पर्यटन मंत्रालय

वर्षांत समीक्षा-2017 :पर्यटन मंत्रालय


यात्रा व पर्यटन प्रतिस्‍पर्धा सूचकांक 2017 में भारत 2013 की तुलना में  25 पायदान ऊपर पहुंचा



पर्यटन मंत्रालय ने ‘अतुल्‍य भारत 2.0 अभियान का शुभारंभ किया



31 राज्‍यों और केन्‍द्रशासित प्रदेशों में पर्यटन पर्व का आयोजन किया गया

Posted On: 28 DEC 2017 9:00PM by PIB Delhi

पर्यटन के विकास व प्रोत्‍साहन से संबंधित राष्‍ट्रीय नीतियां व कार्यक्रमों के निर्माण के लिए पर्यटन मंत्रालय नोडल एजेंसी है। इसके लिए मंत्रालय केन्‍द्रीय मंत्रालयों/एजेंसियों, राज्‍य सरकारों/केन्‍द्रशासित प्रशासनों तथा निजी क्षेत्र के प्रतिनिधियों जैसे विभिन्‍न हितधारकों के साथ विचार विमर्श और सहयोग करता है। भारत सहित अनेक देशों में पर्यटन, आर्थिक विकास का मुख्‍य इंजन है तथा विदेशी मुद्रा कमाने का एक प्रमुख स्रोत है। यह बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर सृजित करने में सक्षम है। इनमें विशिष्ट रोजगार से लेकर अकुशल रोजगार तक शामिल हैं। रोजगार के अतिरिक्‍त अवसर सृजित करने में यह क्षेत्र महत्‍वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है। न्‍याय के साथ विकास प्राप्‍त करने में भी यह प्रमुख भूमिका निभा सकता है। इसका मुख्य उद्देश्‍य भारत में पर्यटन के लिए सुविधाएं बढ़ाना तथा पर्यटन को बढ़ावा देना है। मंत्रालय की कुछ प्रमुख जिम्‍मेदारियां हैं- पर्यटन अवसंरचना का विकास, वीजा प्रक्रिया को सरल बनाना, पर्यटन सेवा प्रदाताओं द्वारा मानदंडों के अनुरूप सेवाएं प्रदान करना आदि।  

  • यात्रा व पर्यटन प्रतिस्‍पर्धा सूचकांक 2017(टीटीसीआई) में भारत 2013 की तुलना में  25 पायदान ऊपर पहुंचा(टीटीसीआई)। टीटीसीआई रिपोर्ट 2017 में भारत का स्‍थान 40वां था, जब‍कि 2015 में यह 52वें तथा 2013 में 65वें स्‍थान पर था।

पर्यटन के आंकड़े

  • पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में जनवरी-नवम्‍बर 2017 में 15.6 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 90.01 लाख विदेशी पर्यटक भारत आए। जनवरी-नवम्‍बर 2015 की तुलना में जनवरी-नवम्‍बर 2016 के दौरान 9.4 प्रतिशत की बढ़ोत्‍तरी के साथ 77.83 लाख विदेशी पर्यटक भारत आए।
  • पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में जनवरी-नवम्‍बर 2017 में 58.8 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 9.17 लाख विदेशी पर्यटक ई-पर्यटन वीजा पर भारत आए।
  • पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में जनवरी-नवम्‍बर 2017 के दौरान 16.9 प्रतिशत की बढ़ोत्‍तरी के साथ 1,60,865 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा अर्जित हुई।
  • 2016 के दौरान घरेलू पर्यटकों की संख्‍या 1613.6 मीलियन दर्ज की गई। इसमें 2015 की तुलना में 12.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

पर्यटन अवसंरचना का विकास

  • पर्यटकों को बेहतर पर्यटन अनुभव प्रदान के लिए पर्यटन अवसंरचना के विकास को प्राथमिकता दी गई है। स्‍वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत थीम आधारित पर्यटन यात्रा मार्गों को विकसित किया गया है। 2017-18 के दौरान 824.80 करोड़ रुपये की लागत से 11 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। इस योजना के अंतर्गत 5648.71 करोड़ रुपये की लागत से कुल 67 परियोजनाओं की स्‍वीकृति दी गई है।
  • राष्‍ट्रीय तीर्थस्‍थल पुन:स्‍थापना और आध्‍यात्मिक, विरासत विकास मिशन(पीआरएएसएचएडी) योजना के अंतर्गत तीर्थस्‍थलों की पहचान करके समग्र विकास करने के कार्यक्रम शुरू किए गए हैं। 2017-18 के दौरान 98.84 करोड़ रुपये की लागत से कुल 3 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। इस योजना के तहत अब तक 587.29 करोड़ रुपये की लागत से कुल 21 परियोजनाओं को मंजूर किया गया है।

