वस्‍त्र मंत्रालय

वर्ष 2017 में कपड़ा मंत्रालय की उपलब्धियां

Posted On: 05 JAN 2018 7:34PM by PIB Delhi

वर्षांत समीक्षा : कपड़ा मंत्रालय

  1. पहला मेगा अंतर्राष्‍ट्रीय व्‍यापार कार्यक्रम-टेक्‍सटाइल्‍स इंडिया 2017

देश के कपड़ा और हस्‍तशिल्‍प उद्योग की असाधारण क्षमता और फैलाव को प्रदर्शित करने के लिये 30 जून से 02 जुलाई 2017 तक गांधीनगर, गुजरात में कपड़ा क्षेत्र के लिए अब तक का सबसे बड़ा अंतर्राष्‍ट्रीय व्‍यापार कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में 100 से अधिक देशों के प्रतिभागियों ने हिस्‍सा लिया और लगभग 3,50,000 लाख रुपये का कारोबार हुआ। कार्यक्रम के दौरान 11,000 करोड़ रुपये से भी अधिक मूल्‍य के कुल 65 समझौता ज्ञापन (एमओयू) किए गए। इस कार्यक्रम से भारतीय कपड़ा कम्‍पनियों की वैश्विक मंच पर साख बनने के साथ ही कपड़ा क्षेत्र में और निवेश के लिए नई ऊर्जा मिली।

तीन दिवसीय टेक्‍सटाइल्‍स इंडिया -2017 की मेगा प्रदर्शनी में परम्‍परागत भारतीय कपड़े की समृद्धता प्रदर्शित करने के साथ ही कई कार्यक्रम भी आयोजित किए गए थे। इनमें कोरिया, बंग्‍लादेश, रूस और आसियान देशों के राष्‍ट्र सत्र और आंध्र प्रदेश, महाराष्‍ट्र, असम, गुजरात, तेलंगाना और कर्नाटक के राज्‍य सत्र शामिल थे। विभिन्‍न विषयों पर 6 प्रमुख सम्‍मेलन और 27 बैठकें भी हुई।

टेक्‍सटाइल्‍स इंडिया-2017 के दौरान सम्‍मेलनों और बैठकों की सिफारिशों को प्रभावी बनाने के लिए निम्‍नलिखित संस्‍थागत व्‍यवस्‍था की गई:

  1.  शिक्षाविदों, कृषक समुदाय और प्राकृतिक रेशे की उत्‍पादकता तथा उसके उप उत्‍पादों के विविधिकरण के उद्योग के बीच ज्ञान साझा करने के लिए ज्ञान नेटवर्क प्रबन्‍धन प्रणाली (केएनएमएस) लागू करने की निगरानी के लिए एक अंतर मंत्रिमंडलीय स्‍थायी समिति का गठन।
  2. देश में मानव निर्मित रेशे (एमएमएफ) उद्योग के विकास और प्रतिस्‍पर्धात्‍मकता बढ़ाने के लिए नीति तैयार करने के वास्‍ते अंतर मंत्रिमंडलीय सहक्रिय समूह का गठन।
  3. कपड़ा क्षेत्र के विकास के लिए टेक्‍सटाइल्‍स इंडिया-2017 के विभिन्‍न परिणामों के अनुरूप कार्यवाही करने के लिए कार्यबल का गठन।

2.   बिजली करघा (पावरलूम) क्षेत्र

44 लाख कर्मियों/बुनकरों की सहायता के लिए 1 अप्रैल 2017 को 487 करोड़ रुपये की लागत से 3 वर्ष के लिए ‘पावर टेक्‍स इंडिया’ का शुभारंभ किया गया। इस योजना में करघे का उन्‍नयन, बुनियादी ढांचा तैयार करना, रियायती दरों पर ऋण संबंधी उपाय शामिल हैं। इसमें 1,000 करोड़ रुपये का निवेश और 10,000 लोगों के लिए रोजगार पैदा करने की क्षमता है जिसके परिणाम स्‍वरूप पावरलूम इकाईयों को अधिक लाभ मिलेगा।

