कोयला मंत्रालय

केंद्रीय रेल एवं कोयला मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कोयला खदानों की सुरक्षा पर स्थायी समिति की 42 वीं बैठक की अध्यक्षता की


कोयला खदानों के कामगारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने; कोयला खदानों में काम करने वाले श्रमिकों की स्वास्थ्य सेवाओं एवं न्यूनतम वेतन के प्रावधानों को सर्वाधिक प्राथमिकता दी जाएगीः श्री पीयूष गोयल

Posted On: 26 FEB 2018 2:22PM by PIB Delhi

केंद्रीय रेल एवं कोयला मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज नई दिल्ली में कोयला खदानों में सुरक्षा पर बनी स्थायी समिति की 42 वीं बैठक की अध्यक्षता की। श्री गोयल ने इस बात पर ज़ोर दिया कि कोयला खदानों के कामगारों की सुरक्षा को सुनिश्चित करना सबसे महत्वपूर्ण है। मंत्री महोदय ने कहा, “कार्यस्थल पर सुरक्षा सुनिश्चित करना, कोयला खदानों में कार्यरत श्रमिकों को स्वास्थ्य संबंधी उचित सुविधाएं देना एवं, विशेषकर भविष्य में हमारे प्रचालनों के यंत्रीकरण को ध्यान में रखते हुए, हमारी सभी खदानों में सुरक्षा की संस्कृति लाने के लिये कामगारों को न्यूनतम वेतन सुनिश्चित कराने को उचित प्राथमिकता देनी होगी।” मंत्री महोदय ने यह भी कहा कि आने वाली निविदा प्रक्रियाओं के दौरान सुरक्षा के मापदंड़ों, स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं एवं न्यूनतम वेतन के प्रावधान को ध्‍यान में रखा जाना चाहिए।

 

    श्री गोयल ने कोयला उद्योग में सुरक्षा की स्थिति को बेहतर बनाने के लिये शामिल हिस्सेदारों से अपने विचार साझा करने का आह्वान किया। आज की बैठक में सचिव (कोयला) श्री सुशील कुमार, अतिरिक्त सचिव (कोयला) श्री सुरेश कुमार, सीआईएल अध्यक्ष श्री गोपाल सिंह, खनन सुरक्षा के उपमहानिदेशक श्री बीपी सिंह, एवं श्रमिक संगठनों के नेता डॉक्टर बी के राय (बीएमएस),  श्री सुरेंद्र पाण्डे (बीएमएस), श्री नाथू लाल पाण्डे (एचएमएस), श्री सी जे जोज़फ (एआईटीयूसी), श्री मानस मुखर्जी (सीटू), श्री वी पी सिंह (सीएमओएआई) एवं डॉक्टर वी पी सिन्हा (आईएमएमए) मौजूद थे। इस बैठक में सीआईएल की सहयोगी कम्पनियों के मुख्य प्रबंध निदेशक, निदेशक (तकनीक), एससीसीएल, निदेशक (तकनीक), एनएलसीआईएल, निदेशक (तकनीक), सीआईएल, निदेशक (पी एवं आईआर), सीआईएल एवं निजी कोयला कम्पनियों के प्रतिनिधि भी मौजूद थे ।

     श्री अनिद्य सिन्हा, परियोजना सलाहकार, एमओसी ने सुरक्षा संबंधी आयामों; बताई गई अवधि में कोयला कम्पनियों द्वारा खदानों की सुरक्षा एवं “शून्य दुर्घटना” स्थिति की प्राप्ति हेतु लिये गए एक्शन एवं हुए परिवर्तन पर एक प्रस्तुतिकरण भी दिया। यह बताया गया कि सुरक्षा की स्थिति में सार्थक सुधार हुआ है क्योंकि कोयले के उत्पादन में काफी बढ़ोतरी होने के बावजूद मौतों की संख्या में बड़ी कमी आई है । कोयला/लिग्नाइट कम्पनियों द्वारा सुरक्षा मानकों में सुधार के लिये शुरू की गई शोध एवं विकास गतिविधियों पर भी चर्चा हुई ।

    बैठक के दौरान चर्चा में आए विषयों में- खदान में काम करने वाले श्रमिकों की आवश्यकता के लिये अस्पतालों एवं दवाख़ानों का आधुनिकीकरण; खदानकर्मियों को मिलने वाली विभिन्न चिकित्सा सुविधाओं एवं इससे संबंधित विषयों की स्थिति बताने के लिये वेब-पोर्टल की स्थापना; संबंधित विभागीय अधिकारी द्वारा सांविधिक स्टाफ की रिक्तियों का भरा जाना; सभी अंडरग्राउण्ड खदानों में जहां भी सुसंगत हो मैन-राइडिंग सिस्टम का अधिष्ठापन; कोयला कम्पनियों में परत नियंत्रण विभाग को सुदृढ़ बनाना; अंडरग्राउण्ड खदान में उपयोग के लिये कैप पर लगने वाले लैम्प हेतु कम वज़न वाली बैटरियों का प्रावधान; धमाका रहितखदान प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल; ठेके पर लगे श्रमिकों के प्रशिक्षण के साथ साथ बचाव संबंधी नियम में संशोधन कर खुली खदानों को भी जोड़ा जाना इत्यादि शामिल हैं ।

    मंत्री महोदय श्री गोयल ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने की सलाह भी दी कि कोयला खदानों में होने वाली दुर्घटनाओं के शिकार लोगों के आश्रितों को शीघ्र अपना दावा दायर करने के लिये आवश्यक मदद मुहैया कराई जाए। मंत्री महोदय ने ज़ोर देकर कहा कि प्रबंधन को करुणापूर्वक एवं तीव्रता से उन दावों का संवितरण करना चाहिये। यह नोट किया गया कि राजमहल दुर्घटना के बाद दिनांक 03.01.17 को हुई आपातकालीन बैठक में सभी कोयला खदानों में सुरक्षा मानदण्डों की करीबी निगरानी के चर्चा में आए तौर-तरीक़े अन्य कम्पनियों के लिये अनुसरण करने योग्य हैं ।

   तदनुसार कोयला खदानों में सुरक्षा पर बनी स्थायी समिति की नियमित बैठकों में यह निर्धारित किया गया कि वर्ष में दो बार समिति की बैठकों की तिथियां समयपूर्व तय कर दी जाएं । खदानों में सुरक्षा के स्तर को सुधारने के लिये सुरक्षा पर बनी स्थायी समिति कोयला क्षेत्र के लिये एक अत्यंत महत्वपूर्ण मंच है ।

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वीएल/एएम/एबी/वाईबी- 6847


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