आईटीसी के बगैर प्रभावी 1 प्रतिशत जीएसटी दर पर जीएसटी लगाया जाएगा;   

 

  1. प्रभावी होने की तिथि : नई दरें 1 अप्रैल, 2019 से लागू हो जाएंगी।
  1. किफायती आवास को इस तरह परिभाषित किया जाएगा :-

गैर-महानगरीय शहरों/कस्‍बों में 90 वर्गमीटर तक के कारपेट एरिया वाले और महानगरीय शहरों में 60 वर्गमीटर कारपेट एरिया वाले  रिहायशी मकान/फ्लैट, जिनका मूल्‍य 45 लाख रुपये तक हो (महानगरीय और गैर-महानगरीय शहरों दोनों के लिए)

महानगरीय शहर बेंगलुरु, चेन्नई, दिल्ली एनसीआर (दिल्ली, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, गुड़गांव, फरीदाबाद तक सीमित), हैदराबाद, कोलकाता और मुंबई (संपूर्ण एमएमआर) हैं।

  1. टीडीआर/जेडीए, दीर्घकालिक पट्टा (प्रीमियम), एफएसआई पर जीएसटी छूट:

डेवलपमेंट राइट्स पर मध्‍यवर्ती कर जैसे टीडीआर, जेडीए, पट्टा (प्रीमियम), एफएसआई की छूट केवल उसी रिहायशी संपत्ति पर प्रदान की जाएगी, जिस पर जीएसटी देय है।

 

  1. इस योजना का ब्‍यौरा अधिकारियों की एक समिति द्वारा तैयार किया जाएगा और इसी खास उद्देश्‍य के लिए बुलाई जाने वाली जीएसटी परिषद की बैठक में इसे मंजूरी दी जाएगी। 
  1. सिफारिशों के लाभ:

निम्‍नलिखित फायदों को ध्‍यान में रखते हुए परिषद द्वारा नई कर दरों को सैद्धांतिक मंजूरी दी गई:-

  1. मकान के खरीदार को 1 प्रतिशत जीएसटी की आकर्षक दर पर उचित कीमत पर और किफायती आवास उपलब्‍ध होगा।
  2. क्रेता/उपभोक्‍ता के हितों की रक्षा होगी; उन्‍हें आईटीसी लाभ प्राप्‍त नहीं होना कोई मुद्दा नहीं रहेगा।
  3. डेवलपमेंट राइट्स, दीर्घकालिक पट्टा (प्रीमियम) एफएसआई आदि पर जीएसटी की छूट द्वारा इस क्षेत्र में नकदी के प्रवाह की समस्‍या का समाधान हो गया।
  4. अंत में परियोजना की लागत का रूप लेने वाले अनप्रयुक्‍त आईटीसी, को हटा दिया गया है और इससे बेहतर मूल्‍य निर्धारण हो सकेगा।
  5. कर संरचना और कर अनुपालन बिल्‍डर्स के लिए आसान हो गए हैं।
  1. जीएसटी परिषद ने यह तय किया कि लॉटरी पर कर की दर के मामले पर इस विषय पर चर्चा के लिए गठित किए गए जीओएम में और ज्‍यादा विचार-विमर्श किये जाने की आवश्‍यकता है। 

जीएसटी परिषद के फैसलों को इस नोट में सरल भाषा में प्रस्‍तुत किया गया है, ताकि उन्‍हें आसानी से समझा जा सके। इन्‍हें राजपत्रित अधिसूचनाओं/परिपत्रों के माध्‍यम से प्रभावी किया जाएगा, केवल इनके पास कानूनी शक्तियां हैं।  

 

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आर.के.मीणा/एएम/आरके/वाईबी -537

 



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