साथी: लघु और मध्‍यम पावरलूम इकाईयों को बगैर अग्रिम मूल्‍य के ऊर्जा अनुकूल पावरलूम, मोटर और मरम्‍मत किट प्रदान करने के लिए कपड़ा और बिजली मंत्रालयों द्वारा संयुक्‍त रूप से साथी (लघु उद्योग की सहायता के लिए स्‍थायी और तेजी से प्रगति करने वाली सक्षम कपड़ा प्रौद्योगिकी अपनाना) का शुभारंभ किया। ऊर्जा दक्षता सेवा लिमिटेड (ईईएसएल) ये उपकरण खरीद कर कर्मियों को बिना अग्रिम मूल्‍य के प्रदान करेगा और कर्मी 4 से 5 वर्ष की अवधि में ईईएसएल को किश्‍तों में इसका भुगतान करेंगे। इस पहल से देश के 24.86 लाख पावरलूम इकाईयों की मदद होगी।

मुम्‍बई में कपड़ा आयुक्‍त कार्यालय में पावरलूम बुनकरों की सुविधा के लिए 1-4-2017 से टोल फ्री हेल्‍पलाइन नम्‍बर 1800220017 शुरू किया गया है। एक समर्पित वेबसाइट www.ipowertexindia.gov.in भी तैयार की गई है। इस वेबसाइट के जरिये पावरलूम कर्मी टेक्‍स इंडिया के तहत आने वाली विभिन्‍न योजनाओं के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करने से लेकर सब्सिडी आवंटित करने तक की सभी प्रक्रियाएं ऑनलाइन कर दी गई हैं, ताकि पावरलूम इकाईयां प्रभावी, पारदर्शी और असीमित तरीके से इस सुविधा का लाभ उठा सकें।

लाभार्थी एंड्राएड मोबाइल एप आई पावर टेक्‍स के जरिये अपने आवेदन की स्थिति पर भी नजर रख सकते हैं। ऑनलाइन पोर्टल और मोबाइल एप 01 दिसम्‍बर 2017 से वैकल्पिक आधार पर कार्य कर रहे हैं। 01 जनवरी 2018 से ऑनलाइन आवेदन करना अनिवार्य कर दिया जायेगा।

कपड़ा मंत्रालय ने पावरलूम बुनकरों के लिये मई 2017 से 18 से 50 वर्ष की आयु वर्ग के लिये प्रधानमंत्री जीवन ज्‍योति बीमा योजना (पीएमजेजेवाई) और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) तथा 51 से 59 वर्ष की आयु वर्ग के लिये  आम आदमी बीमा योजना (एएबीवाई) को मिलाकर नयी सम्मिलित समूह बीमा योजना शुरू की है। इसके तहत नवंबर 2017 तक 72,378 पावरलूम बुनकर नामांकित/बीमित किये गये हैं।

3. हथकरघा और हस्‍तकला क्षेत्र:  

माननीय प्रधानमंत्री द्वारा 22 सितंबर, 2017 को वाराणसी में पहला अत्याधुनिक व्यापार केंद्र और कला संग्रहालय दीनदयाल हस्तकला संकुल जनता को समर्पित किया गया। 7.5 एकड़ भूमि पर बने इस केंद्र से बुनकरों और कारीगरों के लिये विश्वस्तरीय विपणन सुविधाएं उपलब्‍ध होने के साथ ही वाराणसी की पर्यटन क्षमता भी बढ़ेगी।

इंडिया हैंडमेड बाजार, कारीगरों और बुनकरों को सीधे बाजार तक पहुंच की सुविधा प्रदान करने के लिये 29 जनवरी 2017 को इस ऑनलाइन पोर्टल का शुभारम्‍भ किया गया। इस पोर्टल पर बुनकर और कारीगर अपने उत्‍पादों की जानकारी डाल सकते हैं, जिससे ग्राहकों/निर्यातकों उनके बारे में आसानी से समझ सके। बुनकर और कारीगर अपने पंजीकृत मोबाइल नम्‍बर के जरिए पोर्टल तक पहुंच सकते हैं।

