स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय
खाद्य अपमिश्रण के संबंध में एफ एस एस ए आई की सिफारिशें
Posted On:
24 JUL 2018 5:02PM by PIB Delhi
खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 की धारा 59 (IV) में उस व्यक्ति को जो या तो स्वयं या उसकी ओर से कोई अन्य व्यक्ति लोगों के खाने के लिए इस प्रकार की किसी खाद्य सामग्री की बिक्री अथवा भंडारण करने के लिए निर्माण करता है या उसकी बिक्री करता है या उसे वितरित करता है अथवा उसका आयात करता है जो खाने के लिए सुरक्षित नहीं है तथा जिसके खाने से मौत हो सकती है, कम से कम दस लाख रुपये के जुर्माने के साथ-साथ कम से कम सात वर्ष के कारावास, जिसे बढ़ाकर आजीवन कारावास, किया जा सकता है, की सजा का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा, खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 का संशोधन, जिसमें मौजूदा अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों में परिवर्तन किए जाने का प्रस्ताव है, काफी समय से सरकार के पास विचाराधीन है। संशोधन प्रस्तावों के मसौदे को राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों की सरकारों तथा उद्योग एसोसिएशनों के साथ उनके सुझावों, यदि कोई हों, के लिए साझा किया गया है।
खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम, 2006 की धारा 57 के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति, जो या तो स्वयं या उसकी ओर से अन्य कोई व्यक्ति बिक्री के लिए किसी मिलावटी खाद्य सामग्री का आयात करता है या उसका निर्माण करता है अथवा उसे बेचता है या वितरित करता है, निम्नलिखित के लिए उत्तरदायी होगा:-
(i) यदि ऐसी मिलावटी खाद्य सामग्री स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं है, तो उसके लिए दो लाख रुपए तक का जुर्माना ;
(ii) यदि ऐसी मिलावटी खाद्य सामग्री स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है तो उसके लिए दस लाख रुपये तक का जुर्माना ।
अपराधी के पास किसी अन्य व्यक्ति की ओर से ऐसी मिलावटी खाद्य सामग्री का होना, उसके लिए बचाव नहीं होगा।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री, श्री अश्विनी कुमार चौबे के द्वारा राज्य सभा में लिखित में उत्तर दिया गया I
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(Release ID: 1539874)