वित्त मंत्रालय 
                
                
                
                
                
                
                    
                    
                        अगस्त, 2017 से लेकर मार्च 2018 तक की अवधि में जीएसटी के तहत 7.19 लाख करोड़ रुपये का कुल राजस्व संग्रह हुआ
                    
                    
                        
                    
                
                
                    Posted On:
                27 APR 2018 11:38AM by PIB Delhi
                
                
                
                
                
                
                 वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान अगस्त, 2017 से लेकर मार्च 2018 तक की अवधि में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत कुल मिलाकर 7.19 लाख करोड़ रुपये का राजस्व संग्रह हुआ है। इसमें 1.19 लाख करोड़ रुपये का सीजीएसटी, 1.72 लाख करोड़ रुपये का एसजीएसटी, 3.66 लाख करोड़ रुपये का आईजीएसटी (आयात मद में 1.73 लाख करोड़ रुपये सहित) और 62,021 करोड़ रुपये का उपकर या सेस (आयात पर 5702 करोड़ रुपये सहित) शामिल हैं। आठ  महीनों की इस अवधि के दौरान औसत मासिक संग्रह 89,885 करोड़ रुपये का हुआ है।
     जहां एक ओर किसी एक महीने में घरेलू आपूर्ति पर देय टैक्स का संग्रह रिटर्न प्रक्रिया के जरिए होता है और इसका संग्रह अगले महीने होता है, वहीं दूसरी ओर आयात पर आईजीएसटी और उपकर का संग्रह समान महीने में हो जाता है। अत: चालू वर्ष के दौरान घरेलू आपूर्ति पर देय जीएसटी का संग्रह अगस्त, 2017 से लेकर मार्च 2018 तक के आठ माह की अवधि में हुआ है, जबकि आयात पर देय आईजीएसटी और उपकर का संग्रह जुलाई, 2017 से लेकर मार्च 2018 तक के नौ महीने के लिए हुआ है। जुलाई 2017 के संग्रह को शामिल करने पर वित्त वर्ष 2017-18 में कुल जीएसटी संग्रह अनंतिम रूप से 7.41 लाख करोड़ रुपये आंका गया है।
 
राज्यों का राजस्व           
   आईजीएसटी के निपटान सहित वर्ष के दौरान एसजीएसटी संग्रह 2.91 लाख करोड़ रुपये का रहा है और पिछले वित्त वर्ष के दौरान आठ माह की अवधि के लिए राज्यों को जारी कुल मुआवजा 41,147 करोड़ रुपये रहा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि राज्यों के राजस्व को वर्ष 2015-16 में आधार वर्ष के कर संग्रह की तुलना में 14 प्रतिशत के स्तर पर संरक्षित रखा जा सके। प्रत्येक राज्य का राजस्व अंतर पिछले आठ महीनों से निरंतर घट रहा है। पिछले वर्ष सभी राज्यों का औसत राजस्व अंतर लगभग 17 प्रतिशत रहा।
 
वर्ष के दौरान रिटर्न दाखिल करना
      वर्ष के दौरान अनुपालन स्तर में निरंतर सुधार देखने को मिला है। निम्नलिखित तालिका नियत तिथि तक दाखिल किए गए रिटर्न के प्रतिशत और अनुपालन के संचयी स्तर को दर्शाती है।
 
	
		
			| 
			 रिटर्न अवधि 
			 | 
			
			 दाखिल करने के लिए आवश्यक 
			 | 
			
			 नियत तिथि तक 
			 | 
			
			 संचयी 
			 | 
		
		
			| 
			 रिटर्न 
			 | 
			
			 % 
			 | 
			
			 रिटर्न 
			 | 
			
			 % 
			 | 
		
		
			| 
			 जुलाई '17 
			 | 
			
			 6647581 
			 | 
			
			 3834877 
			 | 
			
			 57.69% 
			 | 
			
			 6388549 
			 | 
			
			 96.10% 
			 | 
		
		
			| 
			 अगस्त  '17 
			 | 
			
			 7370102 
			 | 
			
			 2725183 
			 | 
			
			 36.98% 
			 | 
			
			 6851732 
			 | 
			
			 92.97% 
			 | 
		
		
			| 
			 सितंबर '17 
			 | 
			
			 7823806 
			 | 
			
			 3934256 
			 | 
			
			 50.29% 
			 | 
			
			 7109143 
			 | 
			
			 90.87% 
			 | 
		
		
			| 
			 अक्टूबर  '17 
			 | 
			
			 7721075 
			 | 
			
			 4368711 
			 | 
			
			 56.58% 
			 | 
			
			 6777440 
			 | 
			
			 87.78% 
			 | 
		
		
			| 
			 नवम्बर   '17 
			 | 
			
			 7957204 
			 | 
			
			 4913065 
			 | 
			
			 61.74% 
			 | 
			
			 6765603 
			 | 
			
			 85.02% 
			 | 
		
		
			| 
			 दिसंबर  '17 
			 | 
			
			 8122425 
			 | 
			
			 5426278 
			 | 
			
			 66.81% 
			 | 
			
			 6747887 
			 | 
			
			 83.08% 
			 | 
		
		
			| 
			 जनवरी  '18 
			 | 
			
			 8322611 
			 | 
			
			 5394018 
			 | 
			
			 64.81% 
			 | 
			
			 6694387 
			 | 
			
			 80.44% 
			 | 
		
		
			| 
			 फरवरी  '18 
			 | 
			
			 8527127 
			 | 
			
			 5451004 
			 | 
			
			 63.93% 
			 | 
			
			 6562362 
			 | 
			
			 76.96% 
			 | 
		
		
			| 
			 मार्च  '18 
			 | 
			
			 8715163 
			 | 
			
			 5458728 
			 | 
			
			 62.63% 
			 | 
			
			 5630683 
			 | 
			
			 64.61% 
			 | 
		
	
 
  जैसा कि देखा जा सकता है कि नियत तिथि तक अनुपालन स्तर में निरंतर वृद्धि दर्ज की गई है और वित्त वर्ष के आखिर तक यह बढ़कर औसतन 65 प्रतिशत हो गया है, जबकि आरंभिक महीनों के दौरान यह लगभग 55-57 प्रतिशत था। आरंभिक महीनों के लिए संचयी अनुपालन स्तर (अब तक दाखिल रिटर्न का प्रतिशत) बढ़कर 90 प्रतिशत का आंकड़ा पार कर गया है और जुलाई 2018 के लिए यह बढ़कर 96 प्रतिशत के स्तर को छू गया है।
     अब तक अनुपालन स्तर में राज्यवार भिन्नता देखी गई है। हालांकि, विलंब से दाखिल किए गए रिटर्न को शामिल करने पर यह प्रतीत होता है कि राज्यवार अनुपालन स्तर एक विशेष अवधि के दौरान आपस में अभिमुख हो जाते हैं।       
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वीके/एएम/आरआरएस/वाईबी –8337
                
                
                
                
                
                (Release ID: 1530574)
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