बुनकरों की मुद्रा योजना, हथकरघा बुनकरों को रियायती ऋण उपलब्‍ध कराने की यह योजना पिछले वर्ष शुरू की गई थी। इस योजना से अब तक 28 हजार बुनकरों ने लाभ उठाया है और 138 करोड़ रुपए का कर्ज आबंटित किया गया है। हस्‍तशिल्पियों के लिए भी इसी प्रकार की योजना शुरू की गई जिसके तहत 2173 कारीगरों के 11.5 करोड़ रुपए का ऋण दिया गया।

हस्‍तकला सहयोग शिविर:  हस्‍तकला सहयोग शिविर के जरिए बुनकरों और कारीगरों के लिए पहली बार बड़े पैमाने पर आउटरीच कार्यक्रम आयोजित किया गया था। 7 से 17 अक्‍तूबर, 2017 तक देश के 247 जिलों में ऐसे 394 शिविर आयोजित किए गए। इन शिविरों में लगभग 94000 बुनकरों और शिल्पियों ने भाग लिया तथा इनमें कई केन्‍द्रीय मंत्री, राज्‍यमंत्री, सांसद और विधायक भी शामिल हुए। इन शिविरों में बुनकरों और कारीगरों को मुद्रा ऋण, करघों की आपूर्ति, उपकरण और किट, पहचान पत्र, सूत की पासबुक और एनआईओएस तथा इग्‍नू के जरिए औपचारिक शिक्षा के लिए उनके बच्‍चों का नामांकन कराने जैसी सहायता प्रदान की गई।

मेसर्स सीएससीई गवर्नेंस सर्विसिज़ इंडिया लिमिटेड के साथ एमओयू: कपड़ा मंत्रालय ने बुनकर सेवा केन्‍द्रों और हथकरघा समूहों में सामान्‍य सेवा केन्‍द्र (सीएससी) स्‍थापित करने के लिए 7 अगस्‍त, 2017 को एक एमओयू पर हस्‍ताक्षर किए। इन सीएससी के जरिए बुनकरों को स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल, वित्‍तीय और शैक्षिक सेवाएं, आवश्‍यक जनसुविधा सेवाएं, समाज कल्‍याण सेवाएं और प्रदर्शनी तथा विपणन में सहायता उपलब्‍ध कराई जाएगी।

वित्‍तीय निगमों के साथ एमओयू: 14 चिन्हित समूहों में अन्‍य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) अनुसूचित जाति (एससी) के कारीगरों और बुनकरों के लिए भारत सरकार की योजनाएं लागू करने के वास्‍ते राष्‍ट्रीय पिछड़ा वर्ग वित्‍त विकास निगम (एनबीसीएफडीसी) और राष्‍ट्रीय अनुसूचित जाति वित्‍त विकास निगम (एनएसएफडीसी) के साथ एमओयू पर हस्‍ताक्षर किए गए।  

हथकरघा बुनकरों के बच्‍चों के लिए शैक्षिक सुविधाएं: बुनकरों को विशिष्‍ट शैक्षिणिक सेवा प्रदान करने के लिए इग्‍नू और एनआईओएस के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर किए गए। कपड़ा मंत्रालय अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, गरीबी रेखा के नीचे और महिला बुनकरों के परिवारों के मामले में शैक्षिक शुल्‍क का 75 प्रतिशत देगा।   

कमला देवी चट्टोपाध्‍याय राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार : 8 मार्च, 2017 को अंतरराष्‍ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महिला बुनकरों के लिए शुरू किया गया।

पुश्‍तैनी हुनर विकास योजना : पारंपरिक कालीन बुनने वाले परिवारों के बुनकरों को तकनीकी और कौशल प्रशिक्षण देने के लिए बदोही के कालीन प्रौद्योगिकी संस्‍थान में शुरू की गई। हथकरघा बुनकरों के लिए बुनकर मित्र हेल्‍पलाइन की तर्ज पर 5 मई, 2017 को कारीगरों के लिए भी एक समर्पित हेल्‍पलाइन (हेल्‍पलाइन न. 1800 208 4800) शुरू की गई। इस हेल्‍पलाइन पर 7 भाषाओं- हिंदी, अंग्रेजी, कन्‍नड़, असमी, बांगला, तमिल और तेलगू भाषा में 24 घंटे सातों दिन सेवा उपलब्‍ध है।

