पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय

पिछले चार वर्षों के दौरान भारतीय नाविकों के लिए जहाज पर काम करने के अवसरों में 42.3 प्रतिशत की अप्रत्याशित वृद्धि

Posted On: 25 JAN 2019 3:49PM by PIB Delhi

केन्द्रीय नौवहन, सड़क परिवहन व राजमार्ग तथा रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री श्री मनसुख मांडविया ने आज एक व्यक्तव्य में कहा है कि नौवहन मंत्रालय पिछले चार वर्षों से नौवहन क्षेत्र में रोजगार के अवसरों के सृजन के लिए प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रशिक्षित और सक्रिय नाविकों की संख्या 1.54 लाख है और इनमें से 4700 महिलाएं हैं। उन्होंने कहा कि 810 महिलाओं को नौवहन क्षेत्र में रोजगार प्राप्त हुआ है।

पिछले चार वर्षों के दौरान भारतीय नाविकों के लिए जहाज पर काम करने के अवसरों में 42.3 प्रतिशत की अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। पूरे विश्व में जहाजों पर काम करने वालों की संख्या 2013 में 108446 थी जो 2017 में बढ़कर 154349 हो गई है। पूरे विश्व के कुल नाविकों की संख्या का 9.3 प्रतिशत भारत में है। इस संदर्भ में भारत तीसरे स्थान पर है और यह विश्व मेरीटाइम उद्योग में नाविकों की आपूर्ति करने वाला सबसे बड़ा देश है।

नौवहन निदेशालय ने उन आवेदकों को भारतीय सीडीसी जारी करना प्रारंभ किया है, जिन्होंने जनवरी, 2018 के बाद पांच मूलभूत एसटीसीडब्ल्यू पाठ्यक्रमों को पूरा किया है। इसके पहले उन आवेदकों को भारतीय सीडीसी जारी किया जाता था जो लंबी अवधि के प्री-सी (समुद्र के पहले) पाठ्यक्रम पूरा करते थे। निदेशालय के इस पहल से नाविक अब भारतीय सीडीसी प्राप्त करना चाहते हैं जो पहले पनामा, लाइबेरिया आदि देशों के सीडीसी प्राप्त करते थे। नए प्री-सी और पोस्ट-सी संस्थान प्रारंभ करने पर लगे प्रतिबंध को हटा लिया गया है और पाठ्यक्रमों की अनुमति के लिए आवश्यक अर्हताओं में भी कमी लाई गई है। इससे समुद्री गतिविधियों से संबंधित नए संस्थान खोलने में सहायता मिली है। इन प्रयासों से वैश्विक बाजार में भारतीय नाविकों की संख्या में निश्चित रूप से वृद्धि होगी।

   

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