पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय
श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने ऊर्जा सुरक्षा कार्यक्रम ‘इंडियन स्ट्रेटेजिक पेट्रोलियम रिजर्व्स’ के दूसरे चरण के लिए रोड़ शो का शुभारंभ किया
कार्यक्रम में सरकारी–निजी-भागीदारी (पीपीपी) के अवसर
Posted On:
17 OCT 2018 6:58PM by PIB Delhi
देश की ऊर्जा सुरक्षा के लिए सरकार के महत्वपूर्ण उपायों में से एक-‘ इंडियन स्ट्रेटेजिक पेट्रोलियम रिजर्व्स’ (आईएसपीआर) का लक्ष्य सरकारी-निजी-भागीदारी के अंतर्गत कच्चे तेल के भंडारण की अतिरिक्त सुविधाओं का निर्माण करना है। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री तथा कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने आज नई दिल्ली में इस कार्यक्रम के अंतर्गत रोड़ शो का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि विश्व ऊर्जा परिदृश्य में भारत ऊर्जा का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है और विश्व में कच्चे तेल का तीसरा सबसे बड़ा आयातक भी है। भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है, जिससे भारत में अगले दो दशकों में ऊर्जा की मांग किसी भी अन्य देश के तुलना में अधिक बढ़ेगी। भारत को पेट्रोलियम ईंधन की आवश्यकता बहुत अधिक पड़ेगी। पेट्रोलियम उत्पादों की मांग में चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) 2013 से 2017 की अवधि में 5.5 प्रतिशत की दर से बढ़ी है। उन्होंने कहा कि हमारा घरेलू उत्पादन पेट्रोलियम ईंधन की सतत बढ़ती घरेलू मांग पूरी नहीं कर पाएगा और भारत को निकट भविष्य में आयात पर निर्भर रहना होगा।
मंत्री ने कहा कि पिछले एक वर्ष में हमें तेल के बढ़ते दामों से बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है। अक्तूबर 2017 से खनिज तेल के दाम अमरीकी डॉलर में 50 प्रतिशत और भारतीय रुपये में 70 प्रतिशत बढ़े हैं। उन्होंने कहा कि इसका दुष्प्रभाव कम करना होगा और इस चुनौती को एक अवसर में बदलना होगा। इसके लिए एक महत्वपूर्ण उपाय देश में पर्याप्त कार्यनीतिक भंडारण सुविधाओं का निर्माण करना है ताकि पर्याप्त मात्रा में खनिज तेल रखा जा सके।
श्री प्रधान के कहा कि भारत सरकार ने उर्जा सुरक्षा की चुनौती से निपटने के लिए इंडियन स्ट्रेटेजिक पेट्रोलियम रिजर्व्स लिमिटेड़ (आईएसपीआरएल) की स्थापना की है जो पेट्रोलियम और गैस मंत्रालय के अंतगर्त एक विशेष प्रयोजन कंपनी के रूप में काम कर रही है। पेट्रोलियम भंडारण में और सुधार लाने के लिए केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 6.5 टन के अतिरिक्त पेट्रोलियम भंडारों की स्थापना का अनुमोदन किया जिससे 12 दिन के लिए अतिरिक्त आपूर्ति हो सकेगी। उन्होंने बताया कि ये भंडार ओडिशा में चांदकीखोल और कर्नाटक में पाडुर में बनाए जाएंगे।
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सचिव डॉ. एम. एम. कुट्टी और मंत्रालय, तेल कंपनियों तथा आईएसपीआरएल के वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर मौजूद थे।
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आर.के.मीणा/अर्चना/आरएसबी/एमएम-10771
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