8.92 लाख कारीगरों को पहचान पत्र मिले हैं जिसके जरिए वे अपनी पात्रता के लाभ आसानी से उठा सकते हैं। 14 अप्रैल, 2017 को भारत रत्‍न डॉ. बी आर अम्‍बेडकर की जन्‍म शताब्‍दी के अवसर पर नई दिल्‍ली में अनुसूचित जाति के कारीगरों और बुनकरों का सम्‍मेलन आयोजित किया गया था।

-वाणिज्‍य: हथकरघा बुनकरों और कारीगरों को प्रत्‍यक्ष विपणन मंच प्रदान करने के लिए प्रमुख 21 ई-वाणिज्‍य कंपनियां हथकरघा उत्‍पादों के ऑनलाइन विपणन में शामिल हुईं है। 2017-18 ई-विपणन के जरिए 5.5 करोड़ रुपए से अधिक की बिक्री की गई।

इंडिया हैण्‍डलूम ब्रांड : जैविक पदार्थों से बने उच्‍च गुणवत्‍ता के विश्‍वसनीय हथकरघा उत्‍पादों की गारंटी देने वाले इंडिया हैण्‍डलूम ब्रांड (आईएचबी) के जरिए भारतीय हथकरघा उद्योग को विश्‍वभर में मान्‍यता मिली है। विशेषरूप से इंडिया हैण्‍डलूम ब्रांड के उत्‍पादों को बेचने के लिए 100 विक्रय केन्‍द्रों के साथ साझेदारी की गई है जिसमें से 25 विक्रय केन्‍द्रों ने काम करना शुरू कर दिया है।   

4. तकनीकी वस्‍त्र: तकनीकी वस्‍त्र पर छठा अंतर्राष्‍ट्रीय प्रदर्शनी और सम्‍मेलन, टैक्‍नोटैक्‍स-2017 का आयोजन 12 से 14 अप्रैल, 2017 तक मुंबई में हुआ। इसका आयोजन महाराष्‍ट्र सरकार ने किया था। गुजरात, झारखंड और कर्नाटक आयोजन के सहयोगी राज्‍य थे। तकनीकी वस्‍त्र उद्योग के प्रमुख कार्याकारी अधिकारियों की भी बैठक आयोजित हुई। चीन, ताईवान, यूएसए, जापान, फ्रांस, घाना, इंडोनेशिया और बांग्लादेश समेत 22 देशों ने इस प्रदर्शनी में अपने उत्‍पादों का प्रदर्शन किया।

59.35 करोड़ रूपये की लागत से 11 इन्‍क्‍यूबेशन केंद्रों की स्‍थापना उत्‍कृष्‍टता केंद्रों तथा आईआईटी (दिल्‍ली, मुंबई, कानपुर और खड़गपुर) में की गई है।

जीएसटी लागू होने के बाद राज्‍य लेबी की दरों में बदलाव की अधिसूचना

मंत्रालय ने 24 नवम्‍बर, 2017 को गजट अधिसूचना संख्‍या 14/26/2010/आईटी के माध्‍यम से स्‍टेटलेबी की दरों में परिवर्तन की अधिसूचना दी। कपड़ों के लिए यह दर 1.25 प्रतिशत से 1.70 प्रतिशत है। तैयार वस्‍त्रों के लिए 1.40 प्रतिशत से 2.20 प्रतिशत तक है। नई दरें 1 अक्‍टूबर, 2017 से प्रभावी है।

सरकार ने तैयार वस्‍त्रों पर वाणिज्‍यिक निर्यात की दर को 2 प्रतिशत से बढ़ाकर 4 प्रतिशत कर दिया है। नई दर 1 नवम्‍बर, 2017 से 30 जून, 2018 तक प्रभावी रहेगी।

