सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय
वित्त वर्ष 2018-19 में राष्ट्रीय आय के प्रथम अग्रिम अनुमान
चालू वित्त वर्ष में स्थिर मूल्यों पर जीडीपी वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान
Posted On:
07 JAN 2019 5:30PM by PIB Delhi
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के केन्द्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने चालू वित्त वर्ष यानी 2018-19 के लिए स्थिर मूल्यों (2011-12) और वर्तमान मूल्यों दोनों पर ही राष्ट्रीय आय के प्रथम अग्रिम अनुमान जारी कर दिए हैं। इन अनुमानों से जुड़ी मुख्य बातों का उल्लेख नीचे किया गया है:
स्थिर मूल्यों (2011-12) पर अनुमान
वर्ष 2018-19 में स्थिर (2011-12) मूल्यों पर वास्तविक जीडीपी अथवा सकल घरेलू उत्पाद के बढ़कर 139.52 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच जाने का अनुमान लगाया गया है, जबकि 31 मई 2018 को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2017-18 में यह 130.11 लाख करोड़ रुपये आंका गया था। वित्त वर्ष 2018-19 में जीडीपी वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है,जबकि वित्त वर्ष 2017-18 में जीडीपी वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत आंकी गई थी।
बुनियादी मूल्यों पर सकल मूल्य वर्द्धित (जीवीए)
वर्ष 2018-19 में बुनियादी स्थिर मूल्यों (2011-12) पर जीवीए अर्थात वास्तविक जीवीए (सकल मूल्य वर्द्धित) के बढ़कर 128.09 लाख करोड़ रुपये हो जाने का अनुमान लगाया गया है, जो वर्ष 2017-18 में 128.09 लाख करोड़ रुपये था। वर्ष 2018-19 में बुनियादी स्थिर मूल्यों (2011-12) पर वास्तविक जीवीए की वृद्धि दर 7.0 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है, जो वित्त वर्ष 2017-18 में 6.5 प्रतिशत थी।
जिन क्षेत्रों ने 7.0 फीसदी से ज्यादा की वृद्धि दर दर्ज की है उनमें ‘विद्युत, गैस, जलापूर्ति एवं अन्य उपयोगी सेवाएं’, ‘निर्माण’, ‘विनिर्माण’, ‘लोक प्रशासन, रक्षा एवं अन्य सेवाएं’ शामिल हैं। ‘व्यापार, होटल,परिवहन, संचार एवं प्रसारण से जुड़ी सेवाओं’, ‘वित्तीय,अचल संपत्ति एवं प्रोफेशनल सेवाओं’, ‘कृषि, वानिकी एवं मत्स्य पालन’ और ‘खनन एवं उत्खनन’ की वृद्धि दर क्रमश: 6.9, 6.8,3.8 और 0.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है।
‘कृषि, वानिकी एवं मत्स्य पालन’
वर्ष 2018-19 में ‘कृषि, वानिकी एवं मत्स्य पालन’ सेक्टर की ओर से बुनियादी मूल्यों पर जीवीए वृद्धि दर 3.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है, जबकि वर्ष 2017-18 में यह वृद्धि दर 3.4प्रतिशत थी। वर्ष 2018-19 के लिए प्रमुख खरीफ फसलों के उत्पादन के प्रथम अग्रिम अनुमानों और रबी फसलों की बुवाई पर आधारित लक्ष्यों का उपयोग करते हुए इस क्षेत्र के जीवीए अनुमानों का संकलन किया गया है। कृषि सहयोग एवं किसान कल्याण विभाग से प्राप्त सूचनाओं के अनुसार कृषि वर्ष 2018-19 के खरीफ सीजन के दौरान खाद्यान्न उत्पादन 141.59 मिलियन टन होने का हुआ,जबकि वर्ष 2017-18 की समान अवधि में 140.73 मिलियन टन का उत्पादन हुआ था।
खनन एवं उत्खनन
