जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय

जल संसाधन मंत्रालय ने छह राज्यों की दो प्रमुख सिंचाई और चार बाढ़ प्रबंधन परियोजनाओं को स्वीकृतिदी


तेलंगाना की कालेश्‍वरम परियोजना तथा महाराष्‍ट्र की ऊपरी प्रवरा परियोजना इनमें शामिल हैं

प्रविष्टि तिथि: 07 JUN 2018 4:58PM by PIB Delhi

        जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति ने कल नई दिल्‍ली में हुई बैठक में छह राज्यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों की दो प्रमुख सिंचाई/बहुउद्देशीय और चार बाढ़ प्रबंधन परियोजनाओं को स्वीकृति दी। इन परियोजनाओं की कुल लागत 84,748 करोड़ रुपये है।

    80190.46 करोड़ रुपये की लागत वाली तेलंगाना की कालेश्‍वरम परियोजना के अंतर्गत गोदावरी नदी के 195 टीएमसी (5522 मिलियन क्‍यूबिक मीटर) जल का मार्ग परिवर्तन किया जाएगा, जिससे तेलंगाना के 13 जिलों की कुल 18.25 लाख एकड़ भूमि की सिंचाई संभव होगी। इसके अतिरिक्‍त यह परियोजना हैदराबाद, सिकंदराबाद तथा मार्ग में स्थित गांवों को 40 टीएमसी (1133 एमसीएम) पेयजल और उद्योगों के लिए 16 टीएमसी (453 एमसीएम) जल उपलब्‍ध कराएगी।

    2232.62 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली महाराष्‍ट्र की ऊपरी प्रवरा (निलवनडे-II) परियोजना 2,12,758 एकड़ भूमि को सिंचित करेगी और 13.15 एमसीएम पेयजल उपलब्‍ध कराएगी।

     इस बैठक में बिहार की महानंदा बाढ़ प्रबंधन योजना (फेज-2), हिमाचल प्रदेश की सीरखाद परियोजना, संघ शासित प्रदेश पुद्दुचेरी का यनम बाढ़ संरक्षण कार्य तथा पश्चिम बंगाल के घाटल मास्‍टर प्‍लान (फेज-I) को भी स्‍वीकृति दी गई है। ये परियोजनाएं 13,58,000 लोगों और 4,51,750 एकड़ भूमि को बाढ़ से संरक्षण प्रदान करेंगी।

     जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय के सचिव श्री यू.पी. सिंह की अध्‍यक्षता में परामर्शदात्री समिति की कल केन्‍द्रीय जल आयोग, नई दिल्‍ली में बैठक हुई। इस बैठक में उपरोक्‍त परियोजनाओं की तकनीकी-आर्थिक संभावना-क्षमता का मूल्‍यांकन किया गया।        

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वीके/एएम/जेके/वाईबी –8853

  


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