5. रेशम क्षेत्र

आयात के विकल्प कच्चे रेशम का उत्पादन : देश में आयात के विकल्प विवोल्टाइन रेशम का उत्पादन 19 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज करते हुए 2016-17 के 5266 एमटी के मुकाबले 2017-18 में 6200 एमटी होने का अनुमान लगाया गया है। मूगा रेशम का उत्पादन 170 एमटी हुआ है जो अब तक का सर्वाधिक है। पिछले तीन वर्षों में विवोल्टाइन रेशम के उत्पादन में 105 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। इसे आयात की बड़ी मात्रा के विकल्प के तौर पर उपयोग किया गया है।

 

गुणवत्ता और उत्पादकता बढ़ाने के लिए 8 मार्च, 2017 को स्वदेशी स्वचालित रिलिग मशीन और बुनियाद रिलिग मशीन लांच की गई। बुनियाद मशीनों के उपयोग से महिलाओं को उस कार्य से मुक्ति मिलेगी जिसमें वे अपनी जांघों पर रिलिग करती थीं।

 

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1 जुलाई, 2017 को गांधी नगर में रेशम उत्पादन क्षेत्र में सहयोग के लिए केंद्रीय सिल्क बोर्ड और गुआंगजी कृषि विभाग, चीन के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए। इसके तहत दोनों संस्थान रेशम कीड़ों के बीज को रोग - प्रतिरोधक के रूप में विकसित करने के लिए सहयोग करेंगे।

 

बैग्लुरू में एक अत्याधुनिक प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना की गई है इसमें व्यावहारिक प्रशिक्षण के लिए कक्षा और प्रयोगशाला सुविधा है।

 

6. कपास क्षेत्र

105 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में कपास उत्पादन के साथ भारत ने विश्व में पहला स्थान प्राप्त कर लिया है। भारत विश्व का सबसे बड़ा कपास उत्पादक है। 2016-17 में 345 लाख गांठो का उत्पादन हुआ। भारत कपास का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक है।

 

कपास के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य : कपास किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य दिलाने के लिए भारत सरकार ने भारत कपास निगम (सीसीआई) को नोडल एजेंसी के रूप में नामांकित किया। यह कपास उत्पादन करने वाले सभी राज्यों में न्यूनतम समर्थन मूल्य संबंधी गतिविधियों का संचालन करेगा जहां कपास के बीज का मूल्य एमएसपी के लगभग हो जाता है। 2017-18 के कपास मौसम के दौरान 13 दिसंबर, 2017 तक 88.31 लाख गांठ बाजार में पहुंची हैं। इनमें से 3.62 लाख गांठों की खरीद एमएसपी के तहत सीसीआई द्वारा की गई है।

 

7. जूट क्षेत्र  

वर्ष 2017-18 के लिए कच्चे जूट के मूल्य का अनुमोदन : आर्थिक मामलों की केबिनेट समिति ने वर्ष 2017-18 के लिए कच्चे जूट का न्यूनतम समर्थन मूल्य 3500 रुपये प्रति क्वंटल निर्धारित किया है। समिति ने भारत जूट निगम को केंद्र सरकार के नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करने के लिए प्राधिकृत किया है। यह समर्थन मूल्य संबंधित गतिविधियों का संचालन करेगा और यदि इसमें कोई हानि होती है तो इसकी पूरी भरपाई केंद्र सरकार करेगी।  

 

8. तकनीक उन्‍नयन योजना: संशोधित तकनीक कोष योजना (एटीयूएफएस) के अंतर्गत 3504 मामलों का अनुमोदन किया गया है। अनुमानित लागत 12426 करोड़ रूपये है। इसमें सरकारी सब्‍सिडी 956.50 करोड़ रूपये हैं। ये नई परियोजनाएं एक लाख रोजगार के अवसर सृजित करेंगी। इसके अतिरिक्‍त वर्तमान 3 लाख कर्मियों को सहायता मिलेगी।

