नीति आयोग

समग्र जल प्रबंधन सूचकांक पर रिपोर्ट जारी

Posted On: 14 JUN 2018 6:13PM by PIB Delhi

सहयोगी और प्रतिस्पर्धात्मक संघवाद हासिल करने के उद्देश्य से नीति आयोग विभिन्न सामाजिक क्षेत्रों में विकास संकेतकों पर जोर देता रहा है। नीति आयोग ने फरवरी, 2018 में स्वस्थ राज्य, प्रगतिशील भारतपर एक रिपोर्ट जारी की थी जिसमें विभिन्न स्वास्थ्य मानकों के आधार पर राज्यों/केंद्र प्रशासित प्रदेशों को अलग-अलग श्रेणी दी गई थी। जीवन में जल के महत्व को ध्यान में रखते हुए इस दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए नीति आयोग ने समग्र जल प्रबंधन सूचकांक (सीडब्ल्यूएमआई) पर एक रिपोर्ट तैयार की है। इस रिपोर्ट को आज केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग और पोतवहन एवं जल संसाधन मंत्री श्री नितिन गडकरी ने जारी किया। इस मौके पर नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार, नीति आयोग के सीईओ श्री अमिताभ कांत और जल संसाधन, पेयजल एवं सफाई औक ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव/वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।

   समग्र जल प्रबंधन सूचकांक जल संसाधनों के प्रभावी प्रबंधन में राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के प्रदर्शन के आकलन और उनमें सुधार लाने का एक प्रमुख साधन है। ऐसा जल संसाधन और पेयजल एवं सफाई मंत्रालयों और सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की साझेदारी के साथ जल आंकड़ा संग्रहन अभ्यास के जरिए किया जा चुका है। यह सूचकांक राज्यों और संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों को उपयोगी सूचना उपलब्ध कराएगा जिससे वे अच्छी रणनीति बना सकेंगे और जल संसाधनों के बेहतर प्रबंधन में उसे लागू कर सकेंगे। इसके साथ ही इस विषय पर एक वेब पोर्टल भी लॉन्च किया गया है।

आज जारी रिपोर्ट में गुजरात को वर्ष 2016-17 के लिए प्रथम श्रेणी में रखा गया, इसके बाद मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र का नंबर आता है। पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों में वर्ष 2016-17 के लिए त्रिपुरा को प्रथम श्रेणी दी गई, इसके बाद हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, और असम का स्थान रहा। सूचकांक में वृद्धि संबंधी बदलाव के संदर्भ में (2015-16 स्तर) सभी राज्यों में राजस्थान को प्रथम श्रेणी में रखा गया जबकि पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों में त्रिपुरा प्रथम स्थान पर रहा। नीति आयोग ने भविष्य में इसे सालाना स्तर पर प्रकाशित करने का प्रस्ताव किया है।

   समग्र जल प्रबंधन सूचकांक (सीडब्ल्यूएमआई) के बारे में

समग्र जल प्रबंधन सूचकांक को नीति आयोग ने विकसित किया है। इसमें भूजल, जल निकायों की पुनर्स्थापना, सिंचाई, खेती के तरीके, पेयजल, नीति और प्रबंधन (बॉक्स-1) के विभिन्न पहलुओं के 28 विभिन्न संकेतकों के साथ 9 विस्तृत क्षेत्र शामिल हैं। समीक्षा के उद्देश्य से राज्यों को दो विशेष समूहों- पूर्वोत्तर एवं हिमालयी राज्य और अन्य राज्य में बांटा गया।

समग्र जल प्रबंधन सूचकांक पर पूरी रिपोर्ट पढ़ने के लिए क्लिक करें -

http://pibphoto.nic.in/documents/rlink/2018/jun/p201861401.pdf

 

***

वीके/एएम/एके/सीएस-9028

 

 

 


(Release ID: 1535565)
Read this release in: English