वित्‍त मंत्रालय

जून 2018 तिमाही के लिए सिडबी-ट्रांसयूनियन सिबिल की एमएसएमई पल्‍स रिपोर्ट का दूसरा संस्‍करण जारी, कुल वाणिज्यिक ऋण में पिछली पांच तिमाहियों में सर्वाधिक वृद्धि

Posted On: 20 JUN 2018 8:40PM by PIB Delhi

सूक्ष्‍म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) के संवर्धन, वित्‍त पोषण और विकास से जुड़े एक प्रमुख वित्‍तीय संस्‍थान ‘भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी)’ और ऋण सूचना प्रदाता कंपनी ‘ट्रांसयूनियन सिबिल’ आपसी सहयोग से एमएसएमई सेक्‍टर पर तिमाही रिपोर्ट ‘एमएसएमई पल्‍स’ जारी करते हैं, ताकि नीति निर्माताओं, नियामकों और उद्योग जगत को नीति के साथ-साथ कारोबारी निर्णय लेने के लिए डेटा संबंधी सटीक जानकारियां मिल सकें। इसका प्रथम संस्‍करण मार्च 2018 में जारी किया गया था।

 जून 2018 तिमाही के लिए सिडबी-ट्रांसयूनियन सिबिल की ओर से एमएसएमई पल्‍स का दूसरा संस्‍करण अब जारी किया गया है। इसके निष्‍कर्षों से पता चला है कि वार्षिक आधार पर समग्र वाणिज्यिक ऋण एक्‍सपोजर में पिछली पांच तिमाहियों में सर्वाधिक वृद्धि दर दर्ज की गई है।

उपर्युक्‍त रिपोर्ट से पता चला है कि भारत में मार्च 2018 तक बैलेंस सीट पर कुल वाणिज्यिक ऋण 54.2 लाख करोड़ रुपये के थे जिसमें सूक्ष्‍म एवं एसएमई सेगमेंट का हिस्‍सा 12.6 लाख करोड़ रुपये का था और जिसकी हिस्‍सेदारी कुल बकाया वाणिज्यिक ऋणों में ~23% की है। वैसे तो फंसे कर्जों (एनपीए) की वृद्धि दर कम हो गई है, लेकिन अभी से ही यह निष्‍कर्ष निकालना जल्‍दबाजी होगी कि एनपीए की समस्‍या जल्‍द ही खत्‍म होने के आसार नजर आ रहे हैं।

उपर्युक्‍त रिपोर्ट से यह भी पता चला है कि एमएसएमई सेगमेंट ने वस्‍तु एवं सेवा कर (जीएसटी) तथा विमुद्रीकरण  के अल्पकालिक प्रभाव को पीछे छोड़ दिया है और यह शानदार वापसी करके फि‍र से मजबूती के साथ विकास पथ पर अग्रसर हो गया है।

 

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वीके/एएम/आरआरएस/एस-9112


(Release ID: 1536089)
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