पर्यटन केन्‍द्रों का समग्र विकास

  • पर्यटन मंत्रालय ने पर्यटन केन्‍द्रों पर विश्‍वस्‍तरीय सुविधाएं प्रदान करने के कार्य को प्राथमिकता में रखा है। इसके अन्‍तर्गत अवसंरचना का विकास, जनसुविधाएं, बहुभाषा केन्‍द्र तथा कौशल विकास जैसे कार्यक्रम शामिल हैं। पर्यटन मंत्रालय ने केन्‍द्र सरकार के अन्‍य मंत्रालयों, राज्‍य सरकारों और उद्योग जगत के हितधारकों के साथ मिलकर ‘विरासत गोद लें’ नाम से एक कार्यक्रम लॉंच किया है। सार्वजनिक क्षेत्र, निजी क्षेत्र और व्‍यक्तिगत स्‍तर पर भी इन स्‍थलों में सुविधाएं विकसित करने का कार्य किया जा सकता है। ऐसा करने वालों को ‘स्‍मारक मित्र’ के नाम से जाना जाएगा।
  • 2017-18 के बजट में यह घोषणा की गई थी कि राज्‍यों के साथ मिलकर विशेष पर्यटन क्षेत्र विकसित किए जायेंगे। राज्‍य सरकारों और निजी क्षेत्रों के साथ विचार-विमर्श करके पर्यटन मंत्रालय ने इस नई योजना के लिए दिशा-निर्देश तैयार किए हैं। विशेष पर्यटन क्षेत्र के निर्माण से उस क्षेत्र का समग्र विकास होगा। जीविका के अवसरों का निर्माण होगा और स्‍थानीय लोगों के जीवन स्‍तर में वृद्धि होगी।

पर्यटन पर्व

  • अक्‍तूबर 2017 को 31 राज्‍यों व केन्‍द्रशासित प्रदेशों में पर्यटन पर्व का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्‍य पर्यटन के लाभों को रेखांकित करना था। इसमें देश की सांस्‍कृतिक विभिन्‍नता को दर्शाया गया। ‘सभी के लिए पर्यटन’ इस कार्यक्रम की मुख्‍य अवधारणा थी। इस कार्यक्रम में सांस्‍कृतिक कार्यक्रम, फूड फेस्टिवल, पर्यटन प्रदर्शनी, हथकरघा और हस्‍तशिल्‍प उत्‍पादों का प्रदर्शन, योग सत्र, पर्यटन व विरासत भ्रमण, छात्रों के लिए पर्यटन आधारित प्रतियोगिता, जागरूकता कार्यक्रम, सेमीनार और कार्यशालाएं शामिल थीं।

 

 

केंद्र, राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों के पर्यटन, संस्कृति युवा मामले और खेल मंत्रियों तथा सचिवों का राष्ट्रीय सम्मेलन

 

  • जनवरी, 2017 में संस्कृति और युवा मामले एवं खेल मंत्रालय के साथ पर्यटन मंत्रालय ने गुजरात सरकार के सहयोग से धोर्दो, कच्छ के रन में केंद्रीय और राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों के पर्यटन, संस्कृति युवा मामले और खेल मंत्रियों तथा सचिवों का राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया। सम्मेलन का उद्घाटन माननीय प्रधानमंत्री ने विडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से किया। सम्मेलन की थीम पर्यटन, संस्कृति युवा मामले और खेलों को युवा भारत और ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ बनाने की दिशा में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के विषयों के साथ समन्वय स्थापित करना है। 


भारत पर्व

  • पर्यटन मंत्रालय को भारत सरकार द्वारा लाल किले पर गणतंत्र दिवस आयोजन एक भाग के रूप में 26 से 31 जनवरी, 2017 तक आयोजित भारत पर्व कार्यक्रम के लिए नोडल मंत्रालय बनाया गया है। इस कार्यक्रम के तहत देश के विभिन्न भागों से गणतंत्र दिवस परेड, झाकियां, सशस्त्र बल बेंडों द्वारा प्रस्तुति, फुड फेस्टिवल, शिल्प मेला और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाऐंगे।
  • पर्यटन मंत्रालय द्वारा 5-7 दिसम्बर, 2017 तक गोवाहटी, असम में छठा अंतर्राष्ट्रीय हाट (आईटीएम) आयोजित किया गया। अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मार्ट एक वार्षिक कार्यक्रम है जिसे घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में पर्यटन संभवनाओं को दर्शाने के लिए पूर्वोत्तर क्षेत्र में आयोजित किया जाता है। इस हाट में 29 देशों के 76 विदेशी क्रेता प्रतिनिधिमंडल, देश के विभिन्न भागों से पर्यटन क्षेत्र के 50 घरेलू भागीदार और पूर्वोत्तर राज्यों के 86 क्रेताओं ने भाग लिया। पूर्वोत्तर राज्यों के राज्य पर्यटन विभागों द्वारा एक प्रदर्शनी लगाई गई, जिसमें संबंधित भागीदार राज्यों के पर्यटन संबंधी उत्पादों को दर्शाने के लिए सुंदर हस्तशिल्प और हथकरघा उत्पादों का प्रदर्शन किया गया।

