Posted On:
18 DEC 2018 6:47PM by PIB Delhi
वर्ष 2018 के दौरान पूर्वोत्तक्षेत्र के विकास के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
पूर्वोत्तर के लिए नीति फोरम: एनईआर के विकास पर ध्यान केंद्रित किया
· सरकार ने पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास के लिए योजना तैयार करने के लिए नीति आयोग के वाइस-चेयरमैन एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के सचिव की सह-अध्यक्षता में नीति आयोग में एक विशेष फोरम बनाने के लिए 21 फरवरी को आदेश जारी किया। यह फोरम केंद्र एवं राज्य दोनों स्तर पर विभिन्न प्रस्तावों की जांच करता है और पूर्वोत्तर क्षेत्र के तेजी से विकास के लिए येजनाएं बनाता है।
· नवगठित 'पूर्वोत्तर के लिए नीति फोरम' की पहली बैठक 10 अप्रैल को त्रिपुरा के अगरतला में हुई थी। उस बैठक का आयोजन नीति आयोग, पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय और एनईसी द्वारा किया गया। फोरम ने प्रस्ताव दिया कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में विकास परियोजनाएं प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के कथन के अनुसार 'एचआईआरए' (राजमार्ग, अंतर्देशीय जलमार्ग, रेलवे और एयरवेज) की अवधारणा पर आधारित होंगी। इस क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य एवं कौशल विकास पर भी जोर दिया जाएगा।
· गुवाहाटी में 4 दिसंबर को 'पूर्वोत्तर के लिए नीति फोरम' की एक अन्य बैठक को संबोधित करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि केंद्र की सहायता से पूर्वोत्तर बांस उद्योग पर व्यापक तरीके से ध्यान केंद्रित करेगा क्योंकि यह एक ऐसा क्षेत्र है जिस ओर प्राप्त ध्यान नहीं दिया गया है जबकि यह एक तथ्य है कि भारत का 60 प्रतिशत से अधिक बांस इसी क्षेत्र में उगाया जाता है।
राष्ट्रीय बांस मिशन
· इस साल फरवरी में केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने वार्षिक बजट में 'राष्ट्रीय बांस मिशन' की घोषणा की जिसमें इसके लिए 12,290 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि बांस मिशन का पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए विशेष महत्व है और वित्त मंत्री द्वारा की गई घोषणा से इस क्षेत्र के विकास के लिए केंद्र सरकार की निरंतर प्रतिबद्धता जाहिर होती है।
सिक्किम भारत के हवाई लिंक मानचित्र पर
· प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 24 सितंबर को सिक्किम में पाकयोंग हवाई अड्डे का उद्घाटन किया। यह हिमालयी राज्य का पहला हवाई अड्डा और देश का 100वां हवाई अड्डा है। पाकयोंग हवाई अड्डा को आम आदमी के लिए किफायती सुनिश्चित करने के लिए इस हवाई अड्डे को यूडीएएन योजना का हिस्सा बनाया गया है।
डिजिटल पूर्वोत्तर दृष्टि पत्र 2022 जारी
· केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद ने 11 अगस्त को गुवाहाटी में 'डिजिटल नॉर्थ ईस्ट विजन 2022' को जारी किया। यह दृष्टि पत्र डिजिटल प्रौद्योगिकी का फायदा उठाते हुए पूर्वोत्तर के लोगों के जीवन स्तर बदलने और जीवन यापन की सुगमता सुनिश्चित करने पर जोर देता है। इस दृष्टि पत्र के तहत आठ प्रमुख डिजिटल क्षेत्रों - डिजिटल बुनियादी ढांचा, डिजिटल सेवाएं, डिजिटल सशक्तिकरण, इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण को बढ़ावा, बीपीओ सहित आईटी एवं आईटीईएस को प्रोत्साहन, डिजिटल भुगतान, नवाचार एवं स्टार्टअप और साइबर सुरक्षा की पहचान की गई है। डिजिटल पूर्वोत्तर दृष्टि पत्र 2022 के एक हिस्से के तहत गुवाहाटी में पूर्वोत्तर के लिए एक क्लाउड हब भी स्थापित किया जाएगा। डिजिटल प्रौद्योगिकी के उपयोग में राज्य सरकार के 50 हजार कर्मचारियों के लिए क्षमता निर्माण किया जाएगा। इसके तहत पूर्वोत्तर क्षेत्र के सभी दूरदराज के गांवों को मोबाइल कनेक्टिविटी प्रदान करने का भी आश्वासन दिया गया है। इस अवसर पर बोलते हुए श्री प्रसाद ने पूर्वोत्तर राज्यों से आग्रह किया कि वे छोटे शहरों में बीपीओ को बढ़ावा दें। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर के पूर्वोत्तर के छह मेडिकल कॉलेजों में ई-क्लास रूम स्थापित किए जाएंगे। पूर्वोत्तर के लिए कई अन्य परियोजनाएं भी शुरू की गई हैं जिनमें नदी द्वीप माजुली जिले में एक बीपीओ केंद्र शामिल है।
