राष्ट्रपति सचिवालय
राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने आर्थिक लोकतंत्र कॉन्कलेव का उद्घाटन किया
प्रविष्टि तिथि:
14 JAN 2018 4:41PM by PIB Delhi
राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद ने आज महाराष्ट्र के ठाणे में रामभाऊ म्हाल्गी प्रबोधिनी द्वारा आयोजित आर्थिक लोकतंत्र कॉन्कलेव का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर अपने संबोधन में राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद ने कहा कि उद्यमिता के माध्यम से आर्थिक लोकतंत्र को मजबूत बनाना देश और समाज के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने 35 वर्षों से लोकतंत्र के राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक परिमाप में योगदान के लिए प्रबोधिनी दल की प्रशंसा की।
श्री कोविंद ने कहा कि आर्थिक और सामाजिक लोकतंत्र की अनुपस्थिति में राजनीतिक लोकतंत्र मजबूत नहीं हो सकता। पिछड़े वर्गों की आर्थिक स्थिति में सुधार अनिवार्य है। देश में ‘सबका साथ, सबका विकास’ और ‘सबका सम्मान, सबका उत्थान’ के लक्ष्य के साथ बहुत से कदम उठाए गए हैं। इनका लक्ष्य आर्थिक और सामाजिक लोकतंत्र की मजबूती है। इन योजनाओं के पीछे अवधारणा है कि यदि कोई वास्तव किसी की सहायता करना चाहता है तो उसे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाया जाना चाहिए।
राष्ट्रपति श्री कोविंद ने कहा कि देश में उद्यम संस्कृति को बढ़ावा देना केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है। परिवार, शिक्षण संस्थान, निजी क्षेत्र बैंक और उद्यमी एनजीओ इत्यादि सभी की यह जिम्मेदारी है कि ऐसा माहौल पैदा करें, जहां निजी उपक्रमों को बढ़ावा मिले। हमें साथ मिलकर ऐसी संस्कृति बनानी चाहिए, जिसमें स्व-रोजगार को चुनने की वजह केवल नौकरी का न मिलना हो। ‘नौकरी जिज्ञासु’ की बजाय ‘नौकरी देने वाला’ के विचार को बढ़ावा मिलना चाहिए।
इसके बाद राष्ट्रपति श्री कोविंद ने मुंबई में ग्लोबल विपासना पैगोडा का दौरा किया। इस अवसर पर अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि आज के संसार में बुद्ध की शिक्षा का प्रसार बहुत महत्वपूर्ण हो गया है और लोगों तक उनके संदेश पहुंचाने के लिए विपासना एक पद्धति है।
इस अवसर पर राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने विभिन्न सामाजिक कल्याण कार्यों के लिए ग्लोबल विपासना स्थापना को बधाई भी दी।
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वीके/एएम/पीकेए/एमएस-6307
(रिलीज़ आईडी: 1516705)
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