रेल मंत्रालय

भारतीय रेलवे ने सेवाओं के लिए ठेके की सामान्‍य शर्तें अपनाई


नई व्‍यवस्‍था में बोलीकर्ताओं के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया आसान होगी, प्रतिस्‍पर्धा बढ़ेगी और रेलवे का खर्च कम होगा : पीयूष गोयल

Posted On: 05 FEB 2018 11:55AM by PIB Delhi

 भारतीय रेलवे ने पहली बार एक अन्‍य महत्‍वपूर्ण कदम उठाते हुए, हाउस कीपिंग, सुविधाओं के प्रबंधन, परामर्श आदि जैसे गैर परिचालन क्षेत्रों के सेवा ठेकों में शामिल ठेकेदारों के लिए नियम और शर्तों को परिभाषित करने के उद्देश्‍य से सेवाओं के लिए ठेके की नई सामान्‍य शर्तें शुरू की हैं। केन्‍द्रीय रेलवे और कोयला मंत्री श्री पीयूष गोयल के नेतृत्‍व में रेल मंत्रालय व्‍यवस्‍था में पारदर्शिता और जवाबदेही स्‍थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि इसे अधिक प्रभावी और लोगों के लिए लाभकारी बनाया जा सके।

      सेवाओं के लिए ठेके की सामान्‍य शर्तों की नई नीति में पहली बार डिजिटल श्रम प्रबंध प्रणाली की संकल्‍पनाओं, सुरक्षा जमा के स्‍थान में प्रदर्शन गारंटी में तेजी लाने, चयन मानदंड के रूप में नकदी तक पहुंच और विशेष प्रावधान उल्‍लंघन जिनके कारण बोलीकर्ताओं को अयोग्‍य ठहरा दिया जाता है, को पहली बार शुरू किया गया है। नई व्‍यवस्‍था की जानकारी देते हुए श्री गोयल ने कहा ‘ठेके की नई व्‍यवस्‍था से बोलीकर्ताओं के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया आसान होगी, प्रतिस्‍पर्धा बढ़ेगी और रेलवे का खर्च कम करने में मदद मिलेगी।

     हाल ही में रेलवे ने हाउस कीपिंग के लिए स्‍टैंडर्ड बिड डॉक्‍यूमेंट (एसबीडी) जारी किया था। एसबीडी को तैयार करने के दौरान कार्य और सेवाओं की विविध प्रकृति, और कार्यों के लिए जीसीसी का इस्‍तेमाल करते हुए सेवा ठेकों के प्रबंधन में समस्‍या को देखते हुए एक सरल, परिणमोन्‍मुख जीसीसी की जरूरत महसूस की गई, जो ठेका प्रबंधन में सुधार के लिए सेवाओं की आवश्‍यकता पूरी कर सके, सेवाएं प्रदान कर सके और सरकारी मुकदमेबाजी को कम कर सके।

     डिजिटल प्रबंधन श्रम प्रणाली में ठेकेदार के लिए यह अनिवार्य कर दिया गया है कि वह सभी कर्मचारियों की उपस्थिति और वेतन संबंधी विस्‍तृत आंकड़े सहित उनके बारे में आधारभूत आंकड़े रखे। इसमें कहा गया है कि किसी सेवा के लिए बोली लगाने वाले ठेकेदार को उस स्थिति में अयोग्‍य घोषित कर दिया जाएगा, यदि श्रम कानूनों का उल्‍लंघन करने पर पिछले दो वर्षों में उस पर तीन बार से ज्‍यादा जुर्माना लगाया गया हो।

     श्रम कानूनों के अलावा पिछले ठेके में कार्य निष्‍पादन नहीं करने पर भी बोलीकर्ता को भविष्‍य में अयोग्‍य ठहराया जा सकता है। इससे बेहतर प्रदर्शन की उम्‍मीद है।

     सेवाओं की गुणवत्‍ता और सेवा ठेका प्रबंधन में सुधार को ध्‍यान में रखते हुए सेवा ठेकों के सरलीकरण और सुधार के साथ रेलवे बोर्ड के कार्यकारी निदेशकों की एक समिति का गठन किया गया है। संबद्ध निदेशकों और रेलवे बोर्ड की मंजूरी के बाद समिति की सिफारिशों को 2.01.2018 को सेवाओं के ठेके की सामान्‍य शर्तों के रूप में स्‍वीकार कर लिया गया। नया जीसीसी रेलवे बोर्ड के विस्‍तृत विचार-विमर्श, अत्‍यंत विस्‍तृत जानकारी और बहुमूल्‍य योगदान का परिणाम है।

    रेलवे को उम्‍मीद है कि एसबीडी और जीसीसी के लागू होने तथा क्षेत्र संगठन को अधिक अधिकार प्रदान किए जाने के बाद सेवा ठेकों खासतौर से हाउस कीपिंग में सुधार होगा। 

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वीके/एएम/एसकेजे/एनके– 6542


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