नई ट्रेन 'अरुणाचल एक्सप्रेस'
· राष्ट्रीय राजधानी के आनंद विहार टर्मिनल और अरुणाचल प्रदेश के नाहरलागुन के बीच एक नई ट्रेन सेवा को केंद्रीय राज्य मंत्री श्री किरेन रिजिजू और श्री राजेन गोहेन ने 1 मार्च को नहरलागुन रेलवे स्टेशन से हरी झंडी दिखाई। इस नई ट्रेन को 'अरुणाचल एक्सप्रेस' नाम दिया गया है। यह नहरलागुन और आनंद विहार टर्मिनल के बीच 2,013 किलोमीटर की दूरी करीब 38 धंटे में पूरी करती है और इसके मार्ग में 14 स्टॉपेज होंगे। यह राष्ट्रीय राजधानी से अरुणाचल प्रदेश को जोड़ने वाली दूसरी और उत्तर पूर्व को राष्ट्रीय राजधानी से जोड़ने वाली 14वीं सीधी ट्रेन है। इस अवसर पर बोलते हुए श्री रिजिजू ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश में 11 रेलवे परियोजनाएं प्रगति पर हैं जो जल्द ही राज्य का चेहरा बदल देगा और इस प्रकार विकास के मोर्चे पर यह राज्य एक जबरदस्त छलांग लगाने के लिए तैयार है।
प्रधानमंत्री ने भारत के पहले राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय की आधारशिला रखी
· प्रधानमंत्री ने 16 मार्च को मणिपुर में 750 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया। उन्होंने राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय, 1,000 आंगनवाड़ी केंद्रों और कई अन्य महत्वपूर्ण विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी। इस अवसर पर बोलते हुए श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि पूर्वोत्तर के लिए केंद्र सरकार का दृष्टिकोण 'परिवहन द्वारा परिवर्तन' रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर भारत के विकास का नया इंजन हो सकता है। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर को देश के बाकी हिस्सों के साथ समान विकास में समर्थ बनाने के लिए सरकार पूर्वोत्तर की विशेष जरूरतों को पूरा कर रही है। उन्होंने याद दिलाया कि पिछले चार वर्षों में वह खुद पूर्वोत्तर का 25 से अधिक दौरा कर चुके हैं।
पूर्वोत्तर का विकास: सरकार की प्राथमिकता
· प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 03-04 फरवरी 2018 को गुवाहाटी में आयोजित एडवांटेज असम- ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2018 के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि पूर्वोत्तर केंद्र सरकार की एक्ट ईस्ट नीति के केंद्र में है।
एक्ट ईस्ट नीति के तहत आसियान देशों के साथ लोगों का लोगों से संपर्क बढ़ाने, व्यापार संबंधों एवं अन्य संबंधों को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की सभी योजनाएं लोगों के जीवन में गुणात्मक परिवर्तन लाने की दिशा में उन्मुख हैं। उन्होंने कहा कि लक्ष्य 'जीवन यापन की सुगमता' में सुधार लाना है।
· 13 जून को प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पूर्वोत्तर परिषद (एनईसी) के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में केंद्रीय गृह मंत्री के नामांकन के लिए पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। एनईसी एक वैधानिक निकाय है जिसमें पूर्वोत्तर के सभी आठ राज्यों के राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री सदस्य होते हैं। मंत्रिमंडल ने यह भी मंजूरी दी है कि पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) इस परिषद के उपाध्यक्ष के रूप में कार्य करेंगे। नई व्यवस्था के तहत एनईसी अब विभिन्न क्षेत्रीय परिषदों द्वारा नशीली दवाओं की तस्करी, हथियार एवं गोला बारूद की तस्करी, सीमा विवाद आदि अंतरराज्यीय मुद्दों पर विभिन्न क्षेत्रीय परिषदों द्वारा किए गए कार्यों को निष्पादित कर सकता है। एनईसी की पुनर्स्थापना इसे पूर्वोत्तर क्षेत्रके लिए कहीं अधिक प्रभावी संस्था बनने में मदद करेगी।