तीन रेलवे स्टेशनों पर पर्यटन संबंधी सुविधाओँ का विकास

गोवा में

  • कोंकण रेलवे की यात्रा सुंदर परिदृश्यों के कारण देश में सबसे यादगार ट्रेन यात्राओं में से एक है। पर्यटन मंत्रालय ने पर्यटन दृष्टिकोण से कोंकण रेलवे के महत्व पर विचार करते हुए गोवा में मडगांव, कारमली और थिविम रेलवे स्टेशनों पर पर्यटन सुविधाओं का विकास करने के लिए 2499.98 लाख रुपये स्वीकृत किए है।

कांच की छत वाले डिब्बे

  • पर्यटन मंत्रालय अपनी रेल पर्यटन नीति के तहत तीन कांच वाले डब्बे बनाने के लिए रेल मंत्रालय के साथ सहयोग कर रहा है जिन्हें देश के प्राकृतिक दृश्यों वाले मार्गों पर संचालित किया जाएगा। कांच की छत वाले इन डब्बों में अधिक चौड़े आरामदायक बैठने के स्थान, बड़ी खिड़कियां और एक किनारे पर एक तरफ से दिखाई देने वाली खिड़कियां, कांच की छत, घूमने वाले सीट, स्वचालित सरकने वाले दरवाजे, छोटी पेंट्री और चौड़े दरवाजे लगाए गए हैं। कांच की छत वाले दो डब्बे 2017 में विशाखापत्तनम-अरकू घाटी और दादर से मडगांव मार्ग पर चलाए गए है। तीसरा कांच की छत वाला डब्बा जम्मू और कश्मीर राज्य में काजीगंड-बारामूला मार्ग पर चलने के लिए पुनः ठीक किया जा रहा है।
  • अप्रैल, 2017 में आईडब्लूएआई ने सेना के 8 ट्रकों को रो-रो जहाज के माध्यम से पांडु से डिब्रूगढ पहुँचाया।
  • मई, 2017 में आईडब्लूएआई ने पूर्वोत्तर विभाग की सहायता से एक रोड शो का आयोजन किया। इसमें मुख्य रूप से ब्रह्मपुत्र नदी में कार्गो द्वारा यात्रियों के परिवहन की क्षमता को दिखाया गया था।
  • जुलाई, 2017 में आईडब्लूएआई ने धुबरी और हत्सिंगीमरी के बीच रो-रो सेवा प्रारम्भ की। इसके लिए रो-रो जहाज एम.वी.गोपीनाथ बोरदोलोई का उपयोग किया गया, जो एक साथ 8 ट्रकों और 100 यात्रियों को ढो सकता है।
  • सितम्बर, 2017 में बंग्लादेश में चूना पत्थर लदे कार्गो को करीम गंज से आसूगंज ले जाया गया।
  • पावर ग्रीड के विशाल ट्रांसफॉर्मर को ब्रह्मपुत्र (एनडब्ल्यू-2) के मार्ग से ले जाया गया। इसे रेल या सड़क के मार्ग से ले जाना संभव नहीं था।
  • ब्रह्मपुत्र में नदी पर्यटन काफी लोकप्रिय है। दो जहाजों-एमवी महाबहु और एमवी चाराईडिऊ- का सोऊलकूची और मजौली के मध्य संचालन किया जा रहा है। विदेशी और घरेलू पर्यटक इसका आनंद ले रहे है।
  • आईडब्लूएआई दो रो-रो जहाज प्राप्त करने की प्रक्रिया में है। पहले जहाज की क्षमता 8 ट्रकों सहित 100 यात्रियों को ढोने की होगी जबकि दूसरे जहाज में 12 ट्रक और 100 यात्री ढोए जा सकेंगे। इसके अतिरिक्त आईडब्लूएआई चार अन्य रो-रो जहाज प्राप्त करने की प्रक्रिया में है, जिन्हें ब्रह्मपुत्र में संचालित किया जाएगा। 

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