9. वस्‍त्र उद्योग में पूर्वोत्‍तर क्षेत्र की क्षमता का उपयोग: सरकार ने 29-30 जनवरी, 2017 को शिलोंग में वस्‍त्र निर्माण पर पहला पूर्वोत्‍तर निवेश सम्‍मेलन आयोजन किया। इसका उद्देश्‍य पूर्वोत्‍तर क्षेत्र में वैश्‍विक निवेश को आकर्षित करना था। इस सम्‍मेलन में केंद्रीय मंत्रालयों, सभी पूर्वोत्‍तर राज्‍यों निर्यात संवर्द्धन परिषदों तथा उद्योग संघों ने भाग लिया। व्‍यापार व निवेश बढ़ाने के लिए 21 समझौता ज्ञापनों पर हस्‍ताक्षर किए गए।

The Union Minister for Textiles, Smt. Smriti Irani delivering the inaugural address at the first ever North East Investors’ Summit, at Shillong on January 29, 2017. The Chairman, NEC and Minister of State for Development of North Eastern Region (I/C), Prime Minister’s Office, Personnel, Public Grievances & Pensions, Atomic Energy and Space, Dr. Jitendra Singh, the Chief Minister of Meghalaya, Dr. Mukul Sangma, the Minister of State for Home Affairs, Shri Kiren Rijiju, the Vice Chairman, NITI Aayog, Dr. Arvind Panagariya and other dignitaries are also seen.    

 

केंद्रीय वस्‍त्र मंत्री श्रीमती स्‍मृति जुबिन इरानी ने 30 जनवरी, 2017 को अमपति, मेघालय में एपेरल एंड गारमेंट सेंटर का उद्घाटन किया। इस केंद्र की स्‍थापना पूर्वोत्‍तर वस्‍त्र संवर्द्धन योजना (एनईआरटीपीएस) के अंतर्गत की गई है।

The Union Minister for Textiles, Smt. Smriti Irani accompanied by the Chief Minister of Meghalaya, Dr. Mukul Sangma and the Minister of State for Home Affairs, Shri Kiren Rijiju inaugurating the Apparel & Garment Making Centre, at Hatisil, Ampati, in Meghalaya on January 30, 2017.

केंद्र के 690.01 करोड़ रूपये के सहयोग से वस्‍त्र मंत्रालय पूर्वोत्‍तर क्षेत्र में सेरीकल्‍चर परियोजनाओं को लागू कर रहा है। इन परियोजनाओं का उद्देश्‍य सेरीकल्‍चर को वाणिज्‍यिक रूप से सफल आर्थिक गतिविधि बनाना है, इसके लिए आवश्‍यक अवसंरचना का विकास किया जा रहा है और रेशम कीट पालन के लिए जरूरी कौशल प्रशिक्षण दिया जा रहा है। मलबरी, ऐड़ी, मूगा रेशम के पौधा रोपण के लिए 28,200 एकड़ जमीन खरीदी गई है। इन गतिविधियों से कच्‍चे रेशम का उत्‍पादन 1460 एमटी हो गया है। 2014-15 के मुकाबले 2016-17 में 36 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।

पूर्वोत्‍तर में जियोटैक्‍नीकल वस्‍त्र संवर्द्धन परियोजना: चार नई सड़क परियोजनाओं (2 मिजोरम में और 2 मेघालय में) शुरू की गई हैं। 8 पूर्वोत्‍तर राज्‍यों में 98.19 करोड़ रूपये की लागत से 34 नई परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।

जियोटैक्‍सटाइल के अनुप्रयोग से मणिपुर में एयरपोर्ट रोड परियोजना पूरी की गई है। मेघालय और मणिपुर की परियोजनाओं पर काम चल रहा है।

10. राष्‍ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्‍थान:  निफ्ट के एक कैम्‍पस की शुरूआत 2017 में श्रीनगर में की गई। 325.36 करोड़ रूपये की लागत से इस कैम्‍पस का निर्माण हुआ है।

2017 के शैक्षणिक सत्र से सामुदायिक शिल्‍प पर एक स्‍नातक पाठ्यक्रम प्रारंभ किया गया है। निफ्ट ने विकास आयुक्‍त (हस्‍तशिल्‍प) और विकास आयुक्‍त (हैंडलूम) के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर किया है।