· 21 मार्च को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मार्च 2020 तक 3,000 करोड़ रुपये के वित्तीय परिव्यय के साथ पूर्वोत्तर औद्योगिक विकास योजना (एनईआईडीएस), 2017 को मंजूरी दे दी। सरकार मार्च 2020 से पहले आकलन के बाद योजना की शेष अवधि के लिए आवश्यक आवंटन करेगी। एनईआईडीएस अत्यधिक परिव्यय के साथ पहले की दो योजनाओं के तहत प्रोत्साहनों का संयोजन है। प्रोत्साहन के सभी घटकों के तहत लाभ की कुल सीमा 200 करोड़ प्रति इकाई हेागी। हाल में लागू की गई यह योजना पूर्वोत्तर राज्यों में औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देगी और इससे रोजगार एवं आय सृजन को बल मिलेगा।
· पूर्वोत्तर के 14 जिलों के लिए 'ट्रांसफॉर्मेशन ऑफ एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट्स' कार्यक्रम के तहत रोडमैप पर चर्चा के लिए 8 फरवरी को बैठक आयोजित की गई। पूर्वोत्तर क्षेत्र में अब तक शुरू किए गए प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में पूर्वोत्तर क्ष्ोत्र के लिए 5,336.18 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से व्यापक दूरसंचार विकास योजना, ब्रॉड गेज एवं राजधानी से संपर्क वाली रेल परियोजनाएं, अरुणाचल प्रदेश एवं सिक्किम में 4,754.42 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से पारेषण एवं वितरण प्रणाली के लिए व्यापक योजना (सीएसएसटी एवं डीएस), भारतमाला परियोजना, पूर्वोत्तर सड़क क्षेत्र विकास योजना (एनईआरएसडीएस) आदि शामिल हैं।
· सरकार ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में विविध बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की एक व्यापक श्रृंखला को रफ्तार दी है। सरकार ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में रेल, सड़क, वायु और अंतर्देशीय जलमार्ग कनेक्टिविटी में सुधार करने पर जोर दिया है और तमाम बिजली परियोजनाओं के साथ यह क्षेत्र अतिरिक्त बिजली उत्पादन करने के लिए तैयार है।
· सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भारतमाला परिजोजना के पहले चरण के तहत पूर्वोत्तर के लिए विशेष त्वरित सड़क विकास कार्यक्रम (एसएआरडीपी-एनई) को लागू कर रहा है। इस परियोजना की अवधि पांच साल (2017-18 से 2021-22) तक है और इसके तहत पूर्वोत्तर क्षेत्र में कुल 3,528 किमी. सड़कों में सुधार किया जाएगा।
· एनईआर के लिए औषधीय एवं सुगंधित पौधों (एमएपी) पर एक अंतर-मंत्रालयी समिति (आईएमसी) की स्थापना 22 फरवरी को की गई। यह निर्णय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय और आयुष मंत्रालय के सचिवों की बैठक के बाद लिया गया। यह अंतर-मंत्रालयी समिति केंद्र सरकार के विभिन्न कार्यक्रमों में तालमेल स्थापित करेगी ताकि औषधीय एवं सुगंधित पौधों का क्षेत्र जीवंत हो सके और पूरी क्षमता के साथ संसाधनों को विकसित किया जा सके।
· डॉ जितेंद्र सिंह ने 18 फरवरी को पूरे भारत से युवा स्टार्ट-अप को पूर्वोत्तर आने और इस क्षेत्र में मौजूद संभावनाओं के जरिये अपना भाग्य बदलने की कोशिश करने के लिए आमंत्रित किया। दिल्ली में 'स्किल इंडिया' प्रदर्शनी के दौरान प्रतिभागियों की एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि देश के अन्य भागों एवं राज्यों में आजीविका और नए उद्यमों के सभी मार्ग धीरे-धीरे समाप्त हो रहे हैं जबकि पूर्वोत्तर क्षेत्र में अपार संभावनाएं अभी भी मौजूद हैं। उन्होंने युवा उद्यमियों को पूर्वोत्तर आने के लिए प्रेरित किया।
केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने 04 जून, 2018 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की प्रमुख पहल 'मेक इन इंडिया' की तर्ज पर 'मेक इन पूर्वोत्तर' के लिए प्रेरित किया। उन्होंने सभी हितधारकों को इन आठ राज्यों में प्रत्येक को अनोखे उत्पाद के आधार पर अपनी एक विशेष पहचान बनाने में सहयोग करने के लिए प्रेरित किया।
· सरकार ने 29 मई को गुवाहाटी विश्वविद्यालय, गुवाहाटी में एक विशेष 'ब्रह्मपुत्र अध्ययन केंद्र' स्थापित करने की मंजूरी की घोषणा की। इसके लिए लगभग पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय ने करीब 28 करोड़ रुपये दिए हैं।