वर्ष 2018-19 में ‘खनन एवं उत्खनन’ सेक्टर की ओर से बुनियादी मूल्यों पर जीवीए की वृद्धि दर 0.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है, जबकि वर्ष 2017-18 में यह वृद्धि दर 2.9 प्रतिशत दर्ज की गई थी। खनन क्षेत्र के महत्वपूर्ण संकेतकों यथा कोयला, कच्चा तेल एवं प्राकृतिक गैस के उत्पादन में अप्रैल-नवंबर, 2018-19 में क्रमश: 9.0, (-) 3.6 प्रतिशत और (-) 0.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
विनिर्माण
वर्ष 2018-19 में ‘विनिर्माण’ सेक्टर की ओर से बुनियादी मूल्यों पर जीवीए वृद्धि दर 8.3 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है, जबकि वर्ष 2017-18 में यह वृद्धि दर 5.7 प्रतिशत थी। आईआईपी से जुड़े विनिर्माण ने अप्रैल-अक्टूबर, 2018-19 में 5.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। विनिर्मित उत्पादों के संदर्भ में थोक मूल्य सूचकांक ने अप्रैल-नवंबर, 2018-19 में 4.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की।
वर्तमान मूल्यों पर अनुमान
सकल घरेलू उत्पाद
वर्ष 2018-19 में वर्तमान मूल्यों पर जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) के बढ़कर 188.41 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच जाने का अनुमान है, जो वर्ष 2017-18 में 167.73 लाख करोड़ रुपये आंकी गई थी। यह 12.3 फीसदी की वृद्धि दर दर्शाती है।
राष्ट्रीय आय
वर्ष 2018-19 में वर्तमान मूल्यों पर राष्ट्रीय आय 167.03 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है, जबकि वर्ष 2017-18 में यह आंकड़ा 148.49 लाख करोड़ रुपये था। वृद्धि दर की दृष्टि से राष्ट्रीय आय में वर्ष 2018-19 में 12.5 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज होने का अनुमान लगाया गया है, जबकि पिछले वर्ष वृद्धि दर 10.1 प्रतिशत आंकी गई थी।
प्रति व्यक्ति आय
वित्त वर्ष 2018-19 में प्रति व्यक्ति शुद्ध राष्ट्रीय आय के 11.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाकर 1,25,397 रुपये हो जाने का अनुमान लगाया गया है, जबकि वर्ष 2017-18 में यह 8.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाकर 1,12,835 रुपये के स्तर पर पहुंच गई थी।
अपस्फीतिकारक (डिफ्लैटर) के रूप में उपयोग किए गए मूल्य सूचकांक
खाद्य पदार्थों, विनिर्मित उत्पादों, बिजली और सभी जिन्सों के संदर्भ में थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) ने अप्रैल-नवंबर, 2018-19 में क्रमश: (-) 0.9, 4.1, 6.8 और 4.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाई है। उधर, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) ने अप्रैल-नवंबर, 2018-19 में 3.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाई है।
जीडीपी के अंतिम व्यय के वार्षिक अनुमान, 2018-19
निजी अंतिम उपभोग व्यय
वित्त वर्ष 2018-19 में वर्तमान मूल्यों पर निजी अंतिम उपभोग व्यय 109.99 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है, जबकि वित्त वर्ष 2017-18 में यह 99.14 लाख करोड़ रुपये आंका गया था। वित्त वर्ष 2018-19 में स्थिर मूल्यों (2011-12) पर निजी अंतिम उपभोग व्यय 77.26 लाख करोड़ रुपये आंका गया है, जबकि वित्त वर्ष 2017-18 में यह आंकड़ा 72.59 लाख करोड़ रुपये रहा था।
वित्त वर्ष 2018-19 में राष्ट्रीय आय और व्यय से जुड़ी विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए अंग्रेजी का अनुलग्नक यहां क्लिक करें
***
आर.के.मीणा/अर्चना/आरआरएस/एसकेपी -86
(Release ID: 1559131)
Visitor Counter : 164