फाइनेंस कमीशन

15वें वित्‍तीय आयोग ने पंजाब के पंचायती राज संस्‍थानों के प्रतिनिधियों के साथ मुलाकात की

Posted On: 29 JAN 2019 6:17PM by PIB Delhi

श्री एन.के सिंह की अध्‍यक्षता में 15वें वित्‍त आयोग ने पंजाब की तीन दिवसीय यात्रा के दौरान अपनी पहली बैठक में विभिन्‍न पंचायती राज संस्‍थानों के 25 से अधिक प्रतिनिधियों के साथ मुलाकात की। आयोग ने प्रतिनिधियों और राज्‍य सरकार के अधिकारियों के साथ विस्‍तार से विचार-विमर्श किया।

 

तीन निधि कार्यों और पदाधिकारियों के बारे में पंजाब द्वारा उपलब्‍ध कराई गई स्थिति

 

  1.  पंजाब पचायत राज अधिनियम, 1994 पंजाब राज संस्‍थानों (पीआरआई) के लिए स्‍थानीय स्‍वयं शासन के प्रावधान हेतु एक अधिनियम है।
  2. पांचवें राज वित्‍त आयोग (एसएफसी) रिपोर्ट की सिफारिशें वर्तमान में लागू हैं। इसमें सभी राज्‍य करों की निवल प्राप्ति के 4 प्रतिशत हिस्‍से की पीआरआई के लिए सिफारिश की गई है।
  3. संविधान की 11वीं अनुसूची में परिकल्पित पंचायती राज संस्‍थानों को 29 कार्यों में से केवल 13 कार्यों को सौंपा गया है।
  4. पंचायतों के पिछले चुनाव दिसंबर 2018 में आयोजित किए गए थे।
  5. पचायती राज संस्‍थानों के प्रत्‍येक स्‍तर पर स्‍थानीय निकायों की संख्‍या इस प्रकार है-

:

पीआरआई

स्‍थानीय निकायों की संख्‍या

2011 की जनगणना के अनुसार जनसंख्‍या

ग्राम पंचायत

13215

1,73,44,192

पंचायत समिति

150

 

जिला परिषद

22

 

 

पीआरआई के राजस्‍व स्रोत – राज्‍य द्वारा उपलब्‍ध कराए गए

 

  1. पंचायतों द्वारा स्‍वयं जुटाए गए राजस्‍व लगभग नगण्‍य हैं। 2011-12 के दौरान कुल राजस्‍व 0.11 प्रतिशत रहा। यह 2015-16 के बाद शून्‍य हो गया।
  2. ग्राम पंचायतों का गैर-कर राजस्‍व जो 2011-12 में -26 प्रतिशत था, वह भी घटकर 2016-17 के दौरान -19 प्रतिशत हो गया।
  3. ग्राम पंचायतों के राजस्‍व का मुख्‍य स्रोत राज्‍य/केन्‍द्र सरकार से प्राप्‍त अनुदान है।
  4. कुल राजस्‍व हिस्‍से के रूप में पंचायत समितियों का अपना राजस्‍व, जो 2011-12 से 2016-17 के दौरान 40 से 56 प्रतिशत के मध्‍य रहा।
  5. कुल राजस्‍व में जिला परिषदों का राजस्‍व हिस्‍सा 2011-12 से 2016-17 के दौरान 1 से 4 प्रतिशत के बीच परिवर्तित रहा।
  6. कुछ जिला परिषदों ने भवनों का निर्माण किया, जिससे लीज राशि के रूप में उनके लिए कुछ राजस्‍व जुटाया जा रहा है।

प्रमुख महालेखाकार पंजाब के अुनसार पीआरआई के लेखा से संबंधित मुद्दे इस प्रकार हैं –

  1. वर्ष 2011-2 से 2017-18 तक लेखा में ऋण शेष हैं।
  2. पीआरआई के मामलों में लेखाओं में समेकन की कोई प्रक्रिया नहीं है (गांव खाते से ब्‍लॉक स्‍तर से जिला स्‍तर पर और अंत में राज्‍य स्‍तर पर)।
  3. पीआरआई के लिए मॉडल अकाउंटिंग सिस्‍टम (एमएएस) को अभी अपनाया जाना बाकी है।

14वें वित्‍त आयोग से राज्‍य को हस्‍तांतरण राशि

 

 

अनुदान

सभी राज्‍य (करोड़ रुपये)

पंजाब (करोड़ रुपये)

कुल अनदान की प्रतिशतता के रूप में पंजाब को अनुदान

मूल अनुदान

180263

3682

2.04%

कार्य प्रदर्शन अनुदान

20029

409

2.04%

 

 

पांचवें राज्‍य वित्‍त आयोग के प्रमुख अवलोकन :

  1. पांचवें राज्‍य वित्‍त आयोग ने राज्‍य की निवल आय राजस्‍व के 4 प्रतिशत  की स्‍थानीय निकायों को हस्‍तांतरित करने की सिफारिश की है।
  2.  इसने यह सिफारिश भी की है कि केवल ग्राम पंचायतों को 14वें वित्‍त आयोग की अनुदान के अलावा पीआरआई के अन्‍य दो स्‍तरों – पंचायत समितियों और जिला परिषदों को एक करोड़ रुपये वार्षिक का अनुदान दिया जाएगा।
  3. आयोग ने कार्य प्रदर्शन अनुदान की भी सिफारिश की है।
  4. पीआरआई अच्‍छी गुणवत्‍ता के आंकड़ों का संग्रह और रख-रखाव करने में समर्थ नहीं रहे, इसलिए अधिकांश पंचायतें 14वें वित्‍त आयोग द्वारा सिफारिश की गई कार्य प्रदर्शन अनुदानों के लिए हकदार नहीं रहीं।   

 

***

आर.के.मीणा/एएम/आईपीएस/वाईबी

 


(Release ID: 1561935)
Read this release in: English