· राष्ट्रीय महिला आयोग में नवनियुक्त पूर्वोत्तर सदस्य श्रीमती सोसो शाइजा ने तीसरे 3 दिसंबर को केंद्रीय राज्य मंत्री श्री जितेंद्र सिंह के साथ एक बैठक में कहा कि राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) महिलाओं विशेष तौर पर युवतियों के लिए पूर्वोत्तर आजीविका कार्यक्रमों में मदद करेगा। इसके तहत कौशल विकास एवं विशेष प्रशिक्षण के जरिये उन्हें आजीविका कमाने समर्थ और एक व्यक्ति के तौर पर सशक्त बनाया जा सकता है।
· पूर्वोत्तर के लिए एक अन्य ऐतिहासिक पहल के तहत केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने 2 9 अक्टूबर को असम के जोरहाट में सीएसआईआर-नॉर्थ ईस्ट इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (एनईआईएसटी) परिसर में एक नए विज्ञान केंद्र 'टेक्नोलॉजी फैसिलिटी सेंटर' (टीएफसी) की आधारशिला रखी।
· 23 अप्रैल को डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत की 'एक्ट ईस्ट' नीति पूरे दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए महत्वपूर्ण है।
अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक संबंधों पर भारतीय अनुसंधान परिषद द्वारा 'भारत-म्यांमार व्यापार एवं संपर्क' विषय पर नई दिल्ली में आयोजित एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि म्यांमार भारत की 'एक्ट ईस्ट' नीति का एक प्रमुख स्तंभ है क्योंकि यह पूर्वोत्तर राज्यों के जरिये भारत को दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों से जोड़ता है।
पूर्वोत्तर राज्यों में पर्यटन
· पूर्वोत्तर में पर्यटन क्षेत्र को बढ़ाने के लिए पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में इस प्रकार की परियोजनाओं के लिए विशेष पैकेज और अधिक रकम आवंटित करने के लिए वित्त मंत्रालय को सिफारिश की है। केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने 11 मई 2018 को केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री केजे अल्फोन्स के साथ आयोजित एक बैठक में कहा कि पूर्वोत्तर विशेष बुनियादी ढांचा योजना (एनईएसआईडीएस) के तहत पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय इस क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जल आपूर्ति, बिजली, कनेक्टिविटी से संबंधित बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता प्रदान कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह पूर्वोत्तर क्षेत्र की राज्य सरकारों और केंद की मौजूदा योजनाओं के अतिरिक्त है। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि पूर्वोत्तर परिषद (एनईसी) की निगरानी में थीम आधारित क्षेत्रीय पर्यटन सर्किट को बढ़ावा देने के लिए काम चल रहा है।
· पूर्वोत्तर क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के तहत 19 मार्च को चार एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। इनका उद्देश्य अगले तीन वर्षों में पूर्वोत्तर आने वाले पर्यटकों की संख्या को दोगुना करना है। विकास के लिए तकनीकी आधारित उपयुक्त स्थानीय संसाधनों और सामुदायिक संसाधनों का लाभ उठाने के लिए एक अन्य एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र का विकास भारत के समग्र समावेशी विकास के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर के प्राकृतिक सौंदर्य एवं सांस्कृतिक विरासत को ध्यान में रखते हुए पर्यटन का विकास पर हमेशा से हमारी नजर रही है।
· केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने 14 अक्टूबर को कहा कि पूर्वोत्तर का पर्यटन पिछले चार वर्षों में एक नई ऊंचाई तक पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि सीधे तौर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की निगरानी में केंद्र सरकार द्वारा दिए गए विशेष जोर एवं प्रोत्साहन के कारण ऐसा संभव हुआ है। पूर्वोत्तर के दूरदराज के क्षेत्रों को कनेक्टिविटी प्रदान करने में तेजी से प्रगति के कारण यह छुट्टियां बिताने के लिए पर्यटकों के लिए एक पसंदीदा गंतव्य होगा।