उस्‍ताद परियोजना (विकास के लिए पैतृक कला/हस्‍तकला में कौशल उन्‍नयन और प्रशिक्षण) 25 सामुदायिक हस्‍तशिल्‍प और सामुदायिक हथकरघा के सहयोग से शुरू की गई है। 4 एक वर्षीय पाठ्यक्रम भी प्रारंभ किए गए हैं।  

11. वस्त्र क्षेत्र में कौशल

वस्त्र मंत्रालय ने एकीकृत कौशल विकास योजना लागू किया है। पिछले वर्ष 4.8 लाख लोंगो को प्रशिक्षण प्रदान किया गया। इनमें से 74 प्रतिशत लोगों को नौकरियां प्राप्त हुई।

केंद्रीय कैबिनेट ने 20 दिसम्बर, 2017 को वस्त्र क्षेत्र की संपूर्ण श्रृंखला के लिए 1300 करोड़ रूपये की लागत से ‘वस्त्र क्षेत्र में क्षमता निर्माण  के लिए योजना’ (एससीबीटीएस) को मंजूरी दी।

इस योजना का उद्देश्यं मांग के आधार पर और रोजगार मिलने के संदर्भ में कौशल प्रशिक्षण देना है। वस्त्र उद्योग को रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए प्रोत्साहित करना है और पूरे देश में सभी को आजीविका के साधन प्रदान करने का प्रयास करना है।

यह योजना समाज के सभी वर्गों के कल्याण के लिए लागू की जाएगी। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, दिव्यांग, अल्पसंख्यक और समाज के अन्य कमजोर वर्गों को प्राथमिकता दी जाएगी। 12वीं योजना में 10 लाख से अधिक लोगों को प्रशिक्षण दिया गया है। इनमें 70 प्रतिशत महिलाएं हैं।

इस योजना के अंतर्गत 10 लाख से अधिक लोगों को प्रशिक्षित करने का अनुमान है। इनमें से एक लाख लोग प्रारंभिक क्षेत्रों के होंगे।

12. शोध और विकास परियोजना : 31 करोड़ रूपये की लागत से ‘भारत का राष्ट्रीय पैमाना सर्वेक्षण’ परियोजना को मंजूरी दी गई है। इसकी जिम्मेदारी राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान को दी गई है।

13. राष्ट्रीय कपड़ा निगम (एनटीसी) :

एनटीसी ने 2016-17 में 969.38 करोड़ रूपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया है। अप्रैल-अक्टूबर, 2017 की अवधि में कंपनी ने 300 लाख किलोग्राम यार्न तथा 111 लाख मीटर वस्त्रर का उत्पादन किया है। एनटीसी के स्वामित्व में कुल भूमि की स्थिति, क्षेत्रफल आदि ब्यौरे का डिजिटिलीकरण किया गया है।

14. वेब आधारित सॉफ्टवेयर प्रणाली : कपड़ा आयुक्त कार्यालय ने एक वेब आधारित सॉफ्टवेयर प्रणाली- कपड़ा सांख्यिकी प्रणाली (टीएसआरएस) का शुभारंभ किया है। इसका उद्देश्य सभी वस्त्र इकाइयों से आवश्याक आंकड़ों को इकट्ठा करना है। इस वेब पोर्टल में अब तक 500 इकाइयां ने पंजीकृत हुई हैं।    

15. स्वच्छता ही सेवा अभियान: कपड़ा मंत्रालय ने अपने सभी कार्यालयों/संगठनों में 15 सितम्बर, 2017 से 02 अक्टूबर, 2017 तक स्वच्छाता ही सेवा अभियान का आयोजन किया। कपड़ा मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन इरानी ने 17 सितम्बर, 2017 को चंडीगढ में आयोजित श्रमदान सेवा दिवस में भाग लिया। कपड़ा राज्या मंत्री श्री अजय टम्टा ने उत्तराखंड में आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लिया जबकि कपड़ा सचिव श्री अनंत कुमार सिंह ने हैदराबाद के बुनकर सेवा केंद्र में हिस्सा  लिया।   

 

वीके/एएम/एमके/जेके/एसकेपी/आरएन/सीएस/एमबी-6199

 

  



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