· पूर्वोत्तर में पर्यटन को अधिक बढ़ावा देने के लिए 27 से 31 अक्टूबर के बीच नई दिल्ली में पूर्वोत्तर संस्कृति की विशेषताओं का चित्रण करने वाला कार्यक्रम 'एक्सपीरिएंसिंग नॉर्थ ईस्ट' का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम इंडिया इंटरनेशनल सेंटर के सहयोग से पूर्वात्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के पूर्वोत्तर परिषद (एनईसी) द्वारा आयोजित पूर्वोत्तर के गंतव्य श्रृंखला का हिस्सा था। इस उत्सव के दौरान पूर्वोत्तर भारत की जीवंत ताकत को प्रदर्शित किया गया और वहां की कला, हस्तशिल्प, हथकरघा, पर्यटन, भोजन, संस्कृति इत्यादि का भी प्रदर्शन हुआ।
अन्य उपलब्धियां
· पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय ने 31 मई को घोषणा की कि नई दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) और बैंगलोर विश्वविद्यालय में पूर्वोत्तर छात्रों के लिए छात्रावास का निर्माण पूर्वोत्तर परिषद (एनईसी) एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है। दिल्ली के रोहिणी में एक भूखंड का अधिग्रहण किया गया है जहां पूर्वोत्तर के छात्रों के लिए एक और छात्रावास का निर्माण किया जाएगा जो मुख्य रूप से दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों को सुविधा प्रदान करेगा। इसके अलावा दिल्ली के द्वारका में तीन एकड़ से अधिक भूमि भी अधिग्रहित की गई है जहां पूर्वोत्तर सम्मेलन-सह-सांस्कृतिक केंद्र का निर्माण प्रस्तावित है।
· पूर्वोत्तर परिषद के लिए योजनाओं को मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलने के बाद उस पर अमल करने के लिए एक रूपरेखा पर 3 मार्च को आयोजित एक समीक्षा बैठक में निर्णय लिया गया कि जल्दी दिल्ली में पूर्वोत्तर सांस्कृतिक एवं सूचना केंद्र स्थापित किया जाएगा। बैठक में पूर्वोत्तर की विभिन्न मौजूदा परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की गई। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि चूंकि केंद्र सरकार पूर्वोत्तर क्षेत्र को प्राथमिकता दे रही है, इसलिए यह पूर्वोत्तर भारत के लोगों के लिए एक नया उपहार होगा। उन्होंने कहा कि यह केंद्र दिल्ली में पूर्वोत्तर क्षेत्र के सांस्कृतिक सम्मेलन एवं सूचना केंद्र के रूप में कार्य करेगा।
· 'द एज ऑफ मल्टीलेटरेलिज्म एंड कनेक्टिंग इंडियाज नॉर्थ ईस्ट: अपरचुनिटीज एंड चैलेंजेज' विषय पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार 19 से 20 मार्च 2018 को मेघालय के शिलांग में पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय, इंडियन काउंसिल ऑफ वर्ल्ड अफेयर्स (आईसीडब्ल्यूए) और एशियन कॉन्फ्लूएंस के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया। इस सेमिनार को संबोधित करते हुए केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास की दिशा में मनोवैज्ञानिक पहुंच शारीरिक पहुंच के मुकाबले कहीं अधिक महत्वपूर्ण है। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार के फास्ट-ट्रैक नजरिये के कारण वायु, रेल और सड़क कनेक्टिविटी में उल्लेखनीय बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि इससे उद्यमियों की तमाम संभावित बाधाएं पहले ही दूर हो गई हैं।
· केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने 22 फरवरी को 'इन्क्लूसिव ट्राइबल कॉन्ग्रेगेशन' पर आयोहित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित किया। इस अवसर पर बोलते हुए मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का 'नए भारत' का सपना सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि के आधार पर भेद किए बिना समाज के हरेक वर्ग को विकास के लिए समान दिए जाने की अवधारणा से प्रेरित है। सरकार ने खुद अपने लिए गरीबी को सशक्त बनाने के उद्देश्य की परिकल्पना की है ताकि वे अपनी गरीबी का उन्मूलन कर सकें।
*****
आरके मीणा/एएम/एसकेसी